बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी कल से…पहला मुकाबला नागपुर में: जानिए, वे 5 फैक्टर…जो सीरीज का रिजल्ट तय करेंगे
नागपुरकुछ ही क्षण पहले
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नागपुर के जामथा स्टेडियम में 9 फरवरी से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी शुरू हो रही है। 4 टेस्ट मुकाबलों की यह सीरीज भारत के लिए अहम है, क्योंकि यह बाइलेटरल सीरीज वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप ( WTC) का हिस्सा है।
भारत को फाइनल में पहुंचने के लिए कम से कम 2 टेस्ट जीतने होंगे। ऑस्ट्रेलिया लगभग फाइनल में प्रवेश कर चुका है।
इस स्टोरी में हम उन फैक्टर्स पर चर्चा करेंगे, जो इस सीरीज का रिजल्ट तय करेंगे। उससे पहले जानिए भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज का इतिहास, अहमियत और शेड्युल…
सबसे पहले जानते हैं सीरीज का इतिहास
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज 1947-48 से खेली जा रही है। सीरीज में एक बार भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया का दौरा करती है, तो अगली बार ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत दौरे पर आती है। भारत ने पहली बार 1979 में 6 टेस्ट मैचों की सीरीज 2-0 से जीती थी। इससे पहले खेली गई 7 सीरीज में से 6 सीरीज कंगारुओं ने जीती थी। एक ड्रॉ रही।
ओवरऑल रिजल्ट पर नजर डालें तो भारत ने 10 बार यह सीरीज जीती है और ऑस्ट्रेलिया के नाम 12 सीरीज जीत हैं। इस दौरान 5 सीरीज ड्रॉ रहीं। 1996 में पहली बार इस सीरीज को बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी का नाम मिला।
भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच पहली सीरीज के दौरान लाला अमरनाथ और सर डॉन ब्रैडमैन।
यह सीरीज भारत के लिए कितनी अहम है?
यह सीरीज रोहित शर्मा की कप्तानी वाली टीम इंडिया के फाइनल के लिए क्वालिफाई करने का आखिरी मौका है। यदि टीम इंडिया इसमें से कम से कम 2 टेस्ट जीत जाती है, तो वह WTC के फाइनल में पहुंच जाएगी।
अभी टीम 58.93% अंक के साथ पॉइंट टेबल के दूसरे स्थान पर है। जबकि ऑस्ट्रेलिया 75.56% लेकर लगभग फाइनल के लिए क्वालीफाई कर चुकी है।
अब पढ़ते हैं वे 5 फैक्टर, जो सीरीज का रिजल्ट तय करेंगे…
1. पिच बिहेवियर्स के लिए कठिन होगी।
2. स्पिन पर बल्लेबाजी
स्पिन बॉल पर बल्लेबाजी करना इस सीरीज का डिसाइडिंग फैक्टर साबित होने वाला है, क्योंकि मेजबान भारत ने अपनी सभी पिचें स्पिन फ्रैंडली बनाई हैं। इतना ही नहीं, दोनों ही टीमें अपने-अपने दिग्गज स्पिनर्स के साथ उतर रही हैं। कंगारू टीम 8 स्पिनर्स के साथ आई है। तो भारतीय दल में चार स्पिनर्स हैं।
भारतीय टीम की ओर से अश्विन, जड़ेजा, अक्षर और कुलदीप ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों की परीक्षा लेंगे। वहीं, मेहमान टीम की ओर से नॉथन लायन और एश्टन एगर कोहली और रोहित के लिए परेशानी पैदा करेंगे।
इस सीरीज में यह देखना रोचक होगा कि घूमती बॉलों पर गिरते विकेट के बीच कौन ज्यादा रन बना लेता है। हालांकि, स्पिन बॉल पर बल्लेबाजी हमेशा से भारत की स्ट्रेंथ रही है। लेकिन, कुछ साल से स्पिनर्स हमें परेशान करने लगे हैं।
3. पंत की गैरमौजूदगी
विकेट कीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत भारतीय टीम का हिस्सा नहीं हैं। वे एक्सीडेंट की चोटों से उबर रहे हैं। ऐसे में पंत की गैरमौजूदगी का असर भी काफी हद तक सीरीज का रिजल्ट तय करेगा। यदि भारतीय टीम मैनेजमेंट पंत का विकल्प तलाश लेता है, तो परिणाम भारत के पक्ष में होगा और यदि भारतीय टीम को पंत की कमी खलती है, तो मेजबानों को मुश्किल हो सकती है।
क्योंकि टॉप ऑर्डर के जल्दी आउट होने के बाद पंत ने कई दफा टीम इंडिया को मुश्किल परिस्थितियों से उबारा है।
पंत के अलावा, श्रेयस अय्यर की गैरमौजूदगी भी खलेगी, क्योंकि श्रेयस अय्यर स्पिन गेंदों को अच्छा खेलते हैं।
4. भारत के बिग-3
पंत-अय्यर की गैरमौजूदगी में भारत का मिडिल ऑर्डर कमजोर हुआ है। सूर्या, गिल और केएल भरत को इनका विकल्प बताया जा रहा है। ऐसे में टॉप ऑर्डर की बल्लेबाज बहुत ज्यादा अंतर पैदा करेगी। टॉप ऑर्डर में बिग-3 (कप्तान रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली) खेलते हैं। काफी चीजें पुजारा की बैटिंग पर निर्भर करेंगी, क्योंकि वे फॉर्म में हैं। जबकि कप्तान रोहित शर्मा पिछले दो साल से इंजरी और खराब फार्म से जूझ रहे हैं। कोहली भी 3 साल से टेस्ट में शतक नहीं जमा सके हैं।
पंत और अय्यर का विकल्प बनकर उभरे ईशान किशन, सूर्यकुमार और केएस भरत भी टेस्ट में नए हैं। सूर्या के ऊपर तेजी से रन बनाने की जिम्मेदारी होगी।
5. स्पिनर्स की तिकड़ी
भारतीय टीम की ताकत स्पिन है। टीम का स्पिन अटैक रविचंद्रन अश्विन संभालेंगे। उनके साथ रवींद्र जडेजा और कुलदीप यादव या अक्षर पटेल में से एक होंगे। नागपुर में स्पिन ट्रैक पर भारतीय स्पिनर्स की तिकड़ी का प्रदर्शन देखने लायक होगा।
प्रैक्टिस सेशन में भी कंगारू बल्लेबाजों को स्पिन के सामने परेशानी का सामना करना पड़ा है। ऐसे में भारतीय स्पिनर्स की तिकड़ी का प्रदर्शन सीरीज का रिजल्ट तय करेगा।
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