इंदौर9 मिनट पहलेलेखक: हेमंत नागले
न्यूजीलैंड से टी-20 मुकाबले के लिए इंदौर से दो प्लेयर का सिलेक्शन हुआ है। ये खिलाड़ी हैं आवेश खान और वेकटेंश अय्यर। जैसे ही, आवेश खान के सिलेक्शन के बारे में पता चला, उसके घर बधाइयों का तांता लग गया। आवेश का कहना है कि वह पूरी शिद्दत के साथ देश और टीम के लिए खेलेंगे।
इंदौर की श्रीनगर एक्सटेंशन की गलियों में कभी प्लास्टिक की बॉल से खेलने वाला आवेश अब इंटरनेशनल मैच खेलेंगे। आवेश की मेहनत और जुनून ही है कि उन्हें इंडियन टीम में जगह मिली। वैसे, इंदौर ने अमय खुरासिया ओर नमन ओझा जैसे खिलाड़ी भी देश को दिए हैं, लेकिन हाल में चल रहे शॉर्ट क्रिकेट के जुनून के बीच शहर से एक साथ दो खिलाड़ियों के सिलेक्शन ने एक बार फिर इंदौर का नाम भारत के नक्शे पर ला दिया है। भास्कर संवाददाता ने आवेश खान और उनके परिवार से बातचीत की…
सवाल: कैसा फील हो रहा है?
आवेश: कोशिश रहेगी कि इंदौर का नाम रोशन करूं। प्रदेश और देश का नाम रोशन करूं। खुशी है कि परिवार और माता-पिता का नाम रोशन किया है। जिनको भी पता है कि मेरा टीम में चयन हुआ है, उनकी बधाई मिल रही है।
सवाल: फिलहाल भारतीय टीम की परफॉर्मेंस में थोड़ी कमजोरी है। किस तरह की स्ट्रैटजी होगी आपकी?
आवेश: हार-जीत चलती रहती है। अब जीत को लेकर ज्यादा फोकस करेंगे। राहुल द्रविड़ नए कोच मिले हैं। उनका क्या प्लान है, मीटिंग में बात करेंगे, जयपुर जाएंगे, तो वहां पता चलेगा टीम की क्या प्लानिंग है।
सवाल: गली क्रिकेट की कुछ यादें?
आवेश: गली में काफी क्रिकेट खेला हूं। लोग खुश होते थे। आज गली से ही यहां पहुंचा हूं। जब भी देश के लिए खेलूंगा, निश्चित तौर अपना 100% दूंगा।
माता-पिता के साथ आवेश खान।
पिता बोले- आवेश को सिर्फ खेलने का जुनून था
पिता के मुताबिक आवेश सिर्फ क्रिकेट खेलने की ही जिद करता था। सब काम छोड़कर क्रिकेट पर ही फोकस करता था। क्रिकेट में तो करीब 10 घंटे देता था। इसके साथ ही पढ़ाई में भी होनहार था।
मां बोलीं- मैंने हमेशा खेलने से रोका था
आवेश की मां ने बताया कि उन्होंने बेटे को हमेशा क्रिकेट खेलने से रोका था। मुझे नहीं पता था कि ये एक दिन देश का नाम रोशन करेगा। टीम में सिलेक्शन हुआ है, तो खुशी मिलती है। बेटे को अच्छा खेलते देखना चाहती हूं।
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