बजट 2022: तीसरी लहर में इनकम टैक्स के फायदेमंद वैरिएंट की आस, नौकरीपेशा और किसानों को मिल सकता है राहत का बूस्टर
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3 मिनट पहले
कोरोना की तीसरी लहर के बीच आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आम बजट पेश करेंगी। महामारी के दौरान लोगों की जिंदगी भी बदली है और जरूरतें भी। ऐसे में इस बजट से उम्मीदें भी अलग ही हैं। तो महामारी के दौर में पेश किए जा रहे बजट की बातें इसी दौर की भाषा में करते हैं।
सबसे बड़ी उम्मीद है इनकम टैक्स की राहत वाली वैक्सीन की यानी टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाना। महामारी के दौरान सबसे ज्यादा प्रभावित हुए किसान, छोटे-मंझोले व्यापारी और टूरिज्म सेक्टर को स्पेशल पैकेज के ऑक्सीजन की आस है।
युवाओं को रोजगार का सपोर्ट चाहिए और इंडस्ट्री को लोन, टैक्स जैसी प्रोसेस में रिलैक्सेशन।
ये मोदी सरकार का 10वां और निर्मला सीतारमण का चौथा बजट है। भास्कर ने इस बजट से आपकी उम्मीदों पर एक सर्वे कराया। पूछा था कि आप किस बारे में ज्यादा सुनना चाहते हैं और किस पर कम। आपने जो राय दी, उसी आधार पर तैयार क्रम में जानिए सभी की उम्मीदें…
1. इनकम टैक्स: टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़े, टैक्स स्लैब बदली जाएं
भास्कर सर्वे में सबसे ज्यादा बात इनकम टैक्स की ही हो रही है। लोग चाहते हैं कि टैक्स फ्री इनकम का दायरा बढ़ाया जाए। 2014 में इनकम टैक्स की छूट 2 लाख से बढ़ाकर ढाई लाख की गई थी। इसके बाद यह नहीं बदली। 2020 में नई व्यवस्था आ गई, इसे ज्यादा लोगों ने अपनाया नहीं, इसमें सेविंग्स पर छूट नहीं थी।
2. नौकरीपेशा: वर्क फ्रॉम होम वर्कर्स को उम्मीदें, 80C का दायरा बढ़ाना बड़ी डिमांड
ज्यादातर नौकरीपेशा आजकल वर्क फ्रॉम होम कल्चर में ढल चुके हैं, भले वे सरकारी हों या फिर निजी कंपनी के वर्कर्स। उनका कहना है कि घर पर बिजली, इंटरनेट, सेटअप में खर्च होता है। ऐसे में उन्हें स्पेशल छूट की उम्मीद है। दूसरी उम्मीद 80C का दायरा बढ़ाए जाने की है, जो 2014 के बाद नहीं बढ़ा है।
- 80C यानी पेंशन स्कीम, बच्चों की फीस में 1.5 लाख की छूट
- 80C में 1.5 लाख की छूट, इसे 3 लाख करने की डिमांड
- सर्वे के मुताबिक, 82% वर्कफ्रॉम होम वर्कर दफ्तर नहीं आना चाहते
- वर्क फ्रॉम होम वर्कर्स को स्पेशल अलाउंस दिया जा सकता है
3. किसान: सम्मान के साथ सब्सिडी का समाधान, दोनों करीब-करीब तय
चुनावी साल है और इससे पहले ही दिल्ली में किसानों का आंदोलन खत्म हुआ है। बजट में भी किसानों को उम्मीदें कुछ ज्यादा हैं। सूत्रों के मुताबिक, उम्मीदें पूरी भी होंगी। इनमें दो अहम हैं। पहली- किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट बढ़ाना। दूसरी- PM किसान सम्मान निधि को बढ़ाया जाना। सब्सिडी बढ़ाने की भी डिमांड है।
4. हेल्थ सेक्टर-सोशल वेलफेयर: हेल्थ सेक्टर के बजट में भारी इजाफे की उम्मीद
कोरोना की तीसरी लहर जारी है। पिछली बार हेल्थ सेक्टर को 2.38 लाख करोड़ रुपए दिए गए थे। इस बार इसे 50% बढ़ाए जाने की उम्मीद है। इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक,पिछले दो साल हेल्थकेयर का खर्च 73% बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रहा।
- वैक्सीन मैन्यूफैक्चरिंग और बच्चों के लिए हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस रहेगा
- मेडिकल और हेल्थ केयर वर्कर्स के लिए स्पेशल स्कीमों का ऐलान संभव
- गरीबों और बेसहारा लोगों के लिए स्पेशल वेलफेयर स्कीम का ऐलान संभव
- असंगठित यानी प्रवासी मजदूरों को भी मिल सकता है विशेष पैकेज का तोहफा
5. महिलाएं: महिला वित्त मंत्री से स्पेशल ऐलान की उम्मीद, इनमें टैक्स छूट भी
वित्त मंत्री खुद महिला हैं। ऐसे में देश की 60 करोड़ से ज्यादा महिलाओं को उम्मीदें भी हैं। महिलाओं की इनकम टैक्स छूट की सीमा बढ़ाई जा सकती है। गोल्ड बॉन्ड पर ब्याज और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट पर छूट बढ़ाई जा सकती है।
6. रेलवे: रेल किराया बढ़ना मुश्किल, पर नए प्रोजेक्ट फास्ट ट्रैक पर होंगे
उम्मीद है कि चुनावों के बीच नई सुविधाओं का ऐलान तो किया जा सकता है, पर किराया बढ़ने के आसार कम ही हैं। पिछले साल 1.10 लाख करोड़ का बजट रेलवे को दिया गया था, फिर भी इसे 26 हजार करोड़ से ज्यादा का घाटा हुआ है।
- कोरोना में कमाई का जरिया माल ढुलाई तो फोकस फ्रेट कॉरिडोर पर रहेगा
- हल्की ट्रेनें, बुलेट ट्रेन के प्रोजेक्ट को रफ्तार देने के लिए पैकेज और निजीकरण
- रानी कमलापति स्टेशन (हबीबगंज) की तर्ज पर दूसरे वर्ल्ड क्लास स्टेशन की घोषणा
- यात्रियों की जेब पर बोझ नहीं पड़ेगा, किराया बढ़ने के आसार अभी कम
7. कारोबारी और GST की दरें: स्टार्ट अप में बूम के लिए स्पेशल ऐलान की उम्मीद
कोरोना के वक्त सबसे ज्यादा प्रभावित कारोबारी हुए। सरकार ने पिछले साल भी इस वर्ग से जुड़े सबसे बड़े सेक्टर MSME के लिए स्पेशल पैकेज दिया था। यह पैकेज 15 हजार 700 करोड़ रुपए का था। इस बार भी ऐसे ही स्पेशल पैकेज की उम्मीद की जा रही है, ताकि तीसरी लहर में ये सेक्टर ग्रो कर सके।
8. क्रिप्टोकरेंसी: सबसे पॉपुलर इन्वेस्टमेंट पर सस्पेंस, पर ऐलान की उम्मीद भी
मौजूदा समय में क्रिप्टोकरेंसी सबसे चर्चित और प्रचलित इन्वेस्टमेंट एरिया है। सरकार इस पर कानून लाने ही जा रही है। ऐसे में इसके रेगुलाइजेशन को लेकर बड़ी घोषणा की उम्मीद इन्वेस्टर्स कर रहे हैं। अभी सरकार क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ डिजिटल करेंसी बिल 2021 लाने जा रही है। क्रिप्टोकरंसी लीगल होगी या बैन, अभी तय नहीं।
- भारत में एक करोड़ 70 लाख से ज्यादा क्रिप्टो इन्वेस्टर्स
- निवेशकों को देखते हुए इस पर कमाई को नजरअंदाज करना मुश्किल
- इस पर अलग टैक्स लगाने का ऐलान हो सकता है
- इन्वेस्टर्स की पहचान के लिए TDS-TCS लगाया जा सकता है
9. टूरिज्म: कोरोना से कमजोर हुए सेक्टर को चाहिए राहत की डोज
टूरिज्म सेक्टर को भी राहत की उम्मीद है, क्योंकि कोरोना में सबसे ज्यादा मार इसी पर पड़ी है। लॉकडाउन के वक्त महीनों तक इस इंडस्ट्री में भी ताला ही पड़ा रहा। ऐसे में इस सेक्टर को सहूलियत की आस है।
- GDP में 6.8% हिस्सेदारी वाले सेक्टर को लोन मोरेटोरियम संभव
- टूरिज्म को इंडस्ट्रियल सेक्टर के बराबर दर्जा मिलने की डिमांड
- लोन और होटल रूम्स के किराये पर जीएसटी में रियायत संभव
- बढ़ावा देने के लिए स्पेशल पैकेज और रियायतों का ऐलान संभव
10. इलेक्ट्रॉनिक्स: महामारी में लाइफ सेविंग गैजेट्स किफायती होने की उम्मीद
इलेक्ट्रॉनिक्स और मोबाइल के इक्विपमेंट पर कस्टम ड्यूटी को लेकर बड़ा ऐलान किया जा सकता है। कोरोना के दौरान स्मार्ट वॉच और स्मार्ट बैंड जैसे गैजेट्स की डिमांड बढ़ी है। इलेक्ट्रॉनिक्स में भारत ने 2021 में 16 अरब डॉलर का निर्यात किया है। 2018 की तुलना में दोगुना।
- इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाइल पर कस्टम ड्यूटी रिवाइज्ड हो सकती है
- इलेक्ट्रॉनिक्स का 65% आयात घटाने के लिए स्पेशल ऐलान संभव
- इलेक्ट्रॉनिक्स अभी 28% के GST स्लैब में, इसे घटाया जा सकता है
- स्मार्ट वॉच और स्मार्ट बैंड पर इम्पोर्ट ड्यूटी घटाई जा सकती है
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