मुंबई7 मिनट पहलेलेखक: राजेश गाबा
अपने पैरेंट्स को ईश्वर की तरह पूजने वाला बेटा अब भारत देश के तिरंगे को UAE में फहराने गया है। इंडियन क्रिकेटर सूर्यकुमार यादव को पाकिस्तान के क्रिकेटर वसीम अकरम ने वर्ल्ड कप में इंडिया के लिए गेम चेंजर कहा। सूर्या के पैरेंट्स को भी उनपर नाज है।
मां ने कहा बचपन से नॉटी था, पड़ोसियों की नींदे करता था हराम। अब उस पर सब गर्व करते हैं। मेरा बेटा वर्ल्ड कप लेकर ही आएगा। पैरेंट्स का यह प्यार एकतरफा नहीं है। सूर्या खुद पैरेंट्स को भगवान की तरह पूजते हैं। उन्होंने पापा-मम्मी के नाम और चेहरे को अपने शरीर पर गुदवाया है।
मुंबई में मौजूद अणुशक्ति नगर चैंबूर में उनके घर जाकर दैनिक भास्कर के रिपोर्टर ने उनके पैरेंट्स से जानी सूर्या की बचपन की शरारत से लेकर क्रिकेट वर्ल्ड कप पहुंचने तक की जर्नी। आप भी पढ़िए……
सूर्यकुमार यादव के पापा अशोक यादव ने बताया कि सूर्यकुमार को बचपन से बेसिकली दो गेम में इंट्रेस्ट था। एक क्रिकेट और दूसरा बैडमिंटन। लेकिन क्रिकेट के प्रति उसकी दीवानगी तब पता चली जब वह 10-12 साल का था।
सूर्या को शुरुआत में क्रिकेट के लिए दो परेशानियों का सामना करना पड़ा। मैं भाभा एटामिक रिसर्च सेंटर में इंजीनियर हूं। मुंबई के बार्क के जिस कैंपस में हम जहां रहते हैं। यहां पर स्पोर्ट्स का माहौल नहीं है। यहां पैरेंट्स अपने बच्चों के भविष्य के लिए एकेडमिक्स पर ध्यान देते हैं। कई लोगों ने कहा गेम्स में क्या रखा है। तब हमने अपने बेटे की इच्छा को देखते हुए उसे क्रिकेट के लिए प्रोत्साहित किया। स्कूल और कॉलेज से भी उसे काफी सपोर्ट मिला। क्रिकेट का मक्का जिसे कहते हैं आजाद मैदान, गोल मैदान। यहां से आना-जान काफी डिफिक्ट था। लेकिन उसका जुनून था क्रिकेट तो तमाम परेशानियों के बावजूद उसने क्रिकेट पर ही फोकस किया।
कोच की बातों ने दिया हमें कॉन्फिडेंस
यहां पर अणुशक्ति नगर में एक क्रिकेट ग्राउंड है। जहां पर क्रिकेट कोच एएस कामत ने हमसे सूर्या को लेकर बोला कि सर यह लड़का रणजी ट्राफी मैच खेल सकता था। उस वक्त सूर्या की उम्र 10 से 12 साल की थी। तब उन्होंने मुझे ऐसा बोला तब हमें कॉन्फिडेंस हुआ। तब मैंने और सूर्या की मम्मी ने डिसाइड किया कि सूर्या को क्रिकेट में ही अब आगे बढ़ाएंगे।
शुरू में तो उसके कोच परिवार के लोग रहे हैं। मम्मी ने छोटे बैट बॉल से उसे ग्राउंड में खिलाया। जब वो ठीक से क्रिकेट खेलने लगा तब शक्ति नगर में क्रिकेट ग्राउंड में अशोक असवलकर कोच हैं। उनके गाइडेंस में खेला। फिर उसके कोच एएस कामत ने उसके गेम को तराशा। आज सूर्या की सक्सेस में उनके कोच, फ्रेंड्सश् रिलेटिव्स, टीचर सभी का बड़ा योगदान है।
जब सूर्या का सिलेक्शन वर्ल्डकप में हुआ, हम सब इमोशनल हो गए
मुझे याद है कि जब सूर्या का सिलेक्शन श्रीलंका टूर के लिए हुआ, टी-20 और वनडे फॉर्मेट के लिए। उनको 14 जून से क्वरेटाइन कर दिया गया था मुंबई के एक होटल में। वहां से वे 28 जून को वे श्रीलंका चले गए। फिर श्रीलंका से वह इंग्लैंड चले गए। उसके बाद इंग्लैंड से आईपीएल के लिए यूएई। अब वर्ल्ड कप के लिए वहीं है। हमलोगों की बातें वीडियो कॉल के थ्रू होती रहती है। जब उनका वर्ल्ड कप के लिए सिलेक्शन हुआ। हमारी वीडियो कॉलिंग पर बात हुई। वो भी इमोशनल हो गया और हम सब भी क्योंकि देश को रिप्रेजेंट करना, वर्ल्ड कप में सिलेक्शन होना बहुत बड़ी बात है।
वर्ल्ड कप लाने के लिए लगा दूंगा जी-जान
इंग्लैंड की टीम आई थी इंडिया। उनका टूर खत्म होने के बाद मार्च के अंत में सूर्या घर आए थे। वो कुछ दिन घर में थे। हम लोग घर में ज्यादा क्रिकेट के बारे में बात करते। तब सूर्या ने उस वक्त मुझसे कहा था कि पापा अगर मेरा सिलेक्शन वर्ल्ड कप के लिए हो जाता है तो मेरा लक्ष्य रहेगा। वर्ल्ड कप इंडिया में आए, इसके लिए मैं अपनी जी-जान लगा दूंगा टीम के साथ।
मां को हमेशा रहती है उसके खाने-पीने की चिंता
उसका वीडियो कॉल आता है। हालचाल, उसकी सेहत और प्रैक्टिस पर बात होती है। उनकी मां को उसके खाने की चिंता रहती है तो वह बेटे से बात करती हैं, खाने ापर ध्यान रखना। क्योंकि सूर्या क्रिकेट में इतना डूब जाता है कि खाना पीना भी भूल जाता है।
सूर्या निभाएगा गेम चेंजर की भूमिका
इंडिया पाकिस्तान सबसे बड़े राइवल है। यह सभी को मालूम है कि वर्ल्ड कप में पाकिस्तान ने इंडिया से अभी तक एक भी मैच नहीं जीता है। यह भी नहीं जीतेंगे। जहां तक सूर्या का सवाल है कि यह सभी को मालूम है कि उसे इंडिया को 360 डिग्री प्लेयर बोला जाता है। मुझे लगता है कि सूर्या अपना बेस्ट देगा और टीम के लिए गेम चेंजर की भूमिका निभाएगा।
प्यार से हम उसे कहते हैं SKY टैटू मशीन
सूर्या के पापा ने कहा कि उसे रामायण सीरियल देखना बहुत पसंद है। वह जब भी हनुमान जी को देखता तो बोलता था कि पापा जी हनुमान जी जब छाती चीरते हैं तो उनके सीने पर राम भगवान क्यों नजर आते हैं। मैं उससे कहता कि हनुमान जी भगवान राम को पूजते हैं, उन्हें बहुत प्यार करते हैं। तब वह कहता यह तो मैं भी करता हूं। चैंपियंस लीग का टी-20 का साउथ अफ्रीका का टूर था। वहां पर उसने ट्राइबल टैटू देखा। वहीं से वह इंस्पायर हुआ टैटू बनवाने के लिए। वह अपने परिवार से बहुत ज्यादा प्यार करता है। मेरा और अपनी मां का पोर्टेंट भी गुदवाया दाहिने कंधे पर, नाम भी लिखवाया। उसने अब तो टैटू में ढेर सारा एडिशन किया है अपनी बॉडी पर। हम घर पर प्यार से उसको SKY टैटू मशीन भी कहते हैं।
पड़ोसियों की नींद कर देता था हराम
सूर्या की मम्मी सपना ने बताया कि बचपन से ही सूर्या बहुत नाॅटी था। वह बैट और बॉल लेकर फील्ड में जाने की हमेशा जिद करता था। बैट बॉल लेकर ही सोता था। उसने हमारे पड़ोसियों की नींद हराम कर रखी थी। वह घर के कॉरिडोर में खेलते हुए पड़ोसियों के दरवाजे पर शॉट मारता। तब पड़ोसी आकर बोलते सूर्या को बोलिए न भाभी जी हम आराम भी नहीं कर पाते। जब मैं उसे बोलती कुछ टाइम रुकता और फिर क्रिकेट। क्रिकेट के आगे उसे कुछ नहीं दिखता था।
दूसरा मुझे याद है कि स्कूल से वो जब भी छूटता था। घर आने की बजाय वो क्रिकेट की फील्ड है। वह सीधे वहीं चले जाता था। तब घड़ी देखने के बाद मुझे मालूम पड़ता था कि वह घर नहीं आया, तब मैं वहां उसे लेने जाती थी।
तीन चार-लेयर वाला शुद्ध घी का पराठा है बेटे की पसंद
सूर्या को मम्मी सपना यादव ने कहा कि मेरे बेटे को मेरे हाथ का दाल-चावल, गुजिया पसंद है। लेकिन तीन चार लेयर वाला शुद्ध घी का पराठा उसका फेवरेट है। उसे बात हुई थी वीडियो कॉल पर तो बोला मां पराठे को मिस कर रहा हूं। आशीर्वाद दो हामरी टीम जीते। जब मेरा बेटा वर्ल्ड कप अपने देश के लिए लेकर आएगा ताे उसका वेलकम इसी से करुंगी। उसकी पसंदीदा डिश बनाकर और अपने हाथों से खिलाऊंगी।
मोटर कार और बाइक का शौक
सूर्या को मोटर कार और बाइक्स काफी पसंद है। उसके दो पेट्स है पाबलो और ओरियो। उनके साथ भी जब भी मौका मिलता है वह समय बिताता है।
वसीम अकरम ने माना उन्हें गेम चेंजर
जब सूर्या आईपीएल में केकेआर की टीम में था। वसीम अकरम भाई उसके कोच थे। वे भी लीजेंड खिलाड़ी हैं। क्रिकेट में उनका क्लोज ऑब्जर्वेशन है। सूर्या को लेकर उन्होंने कहा है कि वह गेम चेंजर इंडिया के लिए हो सकता है, मुझे भी यही लगता है।
UAE जाने की थी इच्छा, अब घर पर ही देखेंगे मैच
सूर्यकुमार के पापा वैसे तो हम लोगों की यूएई जाने की प्लानिंग थी, लेकिन वहां के टफ क्वरेंटाइन नियम के चलते हमने डिसाइड किया कि यहां घर पर ही बैठकर मैच देखेेगे स्टार स्पोर्ट्स पर लाइव। यहां बैठकर इंडिया टीम को चीयरअप करेंगे। हम कहीं भी रहें हमारी शुभकामनाएं टीम इंडिया के साथ हमेशा है। इंडिया शुड विन।
वहीं सूर्या की मम्मी मुझे गर्व है कि मेरे बेटे का इंडिया टीम में सिलेक्शन हुआ है। मुझे यकीन है वो वर्ल्ड कप लेकर ही आएंगे।
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