मुझे जॉब चाहिए, बजट से मेरी उम्मीदें: 8.72 लाख खाली पदों पर भर्ती करे केंद्र, हेल्थ और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स को ‘बूस्टर डोज’ मिले
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नई दिल्ली5 घंटे पहले
26 साल के आशुतोष एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करते थे, लेकिन 2020 में आई कोरोना की पहली लहर में हुई छंटनी में उनकी नौकरी चली गई थी। इसके बाद नौकरी मिली, लेकिन उन्हें अपनी पिछली सैलरी से कम पर जॉब करना पड़ा। हालांकि दूसरी लहर ने उनकी ये नौकरी भी छीन ली। अब आशुतोष करीब 1 साल से नौकरी की तलाश में हैं।
इधर, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को कोरोना काल का दूसरा बजट पेश करेंगी। हमने जब आशुतोष से बजट को लेकर उनकी उम्मीदों के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सरकार को सभी रुकी हुई वैकेंसीज पर जल्द से जल्द भर्तियां करनी चाहिए। इसके अलावा प्राइवेट सेक्टर में नई नौकरी पैदा करने के लिए सरकार ज्यादा और तेजी से प्रयास करे।
कोरोना के चलते कई विभागों की भर्ती पटरी से उतरी
पिछले 2 साल से कोरोना की वजह से कई विभागों की भर्तियां पटरी से उतर गई हैं। कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने 29 जुलाई 2021 को राज्य सभा में बताया था कि एक मार्च 2020 तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों में करीब 8.72 लाख पद खाली हैं। ऐसे में रोजगार देने के लिए इन पदों पर जल्दी से जल्दी भर्ती की जानी चाहिए।
भर्ती प्रक्रिया में आए तेजी
कई बार देखा जाता है कि वैकेंसी के फॉर्म आने और जॉइनिंग मिलने में 1 से 2 साल तक का समय लग जाता है। ऐसे में सरकार इस बार प्रक्रिया को तेज करने के लिए कदम उठा सकती है।
इंफ्रा, हेल्थ और हॉस्पिटैलिटी सेक्टर्स को बूस्टर पैकेज
लॉकडाउन और बंदिशों का सबसे ज्यादा खामियाजा इंफ्रा, हेल्थ और हॉस्पिटैलिटी सहित कई सेक्टर्स को भुगतना पड़ा है। इसके अलावा कोरोना ने हेल्थकेयर सेक्टर की कमियों को भी उजागर कर दिया है। ऐसे में सरकार इस बजट में कई सेक्टर्स पर फोकस कर उसे विशेष पैकेज दे सकती है। इससे आने वाले समय में इन सेक्टर्स में रोजगार की संभावनाएं बढ़ेंगी।
इसके अलावा कोरोना के कारण सबसे ज्यादा बेरोजगारी की मार असंगठित क्षेत्र के हॉकर और रेहड़ी-पटरी पर सामान बेचने वालों पर पड़ी है। सरकार इनके लिए भी राहत पैकेज ला सकती है।
इकोनॉमी एक्सपर्ट डॉ. कन्हैया आहूजा कहते हैं कि कोरोना में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। सरकार इस बजट में बाजार में कैपिटल फ्लो बढ़ा सकती है। इससे प्राइवेट सेक्टर में ज्यादा नौकरियां आएंगी।
लोगों को रोजगार देने वाला बनाने के लिए MSME पर रह सकता है फोकस
सरकार MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) को भी राहत पैकेज दे सकती है। यही वो सेक्टर है जो वास्तव में युवाओं का पलायन रोक कर रोजगार को छोटे शहरों तक पहुंचा सकता है। इसलिए ज्यादा युवाओं को रोजगार देने वाला बनाने के लिए सरकार MSME पर फोकस कर सकती है।
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