पुनर्जीवित की जा रही कंपनियों की हिस्सेदारी भी बिकेगी: उर्वरक क्षेत्र के पीएसयू को निजी हाथों में देगी सरकार, अपनी हिस्सेदारी बेचेगी
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नई दिल्लीएक दिन पहलेलेखक: पवन कुमार
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रसायन और उर्वरक मंत्रालय ने लगभग सभी पीएसयू (पब्लिक सेक्टर यूनिट) का विनिवेश (प्राइवेटाइजेशन) करने का फैसला किया है। साथ ही बंद पड़े वे पीएसयू जिन्हें सरकार पुनर्जीवित कर रही थी, उन्हें भी निजी हाथों में सौंपा जाएगा। ऐसे पीएसयू में भी सरकार अपनी हिस्सेदारी का कुछ प्रतिशत निजी हाथों को सौंप देगी।
मंत्रालय छह से आठ पीएसयू के बड़े हिस्से को धीरे-धीरे निजी हाथों में सौंप देगी। पिछले दिनों नीति आयोग और रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई थी। इसमें यह निर्णय लिया गया था।
सूत्रों का कहना है कि पहले से ही कुछ पीएसयू में कुछ हिस्सेदारी निजी हाथों को सौंप दी गई है, लेकिन अब सरकार अपने हिस्से में बची इक्विटी को भी विनिवेश करेगी।
पुनर्जिवित करने वाली कंपनियों की लिस्ट
एफसीआईएल के उन यूनिट को विनिवेश करने का निर्णय लिया गया है जो बंद पड़े थे या जिनकी हालत खराब थी लेकिन सरकार ने उनको पुनर्जिवित करने का निर्णय लिया था। इसमें गोरखपुर, तालचर, सिंदरी, रामागुंदम और बरौनी स्थित फर्टिलाइजर प्लांट को भी विनिवेश किया जाएगा।
केन्द्र सरकार ने ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लि. (एफएसीटी), एफसीआई अरावली जिप्सम एंड मिनरल्स इंडिया लिमिटेड (एफएजीएमआइएल), मद्रास फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एमएफएल), नेशनल फर्टिलाइजर लि. (एनएफएल), राष्ट्रीय केमिकल फर्टिलाइर लि. (आरसीएफएल), फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन इंडिया लि. (एफसीआईएल) और हिन्दुस्तान फर्टिलाइर कॉरपोरेशन लिमिटेड (एचएफसीएल) में अपनी हिस्सेदारी कम करेगी।
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