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बजरंग-विनेश के विरोध में आए कॉमनवेल्थ चैंपियन दीपक पूनिया: 57 किग्रा ट्रायल्स विजेता अमन सहरावत बोले- ‘रवि दहिया हार सकते हैं तो बजरंग-विनेश क्यों नहीं’

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दिल्ली4 मिनट पहलेलेखक: राजकिशोर

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ओलिंपिक मेडलिस्ट बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को बिना ट्रायल से एशियन गेम्स भेजने के फैसले का विरोध बढ़ता जा रहा है। एडहॉक कमेटी के फैसले काे कोर्ट में चुनौती दे रहे जूनियर पहलवानों को कॉमनवेल्थ गेम्स के गोल्ड मेडलिस्ट दीपक पूनिया का साथ मिला। ओपन ट्रायल्स में 57 किग्रा वेट कैटेगरी के चैम्पियन अमन सहरावत ने भी कहा कि जब ओलिंपिक मेडलिस्ट रवि दहिया ट्रायल्स हार सकते हैं तो बजरंग और विनेश क्यों नहीं?

दोनों रेसलर ने ओपन ट्रायल्स के बाद दैनिक भास्कर से कहा- ‘बिना ट्रायल किसी भी वेट कैटेगरी में चयन सही नहीं है। ट्रायल में टॉप करने वाले पहलवान ही एशियन गेम्स में जाने के हकदार हैं।’

कॉमनवेल्थ गोल्ड जीतने वाले दीपक पूनिया ने रविवार को 86 किग्रा वेट कैटेगरी में क्वालिफाई किया। 57 किग्रा वेट कैटेगरी में अमन सहरावत जीते। इसी कैटेगरी में ओलिंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया को पहले ही राउंड में हार का सामना करना पड़ा।

पढ़ते हैं दोनों पहलवानों ने दैनिक भास्कर से क्या कहा?

ट्रायल में टाॅप करने वालों को ही जाने का अधिकार होना चाहिए- दीपक पूनिया
दीपक पूनिया ने कहा, ‘एडहॉक कमेटी ने मेरी वेट कैटेगरी (86 किग्रा) में ट्रायल में टॉप पर रहने वाले ही पहलवान को भेजने का फैसला किया था। इसलिए मैंने ट्रायल में भाग लिया।

मेरा मानना है कि एशियन गेम्स में सभी वेट कैटेगरी में ट्रायल में टॉप रहने वाले पहलवान को ही एशियाड में भेजा जाना चाहिए। किसी पहलवान को स्पेशल छूट नहीं देना चाहिए। मैं विनेश-बजरंग के वेट कैटेगिरी के जूनियर पहलवानों की इस मांग से सहमत हूं कि ट्रायल में भाग लेने वाले ही सिलेक्शन के सही हकदार हैं।’

दीपक पूनिया 2019 में वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीत चुके हैं। साल 2019 में ही उन्होंने जूनियर वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड भी जीता था। उन्होंने टोक्यो ओलिंपिक में हिस्सा भी लिया था, लेकिन सफलता नहीं मिली। पूनिया ने फिर 2022 के बर्मिंघम कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता था।

ओलिंपिक मेडलिस्ट दहिया हार सकते हैं तो बजरंग क्यों नहीं: अमन सहरावत
57 KG कैटेगरी में ओपन ट्रायल्स जीतने वाले 22 साल के युवा पहलवान अमन सहरावत एशियन गेम्स के लिए सिलेक्ट हुए। इस कैटेगरी के पहले राउंड में ओलिंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया हारकर बाहर हो गए। सहरावत ने कहा, ‘रवि दहिया और दीपक पूनिया ने भी ट्रायल में भाग लिया। रवि दहिया भी ओलिंपिक गेम्स में सिल्वर जीत चुके हैं, वे भी बड़े पहलवान हैं। अगर वे भी ट्रायल्स में जूनियर पहलवान से हार सकते हैं तो अन्य बड़े पहलवान क्यों नहीं हार सकते। मेरा मानना है कि एशियन गेम्स के लिए सभी वेट कैटेगरी में ट्रायल में भाग लेने वाले पहलवानों को ही इंटरनेशनल कॉम्पिटिशन में भेजा जाना चाहिए।’

अमन सहरावत (ओरेंज सिंग्लेट पहने बीच में खड़े) ने 57 किग्री वेट कैटेगरी में एशियन गेम्स के लिए क्वालिफाई किया।

अमन सहरावत (ओरेंज सिंग्लेट पहने बीच में खड़े) ने 57 किग्री वेट कैटेगरी में एशियन गेम्स के लिए क्वालिफाई किया।

IOA ने OCA को नाम भेजे
इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन ने रविवार देर रात तक एशियन गेम्स के लिए पहलवानों में भाग लेने वाले खिलाड़ियों और स्टैंड-बाय खिलाड़ियों के नाम भेज दिए। एशियन गेम्स आयोजित करने वाली कमेटी ने IOC को 23 जुलाई तक पहलवानों के नामों के भेजने की छूट दी थी। जबकि बाकी गेम्स में खिलाड़ियों के नाम 15 जुलाई तक ही भेजे जाने थे।

हाईकोर्ट ने खारिज याचिका की
दिल्ली हाईकोर्ट ने बजरंग-विनेश को बिना ट्रायल के एशियन गेम्स में भेजने के खिलाफ जूनियर पहलवानों की याचिका खारिज कर दिया। ऐसे में जूनियर पहलवानों ने अब सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है। बजरंग मेंस की 65 किग्रा और विनेश विमेंस की 53 किग्रा वेट कैटेगरी में हिस्सा लेंगी।

अंतिम पंघल ने 53 किग्रा वेट कैटेगरी में ट्रायल्स जीते। लेकिन वह स्टैंड-बाय प्लेयर बन कर एशियन गेम्स का हिस्सा रहेंगी। उनकी कैटेगरी में विनेश फोगाट का सिलेक्शन हुआ है।

अंतिम पंघल ने 53 किग्रा वेट कैटेगरी में ट्रायल्स जीते। लेकिन वह स्टैंड-बाय प्लेयर बन कर एशियन गेम्स का हिस्सा रहेंगी। उनकी कैटेगरी में विनेश फोगाट का सिलेक्शन हुआ है।

क्या है पूरा मामला?
इंडियन ओलिंपिक कमेटी की ओर से गठित एडहॉक कमेटी ने विमेंस के 53 किलो वेट में विनेश फोगाट को और मेंस के 65 किलो वेट में बजरंग पूनिया को डायेक्ट एशियन गेम्स में भेजने का फैसला लिया है।

इस वजह से ट्रायल में इन दो कैटेगरी में टॉप पर रहने वाले पहलवान का नाम स्टैंड बाय के तौर पर भेजने का फैसला किया है। इसका विरोध इस वेट कैटेगरी के जूनियर पहलवान कर रहे हैं। कुछ पहलवान हाई कोर्ट भी गए थे। हाई कोर्ट में याचिका खारिज होने पर वे सुप्रीम कोर्ट का रुख कर रहे हैं।

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नेशनल ट्रायल का फाइनल हारते ही स्टेडियम से भागा रेसलर

125 किग्रा वेट कैटेगरी में सुमित मलिक ने क्वालिफाई। उन्होंने फाइनल में आशीष को हराया।

125 किग्रा वेट कैटेगरी में सुमित मलिक ने क्वालिफाई। उन्होंने फाइनल में आशीष को हराया।

रेसलिंग के नेशनल ट्रायल में 125 KG वेट कैटेगरी का फाइनल हारने वाले रेसलर आशीष बिना डोप टेस्ट दिए ही चले गए। इतना ही नहीं, उन्होंने डोप टेस्ट के फॉर्म पर हस्ताक्षर भी नहीं किए। ऐसे में NADA के अधिकारी खिलाड़ी को फोन करते रह गए, लेकिन पहलवान ने अपना मोबाइल बंद कर दिया। अब NADA संबंधित रेसलर को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रहा है। पढ़ें पूरी खबर…

रेसलिंग ट्रायल्स- ओलिंपिक सिल्वर मेडलिस्ट रवि दहिया एलिमिनेट हुए

टोक्यो ओलिंपिक में सिल्वर मेडल जीतने वाले रवि दहिया एशियन गेम्स में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। उन्हें रेसलिंग ट्रायल्स के पहले राउंड में ही महाराष्ट्र के आतिश तोडकर ने चित्त कर हरा दिया। लेकिन आतिश सेमीफाइनल मुकाबला हार गए। उन्हें हरियाणा के अमन ने हराया। अमन ने इस कैटेगरी में क्वालिफाई भी कर लिया। पढ़ें पूरी खबर…

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