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- Tokyo Olympics The Wrestling Federation Of India Will Not Be Able To Send Any Other Wrestler To The Olympics In Place Of Sumit; United World Wrestling Fined WFI 16 Lakhs Sumit Malik’s Positive Test UWW WFI
नई दिल्ली20 मिनट पहले
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सुमित ने बुल्गारिया में हुए वर
टोक्यो ओलिंपिक से 49 दिन पहले डोप टेस्ट में फेल होने वाले 125 किलो वेट कैटेगरी के पहलवान सुमित की जगह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया किसी अन्य पहलवान को नहीं भेज सकेगा। रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के असिस्टेंट सेक्रेटरी विनोद तोमर ने बताया कि सुमित बुल्गारिया में आयोजित वर्ल्ड रेसलिंग ओलिंपिक क्वालिफाइंग इवेंट में लिए गए सैंपल में पॉजिटिव पाए गए हैं। यह टूर्नामेंट यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के तत्वाधान में किया गया था। सैंपल भी इंडिया के बाहर की एजेंसी ने लिया था। ऐसे में नियमों के तहत देश का कोटा भी समाप्त हो जाता है। ओलिंपिक नियमों के अनुसार पहलवान देश के लिए कोटा हासिल होता है। नेशनल फेडरेशन उसे किसी को भी ट्रांसर्फर कर सकता है। लेकिन, इस मामले में ऐसा नहीं होगा।
तोमर ने बताया कि अगर सुमित का सैंपल भारत में नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (नाडा )की ओर से लिया गया होता और वे उसमें पॉजिटिव पाए जाते तो कोटा किसी अन्य खिलाड़ी को मिल सकता था, लेकिन सुमित का सैंपल देश के बाहर लिया गया है, इसलिए खिलाड़ी पर बैन के साथ ही देश का कोटा भी खत्म हो गया है।
16 लाख लगाया गया है जुर्माना
सुमित के डोप में फेल होने पर रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया पर 16 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं सुमित को अस्थायी रूप से बैन कर दिया है। तोमर ने कहा कि सुमित के बी सैंपल के बाद सुनवाई के दौरान फेडरेशन भी अपना पक्ष रखेगा।
बी सैंपल के बाद सुमित को रखना होगा पक्ष
सुमित का ए सैंपल पॉजिटिव आने के बाद बी सैंपल का परीक्षण होगा। इसके लिए सुमित को 10 जून तक वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी को आवेदन करना होगा। बी सैंपल आने के बाद ही सुमित को अपना पक्ष वाडा और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के सामने रखना होगा। फेडरेशन भी अपना पक्ष रखेगा।
ए और बी सैंपल क्या होता है
दरअसल किसी भी खिलाड़ी का डोप टेस्ट लिए जब यूरीन या ब्लड लिया जाता है, तो उसे दो बोतल ए और बी में रखा जाता है। पहले ए बोतल के सैंपल की जांच की जाती है और उसका रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद खिलाड़ी के अनुरोध पर बी सैंपल की भी जांच की जाती है। अगर कहीं रिपोर्ट गलत हो या कहीं बोतल परिवर्तन हो गया तो खिलाड़ी का सही रिपोर्ट आ सके और खिलाड़ी को नुकसान न हो।
दरअसल डोप के लिए सैंपल वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) और इससे मान्यता प्राप्त किसी देश की नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी लेती है। सैंपल कभी भी लिया जा सकता है। प्रतियोगिता के दौरान और ट्रेनिंग के दौरान भी नाडा और वाडा सैंपल ले सकती है। नाडा सैंपल की रिपोर्ट वाडा को भी भेजती है। जिसके बाद वाडा और नाडा की ओर से खिलाड़ी पर बैन लगाया जाता है।
फेडरेशन पर भी उठ रहे हैं सवाल
सूत्रों के मुताबिक सुमित के बैन पर फेडरेशन भी सवाल उठ रहे हैं। सुमित अप्रैल में एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप से आने के बाद कैंप में ही थे और फिर मई में वर्ल्ड रेसलिंग क्वॉलिफाइंग इवेंट के लिए गए थे। चूंकि सुमित को एशियन रेसलिंग चैंपियनशिप के दौरान घुटने में चोट लग गई थी। वह कैंप में थे। ऐसे में मेडिकल टीम को उनके चोट की जानकारी थी। मेडिकल टीम को उनके दवा लेने के बारे में भी पता था। अब ऐसे में सवाल है कि फिर लापरवाही कहां हुई? इस पर तोमर का कहना है कि सुमित अंतरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान हैं। उन्हें पता है कि प्रतिबंधित दवा कौन सी है। हमेश निगरानी रखना मुश्किल है। शायद उन्होंने ज्यादा दर्द होने पर आयुर्वेद की दवा भी ली थी।
रियो ओलिंपिक से पहले भी सुमित विवादों में आए थे। उन्होंने ओलिंपिक क्वॉलिफायर खेलने के दौरान शुरुआती मुकाबले हारने के बाद स्टेडियम से ही चले गए थे।
रियो ओलिंपिक से पहले भी विवादों में आए थे सुमित
रियो ओलिंपिक से पहले भी सुमित विवादों में आए थे। वे ओलिंपिक क्वॉलिफायर के दौरान शुरुआती मुकाबला हारने के बाद स्टेडियम से ही चले गए थे और रेपचेज मुकाबला नहीं लड़ा था। बाद में रेपचेज में विजेता बने पहलवान को ओलिंपिक टिकट मिला था। इसके बाद रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने कारवाई की थी।
रेसलिंग में 8 खिलाड़ियों ने ओलिंपिक कोटा हासिल किया
रेसलिंग में 8 खिलाड़ियों का अब तक का सबसे बड़ा भारतीय दल ओलिंपिक में जा रहा है। इसमें 4 पुरुष और 4 महिला पहलवान हैं। इससे पहले 2016 में रियो में 7 रेसलर गए थे। सुमित के अलावा इस बार रवि कुमार दहिया, बजरंग पूनिया, दीपक पूनिया, सीमा बिस्ला, विनेश फोगाट, अंशु मलिक और सोनम मलिक ओलिंपिक कोटा हासिल कर चुके हैं। इनमें बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और दीपक पूनिया वर्ल्ड रैंकिंग में टॉप थ्री में शामिल हैं। इन तीनों से मेडल की उम्मीद की जा रही है।
लगातार दूसरे ओलिंपिक से पहले भारतीय पहलवान फेल
यह लगातार दूसरी बार है, जब ओलिंपिक से पहले कोई भारतीय रेसलर डोप टेस्ट में फेल हुआ हो। इससे पहले 2016 में रियो ओलिंपिक से पहले पहलवान नरसिंह यादव का मामला सामने आया था। 2016 में 74 किलो वेट में नरसिंह और 2 बार के ओलिंपिक मेडलिस्ट सुशील कुमार दावेदार थे। सुशील ओलिंपिक क्वालिफायर्स के ट्रायल में हिस्सा नहीं ले पाए। इसके बाद नरसिंह को ओलिंपिक क्वालिफायर्स इवेंट के लिए भेजा गया। नरसिंह ने अपनी प्रतिभा से कोटा हासिल भी कर लिया।
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