फायदे की बात: रेपो रेट बढ़ाने के बाद महंगे हुए होम लोन, लेकिन इन 4 तरीकों से आप अपना बजट बिगड़ने से बचा सकेंगे
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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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RBI के रेपो रेट में 0.50% इजाफा करने के बाद अब कई बैंकों ने होम लोन की ब्याज दर में बढ़ोतरी की है। यानी अब होम लोन महंगा हो गया है और आपको ज्यादा EMI चुकानी होगी। यदि ब्याज दर बढ़ने से आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग बिगड़ रही हो तो कुछ कदम उठाने होंगे। हम आपको आज ऐसी 4 विकल्पों के बारे में बता रहे हैं जो आपका बजट बिगड़ने से बचा सकते हैं।
1. रिफाइनेंस करें
होम लोन रिफाइनेंस यानी बैलेंस ट्रांसफर का विकल्प तब अपनाया जाता है जब आपके लोन की दर और मार्केट रेट में बड़ा (0.25-0.50%) अंतर हो। मान लीजिए कि आपका रेट 7.50% है और बाजार में 7% पर लोन मिल रहा है। ऐसे में बैलेंस ट्रांसफर फायदेमंद हो सकता है।
ऐसी स्थिति में यदि आपके लोन के 20 साल बाकी हों तो हर 1 लाख रुपए के लोन पर करीब 7,400 रुपए की बचत होगी। लेकिन बैलेंस ट्रांसफर तभी सही फैसला होगा, जब आधी से ज्यादा लोन अवधि बाकी हो। ट्रांसफर के खर्चे भी होते हैं, मसलन प्रोसेसिंग फीस और MOD चार्जेस।
2. EMI बढ़ाएं
समय के साथ आपकी आय बढ़ेगी, लेकिन EMI स्थिर रहेगी। पर आप स्वेच्छा से EMI बढ़वा सकते हैं। अतिरिक्त EMI लोन की मूलधन कम करेगी। इससे आपका लोन जल्द चुकेगा। लोन की अवधि कम होने लगेगी। यह तरीका छोटे-छोटे प्री-पेमेंट की तरह है।
उदाहरण के लिए 7% ब्याज पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपए के लोन की EMI करीब 23,000 रुपए होगी। यदि आप दूसरे साल से इसे बढ़ाकर 26,000 रुपए कर देंगे तो 3 EMI कम हो जाएगी। ब्याज भी 25.96 लाख रुपए से घटकर 25.10 लाख रुपए रह जाएगा।
3. प्री-पेमेंट करें
ब्याज दर बढ़ने की सूरत में अगर आप EMI बढ़ाना नहीं चाह रहे तो आपके पास तीसरा विकल्प है। आप साल में कम से कम एक बार प्री-पेमेंट कर सकते हैं और लोन का मूलधन घटा सकते हैं। ज्यादातर बैंक और फाइनेंस कंपनियां चाहेंगी कि आप EMI की कम से कम 1-2 गुनी रकम का प्री-पेमेंट करें।
उदाहरण के लिए यदि आपने 7% की दर पर 20 साल के लिए 30 लाख रुपए का होम लोन ले रखा है और शुरुआत में ही 50,000 रुपए का प्री-पेमेंट कर देते हैं तो 7 EMI कम हो जाएंगी और ब्याज 25.96 लाख से घटकर 24.48 लाख रुपए रह जाएगा।
4. लोन का टेन्योर बढ़ा लें
कई बार ऐसा होता है कि होम लोन की EMI के चलते मंथली खर्चों पर असर हो रहा है. ऐसे में अगर एक्स्ट्रा इनकम या सेविंग्स नहीं हो पा रही है तो आप लोन का टेन्योर बढ़वा कर EMI कम करा सकते हैं। लेकिन, इसमें एक घाटा यह होगा कि आपको ब्याज ज्यादा देना पड़ जाएगा।
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