पहलवानों पर केस दर्ज करने की याचिका पर सुनवाई आज: PM और बृजभूषण पर झूठे आरोप लगाने, भड़काऊ भाषण देने की है शिकायत
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पानीपत11 मिनट पहले
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जंतर-मंतर पर धरने के दौरान पहलवानों ने विरोध स्वरूप पैदल मार्च निकाला था (फाइल फोटो)।
भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले देश के शीर्ष पहलवानों पर केस दर्ज करने की याचिका पर आज दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी। इस याचिका में कहा गया है कि विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया व साक्षी मालिक और अन्य पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बृजभूषण सिंह पर झूठे आरोप लगाए हैं।
इसलिए उनके खिलाफ केस दर्ज किया जाए। इस याचिका पर कोर्ट में यह दूसरी सुनवाई है। हालांकि पहली तारीख 25 मई की थी, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई को टालते हुए अगली तारीख 9 जून की मुकर्रर की थी।
इससे पहले शिकायतकर्ता ने 4 मई 2023 को उपरोक्त पहलवानों के खिलाफ थाना संसद मार्ग के एसएचओ, एसीपी और डीसीपी को लिखित शिकायत दी थी। इसके अलावा दिल्ली के पुलिस आयुक्त को भी शिकायत की गई है। साथ ही वकील के जरिए कोर्ट में भी याचिका दायर की थी।
उधर, बृजभूषण सिंह पर लगाए यौन शोषण के आरोपों को वापस लेने वाली नाबालिग पहलवान के पिता ने कहा है कि उन्होंने यौन शोषण की झूठी शिकायत दर्ज कराई थी। बेटी के साथ हुए कथित अन्याय का बदला लेने के लिए उन्होंने ऐसा किया।
नाबालिग पहलवान के पिता ने न्यूज एजेंसी से कहा- अच्छा यही है कि सच कोर्ट की बजाय अभी सामने आ जाए। सरकार ने मेरी बेटी के मामले में निष्पक्ष जांच करने का वादा किया है। इसलिए मैं अपनी गलती सुधार रहा हूं।
7 जून को खिलाड़ी केंद्रीय खेलमंत्री अनुराग ठाकुर से मिलने उनके आवास पर पहुंचे थे।
PM मोदी और बृजभूषण पर लगाए झूठे आरोप
पहलवानों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में याचिका दायर की गई है। याचिकाकर्ता बम बम महाराज की तरफ से एडवोकेट एपी सिंह ने कोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि पहलवान विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मालिक सहित अन्य पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह पर झूठे आरोप लगाए हैं।
उन्होंने जंतर मंतर से भड़काऊ भाषण दिए। कहा गया है कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं। इस तरह का आरोप किसी के दबाव में व्यक्तिगत लाभ के लिए लगाए गए हैं।
शिकायत में ये भी कहा गया
आगे कहा कि आरोपी पहलवान अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट भी खेलते हैं। इनमें कोई भी कथित अपराध का विरोध करने में शारीरिक या दूसरे तरीकों से कमजोर नहीं थे। इसलिए इस बात पर भरोसा करना मुश्किल है कि उन्हें एक 66 साल के व्यक्ति ने परेशान किया था।
याचिका में कहा गया है कि इनमें से किसी भी पहलवान ने पहले न तो कथित उत्पीड़न का विरोध किया और न ही पुलिस स्टेशन, महिला हेल्पलाइन या राज्य महिला आयोग में कोई लिखित या मौखिक शिकायत दी या मुकदमा दर्ज कराया। जंतर-मंतर पर पहलवानों का विरोध प्रदर्शन महज पुलिस और अदालत पर अनावश्यक दबाव बनाने के लिए बनाया जा रहा है।
रेसलर्स के धरने में अब तक क्या हुआ?
- 18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
- 21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
- 23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि बृजभूषण की गिरफ्तारी तक धरना जारी रहेगा।
- 28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
- 3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
- 7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
- 21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
- 26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
- 28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
- 29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
- 30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।
- 31 मई को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि दिल्ली पुलिस के पास बृजभूषण की गिरफ्तारी लायक सबूत नहीं है। इस पर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके इसका खंडन किया और कहा- जांच जारी है। बाद में दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
- 2 जून को कुरुक्षेत्र में महापंचायत हुई। इसमें 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करने लिए अल्टीमेटम दिया गया।
- 3 जून को दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। इनमें एक-एक ओलिंपियन, कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच शामिल है।
- 4 जून को पता चला कि पहलवानों की गृह मंत्री अमित शाह से मीटिंग हुई।
- 5 जून को विनेश, साक्षी और बजरंग ने रेलवे में ड्यूटी जॉइन कर ली। हालांकि साक्षी ने कहा कि उनका आंदोलन जारी रहेगा।
- 6 जून को अमित शाह से मीटिंग का पता चलने पर किसानों और खाप ने 9 जून को जंतर-मंतर पर अपना प्रदर्शन स्थगित कर दिया।
- 7 जून को केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया की 6 घंटे तक उनके आवास पर मीटिंग हुई।
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