फिर चार्जर के चक्रव्यूह में फंसी एपल: आईफोन के साथ चार्जर न मिलने पर चीनी छात्रों ने केस किया, नया चार्जर और 1200 रुपए लीगल फीस मांगी
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नई दिल्ली8 घंटे पहले
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आईफोन-12 प्रो मैक्स के साथ चार्जर नहीं देने से एपल पर कुछ स्टूडेंट्स ने केस कर दिया है। मामला चीन की एक यूनिवर्सिटी से जुड़ा है। एक छात्र ने बताया कि USB-C टू लाइटिंग केबल दूसरे चार्जर को सपोर्ट नहीं कर रहा है। इस वजह से वह अपना आईफोन चार्ज नहीं कर पा रहा है। हालांकि, एपल ने इस दावे पर यकीन नहीं किया है।
छात्रों का कहना है कि एपल अपने मैगसेफ वायरलेस चार्जर को बढ़ावा देने के लिए ऐसा कर रहा है। यह वायर वाले चार्जर के मुकाबले ज्यादा पावर बर्बाद करते हैं। उन्होंने कंपनी से चार्जर की सप्लाई करने की मांग की है। साथ ही कहा है कि लीगल फीस और अनुबंध के उल्लंघन के लिए 100 युआन यानी 16 डॉलर (करीब 1200 रुपए) का पेमेंट करे।
एपल बॉक्स में एडॉप्टर नहीं दे रही
- मामले पर एपल ने कथित तौर पर बीजिंग वर्चुअल कोर्ट को बताया कि फोन ब्रांड्स के लिए अलग से पावर एडॉप्टर बेचना आम बात है और सरकार ने इसे मंजूरी दे दी है। इस पर छात्रों का कहना है कि कई चीनी कंपनियां बॉक्स में एडॉप्टर की चॉइस देती हैं। उदाहरण के तौर पर, शाओमी Mi 11 को पावर ब्रिक के साथ या उसके बिना खरीद सकते हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि ये मामला अभी चल रहा है। अभी इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि इससे छात्रों को मुआवजा मिलेगा या एपल की नो-चार्जर पॉलिसी में बदलाव होगा। एपल ने अपनी आईफोन 12 सीरीज से बॉक्स में चार्जर देना बंद कर दिया है।
एपल पर लग चुका 14 करोड़ का जुर्माना
आईफोन 12 सीरीज के साथ चार्जर नहीं देने के कारण एपल पर इसी साल भारी जुर्माना भी लग चुका है। ब्राजील की कंज्यूमर प्रोटेक्शन एजेंसी प्रोकॉन-एसपी ने एपल पर इसके लिए 2 मिलियन डॉलर (करीब 14 करोड़ रुपए) का जुर्माना लगाया था। ब्राजीलियन एजेंसी ने भ्रामक विज्ञापन, बिना चार्जर के डिवाइस बेचना और गलत नियमों को जुर्माने की वजह बताया है। प्रोकॉन-एसपी ने यह भी बताया कि एपल के इस कदम से पर्यावरण को कोई लाभ नहीं दिख रहा।
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