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महंगाई पर संसद में वित्त मंत्री का जवाब: सीतारमण बोलीं- UPA में 9 बार महंगाई डबल डिजिट में रही, हम 7% से नीचे लाए

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नई दिल्ली7 मिनट पहले

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लोकसभा में सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने महंगाई पर सरकार की ओर से जवाब दिया। उन्होंने कहा कि UPA सरकार के रहते देश में महंगाई 9 बार डबल डिजिट में रही। UPA सरकार के दौरान 22 महीने तक रिटेल महंगाई 9% से ज्यादा रही। हम महंगाई को 7% से नीचे लाएंगे।

GST संग्रह पिछले 5 महीनों से लगातार 1.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक है। 8 इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में जून में डबल डिजिट में बढ़ोतरी हुई। जून में कोर सेक्टर में वार्षिक दर से 12.7% की बढ़ोतरी दर्ज की गई। भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत सकारात्मक संकेत दिखा रही है। इस बीच, महंगाई पर चर्चा के लिए सीतारमण के जवाब के बीच कांग्रेस सांसदों ने लोकसभा से वॉक आउट कर दिया।

पढ़िए महंगाई पर वित्त मंत्री ने और क्या-क्या कहा…

भारत में मंदी की संभावना जीरो
वित्त मंत्री ने कहा, अमेरिका की GDP में दूसरी तिमाही में 0.9% की गिरावट दर्ज की गई और पहली तिमाही में 1.6% की गिरावट दर्ज की गई थी जिसे उन्होंने अनौपचारिक मंदी का नाम दिया। भारत में मंदी या मुद्रास्फीतिजनित मंदी का सवाल ही नहीं उठता। ब्लूमबर्ग के सर्वे में बताया गया है कि भारत में मंदी की संभावना 0 है।

जुलाई 2022 में दूसरे बड़ा GST कलेक्शन
सीतारमण ने कहा कि जुलाई 2022 में, हमने GST लागू होने के बाद से अब तक का दूसरा उच्चतम कलेक्शन हासिल किया है। जुलाई में GST कलेक्शन जो 1.49 लाख करोड़ रुपए रहा। यह लगातार पांचवां महीना है जब कलेक्शन 1.4 लाख करोड़ रुपये से ऊपर रहा है।

विपरीत हालात में भी भारत की इकोनॉमी बेहतर
वित्त मंत्री ने कहा, हमें देखना होगा कि दुनिया में क्या हो रहा है और भारत दुनिया में क्या स्थान रखता है। विश्व ने ऐसी महामारी का सामना पहले कभी नहीं किया। महामारी से बाहर आने के लिए हर कोई अपने स्तर पर काम कर रहा है, इसलिए मैं भारत के लोगों को इसका श्रेय देती हूं। विपरीत हालात में भी भारत की इकोनॉमी बेहतर है। हमें कोरोना महामारी को भी ध्यान में रखना होगा। राजनीति से ऊपर उठकर देश पर गर्व करना होगा। ऐसा नहीं है कि देश में समस्या नहीं है। विपक्ष महंगाई पर राजनीति न करे।

ये भी ध्यान देने की जरूरत है कि दुनिया किधर जा रही है। भारत मंदी की ओर नहीं जा रहा है। अमेरिका में अघोषित मंदी है। विपरीत परिस्थितियों के बावजूद पिछले 2 साल में भारत को विश्व बैंक, IMF और दूसरी वैश्विक संस्थाओं द्वारा विश्व की विकास दर और भारत की विकास दर के बारे में कई बार आकलन है। हर बार जब उन्होंने आकलन किया है, विश्व की विकास दर उस अवधि में अनुमान से कम रही है, भारत की भी विकास दर अनुमान से कम रही है, लेकिन हर बार भारत की विकास दर सर्वाधिक रही है।

बता दें कि सरकार की तरफ से लगातार यही कहा जा रहा था कि वित्त मंत्री कोविड संक्रमित हैं और उनके स्वस्थ होकर वापस आते ही सरकार इस पर चर्चा कराने को तैयार हैं। वित्त मंत्री अब स्वस्थ होकर संसद में आ चुकी हैं। 18 जुलाई को मानसून सत्र की शुरुआत हुई थी।

प्राइस राइज नहीं हुआ
वित्त मंत्री के बोलने से ठीक पहले बीजेपी सांसद जयंत सिन्हा ने कहा कि कोई प्राइस राइज नहीं हुआ है। उन्होंने विपक्ष पर सदन के वेल में ड्रामा करने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘विपक्ष प्राइस राइज का पता लगाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वे इसे ढूंढ नहीं पा रहे हैं।’

बच्चों को भी नहीं बख्श रही सरकार
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कहा, ‘देश में पिछले 14 महीने से महंगाई की दर दो अंकों में है, जो कि 30 साल में सबसे ज्यादा है। कंज्यूमर फूड प्राइस इंडेक्स आसमान छू रहा है। चावल, दही, पनीर और पेंसिल और शार्पनर जैसी डेली यूज की चीजों पर GST बढ़ा दिया गया है। यहां तक कि सरकार बच्चों को भी नहीं बख्श रही है।

जून में भारत की रिटेल महंगाई 7.01% रही
पिछले महीने की शुरुआत में जारी सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून में भारत की रिटेल महंगाई 7.01% हो गई। एक साल पहले की समान अवधि में ये 6.26% थी। यह लगातार छठा महीना था जब महंगाई केंद्रीय बैंक के 2%-6% के टॉलरेंस बैंड से ऊपर रही थी। आवश्यक वस्तुओं पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लगाने को लेकर भी विरोध प्रदर्शन हुए हैं जो पहले इसके दायरे से बाहर थे।

7.75% रही थी खाद्य महंगाई दर
खाद्य महंगाई दर जून में 7.75% रही जो मई महीने में 7.97% रही थी। अप्रैल में यह 8.38% थी। सब्जियों की महंगाई जून में घटकर 17.37% हो गई जो मई में 18.26% थी। फ्यूल और लाइट की महंगाई जून में बढ़कर 10.39% हो गई जो मई में 9.54% थी।

महंगाई कैसे प्रभावित करती है?
महंगाई का सीधा संबंध पर्चेजिंग पावर से है। उदाहरण के लिए, यदि महंगाई दर 7% है, तो अर्जित किए गए 100 रुपए का मूल्य सिर्फ 93 रुपए होगा। इसलिए, महंगाई को देखते हुए ही निवेश करना चाहिए। नहीं तो आपके पैसे की वैल्यू कम हो जाएगी।

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