भास्कर इंडेप्थ: 84% लोग चाहते हैं अंबानी-अडाणी जैसे अमीरों से एक्स्ट्रा टैक्स लिया जाए, इससे सरकार को 9.15 लाख करोड़ मिलेंगे
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3 घंटे पहलेलेखक: अनुराग आनंद
अप्रैल 2020 में देश के 50 से ज्यादा IRS अधिकारियों ने कोरोना महामारी में अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए अमीरों से एक्स्ट्रा टैक्स वसूलने की मांग की थी। भारतीय रेवेन्यू सर्विस के इन अधिकारियों ने सुपर रिच पर कोरोना सेस टैक्स लगाने और 5 करोड़ से ज्यादा संपत्ति वालों पर वेल्थ टैक्स लगाने की मांग की थी। नतीजा यह हुआ कि इन अधिकारियों पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने कार्रवाई शुरू कर दी थी।
अब FIA इंडिया के सर्वे में शामिल देश के 24 शहर के 84% लोगों ने अमीर लोगों से एक्स्ट्रा टैक्स वसूले जाने की मांग उठाई है। दरअसल, महामारी में सरकारी खजाना खाली होने की वजह से पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस पर टैक्स बढ़ा दिया गया।
परिणाम यह हुआ कि पेट्रोल-डीजल की कीमत 100 रुपए के पार और रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1000 रुपए पहुंच गई। सर्वे में शामिल लोगों ने जनता पर ज्यादा बोझ डालने के बजाय अमीरों से अतिरिक्त टैक्स लेकर इसकी भरपाई करने की मांग की है।
इस आर्टिकल में जानते हैं कि सर्वे में लोगों ने एक्स्ट्रा टैक्स लगाने को लेकर क्या मांग की है? वेल्थ टैक्स या सुपर रिच टैक्स क्या होता है? धनी लोगों से एक्स्ट्रा टैक्स वसूला गया तो सरकारी खजाने में कितना पैसा आएगा? दुनिया के किन देशों में वेल्थ टैक्स लिया जाता है?
24 शहरों के 84% लोग चाहते हैं अमीरों से वसूला जाए एक्स्ट्रा टैक्स
बजट 2022 से पहले फाइट इनइक्वैलिटी एलायंस इंडिया (FIA इंडिया) ने देश के 24 शहरों में एक सर्वे किया है। इस सर्वे में 3 हजार से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया। 84% लोगों ने माना है कि कोरोना काल में मोटी कमाई करने वाले धनी लोगों से एक्स्ट्रा टैक्स वसूला जाना चाहिए।
दरअसल, कोरोना काल में देश में असमानता काफी ज्यादा बढ़ी है। ऐसे में लोग चाहते हैं कि सरकार आम लोगों से पेट्रोल-डीजल और गैस के नाम पर ज्यादा पैसा वसूलने के बजाय धनी लोगों से एक्स्ट्रा टैक्स वसूले। इन पैसों का इस्तेमाल सरकार स्वास्थ्य, शिक्षा, गरीबी को दूर करने के लिए करे।
वेल्थ टैक्स या सुपर रिच टैक्स क्या होता है?
केंद्र सरकार जब कुल संपत्ति पर टैक्स लगाती है तो इसे वेल्थ टैक्स कहते हैं। 2015 तक देश में किसी व्यक्ति के नाम पर 30 लाख रुपए तक की संपत्ति होती थी तो उसे 1% टैक्स देना पड़ता था। साल 2016 में बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि वेल्थ टैक्स से सरकारी खजाने में महज 1008 करोड़ रुपए आते हैं। इसलिए इसे खत्म किया जाता है।
इसी तरह जब देश में तय आय से ज्यादा की कमाई करने वाले अमीर लोगों से एक्स्ट्रा टैक्स वसूला जाता है तो उसे सुपर रिच टैक्स कहते हैं। 2019 में विदेशी इंवेस्टर्स पर सुपर रिच चार्ज लगाने के कुछ दिनों बाद ही भारत सरकार ने इसे वापस ले लिया था।
कोरोना काल में अमीरों की संपत्ति हुई दोगुनी
मार्च 2020 से नवंबर 2021 के बीच भारत के करीब 100 अमीरों की संपत्ति 25.05 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 53.92 लाख करोड़ रुपए हो गई। इसका मतलब है कि अमीरों की संपत्ति 150 गुना से भी ज्यादा तेजी से बढ़ी है।
ऑक्सफैम की रिपोर्ट कहती है कि इसी कोरोनाकाल के दौरान धनी लोग और धनी हुए जबकि गरीब लोग और गरीब हुए। मार्च 2020 से नवंबर 2021 तक महामारी में गौतम अडाणी की संपत्ति में 3 गुना की वृद्धि हुई है। इस दौरान मुकेश अंबानी की संपत्ति 35% बढ़कर 7.50 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गई है।
वहीं, कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देश के अलग-अलग सेक्टर्स में करीब एक करोड़ लोग बेरोजगार हुए हैं। यही नहीं 97% घरों की आमदनी में कमी हुई है। 2020 में करीब 4.6 करोड़ भारतीय गरीब हुए हैं। जब यह सब हो रहा था तभी देश के अरबपति अपनी संपत्ति को तेजी से बढ़ा रहे थे। भारत में कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक के इनकम में भी 2000% से 4000% की वृद्धि हुई है।
वेल्थ टैक्स की कमाई से क्या कुछ बदला जा सकता है?
FIA इंडिया की रिपोर्ट में सामने आया कि 37.52 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति वालों से 2%, 375 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति वालों से 3% और 7500 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति वालों से 5% वेल्थ टैक्स वसूला जाना चाहिए।
ऐसा होता है तो सरकारी खजाने में कम से कम 5.85 लाख करोड़ रुपए सालाना आएंगे। इससे काफी कुछ बदल सकता है। जैसे इस पैसे से गरीबी और अमीरी की खाई कम करने में मदद मिल सकती है। इतने पैसे से हेल्थ बजट में 271% तक की वृद्धि हो सकती है।
दुनिया के किन 5 देशों में वसूला जाता है वेल्थ टैक्स
दुनिया के जिन देशों में सबसे ज्यादा वेल्थ टैक्स वसूला जाता है, उनमें पुर्तगाल पहले नंबर पर है। यहां सबसे ज्यादा 61.3% टैक्स लिया जाता है। स्लोवेनिया 61.1% के साथ दूसरे नंबर पर है। भारत में 1950 से 2015 तक वेल्थ टैक्स लिया जाता था, लेकिन कम आमदनी होने का हवाला देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे हटा दिया था।
वेल्थ टैक्स को छोड़ दें तो कमाई पर टैक्स वसूलने में जापान सबसे आगे है। जापान में कमाई करने वालों पर टैक्स स्लैब सबसे ज्यादा 55%, साउथ कोरिया में 50%, फ्रांस में 45%, यूके में 40% और अमेरिका में 40% है। इन देशों में एजुकेशन और हेल्थ फ्री होने की वजह से इस पर लोगों का खर्च न के बराबर होता है।
भारत में कमाई पर सबसे ज्यादा टैक्स 30% वसूला जाता है। देश में जिन नौकरी या बिजनेस करने वालों की आय 15 लाख से ज्यादा है उनसे 30% टैक्स लिया जाता है।
देश में बढ़ रही असमानता को खत्म करने पर एक्सपर्ट क्या कहते हैं?
RBI पूर्व गवर्नर रघुराम राजन कहते हैं कि सामाजिक असमानता से विद्रोह की स्थिति पैदा हो सकती है। ऐसे में इससे तुरंत निपटने की कोशिश होनी चाहिए। असमानता होने की वजह से लोगों की क्रय शक्ति कम होती है। इससे बाजार में डिमांड नहीं बढ़ती है और देश की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ता है।
इसके अलावा, नोबेल पुरस्कार विजेता भारतीय मूल के अमेरिकी अभिजीत बनर्जी का भी मानना है कि सुपर रिच पर ज्यादा टैक्स लगाना चाहिए। वह कहते हैं कि वेल्थ टैक्स लगाकर सरकार सामाजिक असमानता को कम कर सकती है।
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