बाजार की रिकॉर्ड तेजी पर लग सकता है ब्रेक: बाजार में 15-20% तक की आ सकती है गिरावट, जनवरी तक करेक्शन की आशंका
5 घंटे पहले
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पिछले 18 महीने से शेयर बाजार में आई शानदार तेजी के बाद अब गिरावट की आशंका है। जनवरी तक हो सकता है कि बाजार में 15-20% की गिरावट आ जाए।
रुक सकती है बाजार की तेजी
माना जा रहा है कि जनवरी तक घरेलू इक्विटी बाजार की तेजी रुक जाए और इसमें गिरावट दिखे। देश के सबसे बड़े हेज फंड मैनेजर एवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स की अल्टरनेट स्ट्रैटेजीज को उम्मीद है कि बेंचमार्क इंडेक्स मौजूदा तेजी के मार्केट में पहली दफा करेक्शन का सामना करेंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि उनके क्वांटिटेटिव मॉडल अगले छह महीने में 15-20% की गिरावट का संकेत दे रहे हैं। किसी भी बाजार में टेक्निकल करेक्शन तब होता है जब किसी सिक्योरिटीज में 10% से ज्यादा गिरावट हो।
3-6 महीने में दिखेगा उतार-चढ़ाव
एवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटेजीज के प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य निवेश अधिकारी (CIO) ऋषि कोहली कहते हैं कि मुझे लगता है कि यहाँ से अगले 3 से 6 महीने में बाजार में उतार चढ़ाव के कई दौर देखने को मिलेंगे। ठीक-ठाक करेक्शन की ज्यादा संभावना है। कोहली ने यह अनुमान लाखों इंडिकेटर्स को पढ़ने और दैनिक आधार पर बाजार के डेटा के विश्लेषण से लगाया है। एक डेटा पॉइंट जो स्ट्रैटेजिस्ट के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, वह है निफ्टी 50 फ्यूचर्स का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI)
RSI इंडिकेटर से मिल रहा है गिरावट का संकेत
RSI इंडिकेटर वह होता है जो बाजार की गति को निर्धारित करता है। इसका उपयोग यह पता लगाने के लिए किया जाता है कि बाजार ओवरसोल्ड स्थितियों में है या नहीं। निफ्टी 50 फ्यूचर्स के लिए RSI साप्ताहिक आधार पर सितंबर के अंत में 80 अंक को पार कर गया। यह एक ऐसी घटना है जो बाजार के इतिहास में बहुत कम हुई है। इसी तरह, मासिक आधार पर इंडेक्स फ्यूचर के लिए भी RSI 80 अंक के करीब था। इससे पहले यह 2014 के अंत, 2007 के अंत और 2006 के अंत में हुआ था।
सुधार के लिए भी होता है RSI इंडिकेटर का उपयोग
कोहली ने कहा कि इस तरह की रीडिंग के बाद के समय में, बाजार में 3-6 महीने के अंदर 15-20% का सुधार हुआ है। RSI जैसे टेक्निकल इंडिकेटर्स की तेजी इस बात का प्रमाण है कि भारतीय बाजार की तेजी बाजार की प्रमुख तेजी में से एक है। कोहली ने कहा कि लंबे समय के लिहाज से ये रीडिंग केवल तभी होती हैं जब बाजार की तेजी का दौर लंबा चलता है। ऐसा इसिलए क्योंकि बाजार की तेजी में गिरावट भी ज्यादा होती है।
कोहली के विश्लेषण के अनुसार, भारतीय इक्विटी बाजार 2003-07 के बाद से इस समय सबसे ज्यादा तेजी दिखा सकता है। उनको उम्मीद है कि बाजार की तेजी इस समय जिस चरण में है, उसमें 18% का रिटर्न मिल सकता है।
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