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नई दिल्ली18 घंटे पहले
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नीति आयोग ने गुरुवार को बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी का ड्राफ्ट जारी किया। पहले चरण में 40 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में बैटरी स्वैपिंग नेटवर्क डेवलप किए जाएंगे। दूसरे चरण में दूसरे प्रमुख शहरों में यह पॉलिसी लागू की जाएगी। राज्यों की राजधानी और 5 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर इसमें शामिल होंगे। बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी में ऐसे शहरों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां टू-व्हीलर्स और थ्री-व्हीलर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। नीति आयोग ने 5 जून तक इस मसौदे पर फीडबैक मांगा है।
बैटरी स्वैपिंग पॉलिसी में ये पांच प्रमुख प्रावधान
1. बिना बैटरी बिक्री
इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की कीमत कम रखने के लिए सिफारिश की गई है कि बिना बैटरी वाहन के रजिस्ट्रेशन को मंजूरी दी जाए। ग्राहक अपनी सुविधा के हिसाब से इनमें बैटरी लगवा सकेंगे।
2. कोई भी, कहीं भी
कोई भी व्यक्ति, संस्था या कंपनी किसी भी लोकेशन पर बैटरी स्वैपिंग स्टेशन लगा सकेंगे। ऐसे स्टेशन पर तकनीकी खूबियां, सुरक्षा और परफॉर्मेंस के मानक लागू करने होंगे।
3. तर्कसंगत टैक्स
जीएसटी काउंसिल को सलाह दी गई है कि ईवी की बैटरी और पुर्जों पर टैक्स की दरों में अंतर कम करे। बैटरी पर अभी 18% जीएसटी है, जबकि ईवी पर सिर्फ 5% टैक्स वसूला जाता है।
4. समान प्रोत्साहन
बैटरी स्वैपिंग पर भी वही प्रोत्साहन लागू हो, जो फिक्स्ड बैटरी ईवी को मिलते हैं। इन्सेंटिव का आकार बैटरी की किलोवाट आवर (केडब्ल्यूएच) रेटिंग से तय किया जा सकता है।
5. रियायती बिजली
पब्लिक बैटरी चार्जिंग स्टेशनों को अलग से बिजली दी जाए। इसका इस्तेमाल अन्य कामों में न हो। रियायती दरों पर यह बिजली दी जाए, ताकि बैटरी चार्जिंग की लागत कम हो।
बैटरी-एज-अ-सर्विस मॉडल
नीति आयोग ने कहा है कि बैटरी स्वैपिंग सुविधा बैटरी-एज-अ-सर्विस (बास) मॉडल के तहत शुरू होगी। इसमें ईवी और बैटरी के बीच इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित की जाएगी, ताकि एक ऐसी सफल व्यवस्था बनाई जा सके कि बैटरी स्वैपिंग वैकल्पिक सुविधा हो। इसका मतलब है कि फिक्स्ड बैटरी वाले ईवी और स्वैपेबल बैटरी वाले ईवी, दोनों तरह के वाहनों का चलन साथ-साथ बढ़ेगा।
नए पर फोकस, पुराने की बात नहीं
ड्राफ्ट में पूरा फोकस नए यूजर पर है। पुरानी ईवी को लेकर इसमें कोई बात नहीं की गई है। पुराने प्लेयर जो चार साल से ईवी मार्केट में हैं, उनके बारे में ज्यादा क्लियरिटी नहीं है। सब्सिडी पर भी यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह एनर्जी ऑपरेटर को मिलेगी या बैटरी प्रोवाइडर को।
– संयोग तिवारी, सीईओ, ईवी ऊर्जा
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