पेटीएम के लीड रोल का फैसला आज: क्या फाउंडर और CEO विजय शेखर शर्मा की जा सकती है कुर्सी? आज बोर्ड की अहम बैठक
2 दिन पहले
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आज पेटीएम के फाउंडर और CEO विजय शेखर शर्मा के लिए काफी अहम होने वाला है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक आज शेयरहोल्डर की मीटिंग होने वाली है जिसमें फैसला लिया जाना है कि पेटीएम को शेखर ही लीड करेंगे या किसी दूसरे व्यक्ति को ये जिम्मेदारी दी जाएगी।
पेटीएम की पैरेंट कंपनी वन97 कम्यूनिकेशंस में आज वर्चुअल एनुअल जनरल की मीटिंग हो रही है। पिछले दिनों जब पेटीएम के शेयर में गिरावट देखी गई थी तब से शेखर के CEO बने रहने पर सवाल खड़े होने शुरु हो गए थे।
इस मीटिंग में एक प्रपोजल विजय शेखर शर्मा को पेटीएम का सीईओ और एमडी बने रहने के लिए रखा जाना है।
पेटीएम के गिरते शेयर इसकी वजह
पेटीएम ने जब अपना शेयर लॉन्च किया था तब उसका प्राइस बैंड 2080-2150 रुपए तय की गई थी। उसके बाद से धीरे-धीरे शेयर में गिरावट आने लगी। पेटीएम का स्टॉक 18 नवंबर को गिरकर 1955 रुपए पर चला आया। लिस्टिंग के दिन यह 27 फीसदी गिरकर 1564 रुपए पर बंद हुआ। इस समय पेटीएम के एक शेयर की कीमत 772 रुपए हो गई है। करीब 64% की टोटल गिरावट आई है। लॉन्च होने के बाद शेयर की मैक्सिमम प्राइस 1955 रुपए और 510 रुपए 1 साल का लो प्राइस है।
पेटीएम पर आरोप- कैशबैक देकर ग्राहक जुटाए
पेटीएम के कारोबारी मॉडल को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। सीनियर बैंकर आदित्य पुरी ने फाइनेंशियल सर्विस कंपनी पेटीएम के कारोबारी मॉडल पर सवाल उठाते हुए कहा कि कंपनी ने ‘कैशबैक’ देकर ग्राहक जुटाए हैं, सर्विस के जरिए नहीं। पेटीएम के शेयर में गिरावट देखने को मिल रही है जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
पुरी ने शुरुआत से ही प्राइवेट सेक्टर के HDFC बैंक की अगुवाई की थी और वर्ष 2020 में रिटायर होने तक इसे सेक्टर में सबसे बड़ा बैंक बना दिया। उन्होंने पेटीएम के कारोबारी मॉडल पर सवाल उठाया और यह सोचकर हैरानगी जताई कि अगर कंपनी इतने पेमेंट का मैनेजमेंट करती है तो मुनाफा कहां है? पुरी की तरफ से यह कमेंट दरअसल पेटीएम के शेयरों में भारी गिरावट के बीच आई है, जो अब उस कीमत से 75% कम है जिस पर निवेशकों ने उन्हें IPO में खरीदा था।
शेयर पर क्या है राय
ब्रोकरेज हाउस ICICI सिक्योरिटीज ने शेयर में 1285 रुपए के टारगेट के साथ निवेश की सलाह दी है। हाल ही में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि मैनेजमेंट को इससे नुकसान होने की आशंका नहीं है। मैनेजमेंट के अनुसार, डिजिटल लोन देने के लिए रेगुलेटरी फ्रेमवर्क प्रोग्रेसिव है। गाइडलाइंस भी इस बात के अनुरूप हैं कि पेटीएम वर्तमान में फाइनेंशियल सर्विस के डिस्ट्रीब्यूशन के अपने बिजनेस को कैसे एग्जीक्यूट कर रहा है। हालांकि, इसे पोस्टपेड प्रोडक्ट्स के लिए आपरेशनल चेंजेज की जरूरत होगी।
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