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- Soya Oil ; Oil ; Oil Prices Started Decreasing Due To Weak Demand And Increasing Supply, This Decline Will Continue Even Further
नई दिल्ली3 दिन पहले
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मानसून की धमक के चलते तेज गर्मी के साथ-साथ महंगाई की तपिश से भी राहत मिलने लगी है। बीते माह घरेलू बाजार में खाद्य तेल के दाम 9% तक घटे हैं और इस माह इनकी कीमतों में और गिरावट की संभावना है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सप्लाई बढ़ना इसकी सबसे बड़ी वजह है।
बीते माह अंतरराष्ट्रीय बाजार में सन फ्लावर ऑयल, सरसों तेल, पाम कर्नेल ऑयल और कोकोनट ऑयल के भाव 2-13.5% घटे। सोया तेल के दाम स्थिर रहे और पाम ऑयल में मामूली तेजी आई। इसके चलते घरेलू बाजार में सन फ्लावर ऑयल को छोड़कर अन्य सभी खाद्य तेल के खुदरा दाम 2-9% घट गए। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (SEA) के प्रेसिडेंट अतुल चतुर्वेदी ने कहा कि इंडोनेशिया से सप्लाई बहाल होने, ब्याज दरों में बढ़ोतरी और खपत में कमी से तेल बाजार का रुझान पलट गया है। रूस से सन फ्लावर ऑयल की आपूर्ति शुरू हो गई है और यूक्रेन से भी जल्द इसका निर्यात बहाल होने की संभावना है।
तेज गरमी के सीजन में अमूमन घट जाती है खाद्य तेल की मांग
घरेलू बाजार में खाद्य तेल के दाम दबाव में आने की एक वजह तेज गरमी भी है। केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने कहा कि इस साल देश में रिकॉर्ड तोड़ गरमी पड़ रही है। गरमी ज्यादा हो तो तेल की मांग अमूमन कम हो जाती है। इसके अलावा शादियों का सीजन भी अब खत्म हो रहा है। इस बीच अंतरराष्ट्रीय बाजार से सप्लाई बढ़ रही है। ऐसे में इस माह तेल की महंगाई से और राहत मिल सकती है।
स्टॉक ज्यादा, दाम घटने पर तिलहन निकाल रहे किसान
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन (सोपा) ऑफ इंडिया के एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर डीएन पाठक के मुताबिक, अभी तेल बाजार ठंडा ही रहने की संभावना है। उन्होंने बताया कि किसानों ने दाम बढ़ने की उम्मीद में बड़े पैमाने पर तिलहन स्टॉक कर रखा था, लेकिन अब गिरावट का रुझान देखकर वे बचा हुआ माल निकल रहे हैं। इसके चलते तिलहन के भाव भी दबाव में आ गए हैं। इसका असर तेल की कीमतों पर नजर आ रहा है।
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