बिंदिया ने वेटलिफ्टिंग में सिल्वर जीता, पीछे जल उठा गांव: दंगों में मारे गए 2-3 पड़ोसी; खिलाड़ी बोलीं- प्लीज, मेरा पुराना मणिपुर लौटा दो
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मुंबई7 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर
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भारत की वेटलिफ्टर बिंदियारानी देवी ने साउथ कोरिया में चल रही एशियन वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीत लिया। बिंदिया रानी मणिपुर के इम्फाल वेस्ट जिले से आती हैं। यहां मैतेई और नगा-कुकी समुदाय में हो रही हिंसा की आग वेटलिफ्टर के गांव लंगोल तक भी पहुंच चुकी है। इसमें गांव के कुछ लोगों की मौत हो गई। लेकिन परिवार ने बिंदियारानी को मुकाबले से पहले हिंसा के बारे में कुछ नहीं बताया। वे नहीं चाहते थे कि इस विवाद का असर बिंदियारानी के खेल पर पड़े।
बिंदियारानी खुद मैतेई समुदाय से आती हैं, जो हिंसा का हिस्सा है। हिंसा में शामिल कुकी समुदाय के लोग उनका गांव छोड़कर चले गए है। बिंदिया ने साउथ कोरिया में चैंपियनशिप के दौरान भास्कर से बात की। उन्होंने कहा कि मैं चाहती हूं, कोई हमारा पुराना वाला मणिपुर जल्दी से लौटा दे। जैसे हम पहले रहते थे, वैसे ही फिर से मिलकर रहें। सरकार से गुजारिश है कि जल्द इस मसले का हल निकाले।
अब पढ़ें भास्कर से बातचीत में बिंदिया रानी ने क्या कहा…
सवाल: मणिपुर में जो भी हो रहा है, उस पर क्या कहना चाहती हैं?
जवाब: हमारे गांव में कुकी समुदाय और हम सब मिल कर रहते थे। कभी पता ही नहीं चला कि वे शेडयूल ट्राइब के हैं। चुरचांदपुर में मैतेई और कुकी समुदाय के बीच कुछ दिन पहले हुई हिंसा का असर मेरे गांव पर भी पड़ा। मैं चाहती हूं कि वहां फिर से शांति लौट आए और सभी लोग पहले की तरह मिलकर रहें।
सवाल: क्या आपका परिवार और दोस्त सुरक्षित हैं? उनसे आखिरी बार कब बात हुई थी?
जवाब: मेरा परिवार ठीक है, लेकिन गांव में 2-3 लोगों की मौत हुई है। घर वालों से सोमवार को बात हुई थी। इवेंट से पहले और बाद में भी बात हुई। हिंसा से मेरे परिवार वाले परेशान हैं। कुछ लोगों के गांव से चले जाने से वे दुखी भी हैं। वे सब हमारे जानने वाले ही थे।
सवाल: इस माहौल के बीच परफॉर्मेंस पर ध्यान देने में काफी मुश्किल आती होगी, इससे कैसे निपटती हैं?
जवाब: मेरा इवेंट 6 मई को था। हिंसा के बारे में मुझे पता चला तो मैंने बात की। घरवालों से बात नहीं हो पा रही थी। चार दिन तक बात नहीं हुई तो मैं बहुत परेशान हो गई। तब हिमाचल में रहने वाले एक भैया को फोन किया। वे टेबल टेनिस कोच हैं। उन्होंने घरवालों से बात कराई, लेकिन गांव में हुई मौत के बारे में माता-पिता ने नहीं बताया। वे नहीं चाहते थे कि इसे लेकर मैं परेशान रहूं और इसका असर मेरे इवेंट पर पड़े।
उन्होंने इवेंट में बेहतर करने का आशीर्वाद दिया। मेरे मन में गांव में कुछ अनहोनी की अशंका थी। उनके फोन काटने के बाद मन नहीं लग रहा था। मैं रोने लगी। फिर मैंने खुद को संभाला। इवेंट से पहले अपने मम्मी-पापा का फोटो निकालकर देखा और खुद को समझाया कि सब भूलकर देश के लिए मेडल जीतना है। मैं मेडल जीत गई, फिर घर वालों से बात हुई तो उन्होंने घटना के बारे में बताया।
सवाल: आप मैतेई समुदाय से आती हैं, हिंसा में दोनों तरफ के लोग शामिल हैं, इसे शांत करने के लिए कुछ कहना चाहेंगी या फिर सरकार से कुछ कहना चाहती हैं?
जवाब: मैं यही कहना चाहती हूं कि जो हुआ उसे भूलकर फिर से हमें मिलकर रहना चाहिए। प्रदेश के सीएम से कहना चाहती हूं कि मसले को जल्द से जल्द सुलझाएं। मुझे तो मेरा पुराना वाला मणिपुर और गांव चाहिए, जहां सभी लोग मिलकर रहते थे। प्लीज, कोई मेरे पुराने मणिपुर को लौटा दे।
सवाल: पिछली बार मणिपुर कब गई थीं? क्या साउथ कोरिया से लौटने के बाद मणिपुर जाएंगी?
जवाब: पिछले साल अगस्त में मणिपुर गई थी। साउथ कोरिया से लौटने के बाद मैं पटियाला जाऊंगी। वहां आगे के कॉम्पिटिशन की तैयारी में जुटना है।
सवाल: यौन शोषण के विरोध में ओलिंपियन पहलवान जंतर-मंतर पर धरना दे रहे हैं, क्या आपको भी ऐसे किसी एक्सपीरियंस का सामना करना पड़ा?
जवाब: नहीं, मैने वेटलिफ्टिंग में ऐसा कभी नहीं सुना है। हमारे कोच विजय शर्मा सर काफी कोऑपरेटिव हैं और गार्जियन की तरह हम सभी खिलाड़ियों का ध्यान रखते हैं।
सवाल: कभी लगा कि आपके साथ भेदभाव हुआ या किसी और खिलाड़ी के साथ सेक्शुअल हैरासमेंट जैसा कुछ कभी देखा?
जवाब: नहीं। फेडरेशन ने सभी को मौका दिया है। हमें कभी भी ऐसा नहीं लगा कि कोई भेदभाव हो रहा है। मैंने किसी साथी वेटलिफ्टर से कभी नहीं सुना है और न ही कभी देखा है कि किसी वेटलिफ्टर के साथ कुछ गलत हो रहा है।
बिंदिया इम्फाल के लोंगल गांव की रहने वाली हैं।
सवाल: क्या आप साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया का दर्द समझती हैं या आपको लगता है ये सब राजनीति है?
जवाब: मैं प्लेयर के तौर पर उनके दर्द को समझ रही हूं। मैं बहुत ज्यादा नहीं जानती, पर इतना चाहती हूं कि उनकी जो भी मांग है उस पर सरकार को ध्यान देना चाहिए। जो भी मामला हो उसे जल्द से जल्द सुलझाना चाहिए। कुछ महीनों बाद एशियन गेम्स हैं। मैं चाहती हूं कि मामला जल्द सुलझे, ताकि वो तैयारी में जुटे।
सवाल: आपने 55 किलो वेट कैटेगरी में सिल्वर मेडल जीता है। यह नॉन ओलिंपिक कैटेगरी है। पेरिस ओलिंपिक में आपकी वेट कैटेगरी नहीं है। क्या आप 49 किलो में शिफ्ट होंगी या 59 किलो वेट में जाएंगी। इन दोनों वेट में आप किस इंडियन वेटलिफ्टर से चैलेंज मान रही हैं?
जवाब: मैं एशियन गेम्स में 55 किलो वेट में ही हिस्सा लूंगी। उसके बाद मैं 59 किलो वेट में शिफ्ट करूंगी। उसके बाद पेरिस ओलिंपिक के लिए होने वाले क्वालीफाइंग इवेंट के दौरान 59 किलो वेट में ही हिस्सा लूंगी।
मणिपुर में ऑल इंडिया ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन पर आरोप है कि उसके कार्यकर्ताओं ने कई घरों में आग लगाई।
सवाल: आपके परिवार में कौन- कौन हैं?
जवाब: मेरी मम्मी-पापा के अलावा बड़ी बहन, बड़ा भाई और छोटी बहन हैं। बड़ी बहन और भाई की शादी हो चुकी है।
क्यों हुई बिंदिया के गांव में हिंसा
दरअसल 3 मई को चुराचांदपुर जिले में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर ने मैतेई समुदाय को एसटी(शेड्यूल ट्राइव) का दर्जा देने के विरोध में आदिवासी एकजुटता मार्च निकाला था। आरोप है कि हथियारबंद लोगों की भीड़ ने उसी दौरान मैतेई समुदाय के लोगों पर हमला कर दिया। जिसके बाद हिंसा भड़क गई। इसी घटना का असर बिंदिया के गांव लोंगल में भी पड़ा। बिंदिया के गांव में मैतेई और कुकी समुदाय दोनों रहते हैं।
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