स्पोर्ट्स डेस्क5 मिनट पहले
पाकिस्तान के तेज गेंदबाज हारिस रउफ ने नीदरलैंड के खिलाफ ऐसी बाउंसर डाली कि बल्लेबाज बास डी लीड रिटायर हर्ट होकर वापस लौट गए। 6वें ओवर की पांचवीं बॉल लीड के हेलमेट के ग्रिल पर लगते हुए अंदर घुस गई और उनके आंख के पास जाकर लगी। लीड इस बॉल को पुल करना चाहते थे, लेकिन बाउंस और 142 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को वो समझ नहीं पाए।
उनकी बाईं आंख के नीचे बड़ा कट लग गया और खून बहने लगा। उनकी आंख बाल-बाल बची, स्टेडियम में मौजूद फैंस की सांसें अटक गईं थी। इसके तुरंत बाद फिजियो को बुलाया गया और वो वापस रिटायर हर्ट होकर वापस लौट गए।
बास डी लीड 16 गेंदों पर 6 रन बनाकर खेल रहे थे।
हारिस रउफ की यही खतरनाक बाउंसर जाकर बेस डी लीडे को लगी थी। फोटो हॉटस्टार से ली गई है।
हारिस पहले भी कर चुके हैं खतरनाक बाउंसर
हारिस रउफ ने वर्ल्ड कप से पहले इंग्लैंड और पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई सीरीज में भी ऐसी ही खतरनाक गेंदबाजी की थी। इंग्लैंड के युवा बल्लेबाज हैरी ब्रूक ने टी-20 सीरीज के तीसरे मुकाबले में बाल-बाल बच थे।
17वें ओवर में पाकिस्तान के लिए गेंदबाजी करने हरिस रउफ आए थे। ओवर की चौथी गेंद उन्होंने पटकी हुई डाली और ब्रूक ने उसे पूल करने की कोशिश की। बल्ले के ऊपरी किनारे पर लगने के बाद गेंद उनके हेलमेट की ग्रिल में घूस गई। 10 मिनट तक मैच रुका रहा और इसके बाद डॉक्टर मैदान पर आए, चोट ज्यादा गंभीर नहीं थी और ब्रूक ने बल्लेबाजी जारी रखी।
इंग्लैंड के खिलाफ हारिस रउफ की खतरनाक बाउंस हैरी ब्रूक के हेलमेट में अटक गई थी।
सिर पर चोट लगने से बल्लेबाज की हो चुकी है मौत
हेलमेट के बावजूद सिर पर चोट लगने से ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज जो फिलिप ह्यूज की मौत हो चुकी है। उसके बाद कुछ गाइडलाइन भी जारी की गईं। दरअसल 2014 में 25 नवंबर को सिडनी में साउथ ऑस्ट्रेलिया और न्यू साउथ वेल्स के बीच खेले गए मैच के दौरान जो फिलिप को हेलमेट के पीछे सिर पर गेंद लग गई थी। वह वहीं पर गिर पड़े थे।
दो दिन कोमा में रहने के बाद उनकी मौत हो गई थी। इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों के व्यवहार में भी बदलाव आया। अब ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी चोट लगने के बाद तुरंत जाकर बल्लेबाजों का हालचाल पूछते हैं।
फिलिप ह्यूज की 2014 में हेलमेट पर लगी चोट के कारण मौत हो चुकी है।
हेलमेट में हुए बदलाव और कन्कशन टेस्ट अनिवार्य
इसके बाद बैटिंग हैलमेट को पहले से और मजबूत बनाया गया। उनमें सुधार किए गए। हैलमेट बनाने वाली कंपनियों ने हैलमेट में बदलाव किया। हैलमेट के बैक रिम के नीचे एक गार्ड जोड़ा गया। वहीं कन्कशन टेस्ट को अनिवार्य किया। चोट लगने के बाद ग्राउंड पर मेडिकल टीम को बुलाया जाता है।फिजियो ग्राउंड पर जाकर कुछ बुनियादी बातों को ख्याल में रखकर खिलाड़ी की जांच करता है।
वह खिलाड़ी का संतुलन जांचता है और उससे पूछता है कि क्या उसे चक्कर आ रहे हैं? या उल्टी आ रही है? इसके साथ ही वह खिलाड़ी की याददाश्त की भी जांच करता है, इसके लिए कुछ सवाल पूछे जाते हैं- जैसे कि शहर का नाम और कुछ अन्य सवाल।
साथ ही खिलाड़ी को कुछ पढ़ने के लिए भी दिया जाता है। देखा जाता है कि क्या वह इन सब प्रक्रियाओं के दौरान सामान्य था। इसके बाद ही आगे का फैसला किया जाता है। कुल मिलाकर खिलाड़ी के सिर पर चोट लगने के बाद उसकी चेतना का सही तौर पर परीक्षण किया जाता है।
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