न्यूजीलैंड में चमकी MP की ‘दंगल गर्ल’: स्पोर्ट्समैन पिता ने दिए पंख, गोल्ड का सपना साकार
कपिल मिश्रा। शिवपुरी32 मिनट पहले
आपने एक्टर आमिर खान अभिनीत ‘दंगल‘ फिल्म तो देखी होगी, लेकिन आज हम आपको शिवपुरी की दंगल फैमिली से मिलवाने जा रहे हैं। इस परिवार की कहानी दंगल फिल्म की कहानी से किसी मायने में कम नहीं है। शिवपुरी की बेटी मुस्कान ने देश, प्रदेश और शहर का नाम रोशन किया है। मुस्कान ने न्यूजीलैंड में हुए ओपन फेडरेशन के वेट लिफ्टिंग कॉम्पिटिशन में 4 गोल्ड जीतकर एक नया मुकाम हासिल कर लिया है।
पढ़िए, बेटी के जरिए अपना सपना पूरा करने वाले पिता की कहानी
पिता मोहम्मद दारा खान ने बताया- मेरा बचपन से ही एक सपना था कि देश के लिए गोल्ड मेडल लेकर आऊं। इसके लिए शुरू से मुझे स्पोर्ट्स में इंटरेस्ट था। मेरा गेम हैंडबॉल था। इसमें 3 बार स्टेट लेवल पर खेला। बास्केटबॉल में भी नेशनल खेला। साल 1997 में 20 साल की उम्र में मेरा स्पोर्ट्स कोटे से ITBP में SI के पद पर चयन हो गया।
सिलेक्शन के 2-4 दिन पहले एक हादसे में मेरी अंगुलियां कट गईं। हाथ खराब हो जाने की वजह से गोल्ड जीतने का मेरा सपना अधूरा ही रह गया। दिन बीतने लगे। मैं सपने को पीछे छोड़कर पोल्ट्री फार्म के व्यवसाय में व्यस्त हो गया।
स्पोटर्स मैन पिता का 20 साल की उम्र में स्पोर्ट्स कोटे से ITBP में SI के पद पर चयन हुआ लेकिन हादसे के कारण वे ड्यूटी जॉइन नहीं कर पाए।
मेरे 5 बच्चे हैं। 3 बेटियां और 2 बेटे हैं। परिवार के पालन-पोषण के लिए कारोबार को बढ़ा रहा था, लेकिन दिल देश के लिए गोल्ड मेडल लाने के लिए ही धड़कता था। विवश था पर मौके की तलाश रहती थी। मैं गांव में होने वाली खेल प्रतियोगिता के आयोजन में खास भूमिका निभाने लगा।
इसी दौरान मझली बेटी मुस्कान आशा की किरण बनकर आई। खेल को लेकर उसका झुकाव मुझे हौसला देने लगा। मुझे लगा मेरी बेटी ही मेरे सपनों को पूरा करेगी। स्कूल के साथ ही उसने खेल की ओर भी मेहनत करना शुरू कर दिया। मैं भी उसके साथ जुट गया।
मुस्कान ने स्कॉट लिफ्टिंग, बेंच प्रेस, डेड लिफ्टिंग और टोटल वेट काउंट में गोल्ड जीता।
गांव से 20 KM दूर शिवपुरी के प्राइवेट स्कूल में मुस्कान का दाखिला करवाया। हर दिन बेटी को 40 किलोमीटर दूर स्कूल लाना, ले जाना शुरू कर दिया। बेटी की मेहनत रंग लाई। बेटी खेल प्रतियोगिता में अव्वल रहने लगी।
हर कदम पर मैं उसके साथ खड़ा रहा। बराबर उसको सपोर्ट करता रहा। जहां भी मुझे लगता था कि इसमें आगे बढ़ने की संभावना है, उस फील्ड में आगे ले जाने का प्रयास करता। सबसे पहले हैंडबॉल से उसकी शुरुआत की। मिनी हैंडबॉल में ही मुस्कान ने 3 बार नेशनल खेला। मैच में 10 में से 9 गोल अकेले बेटी ने ही दागे।
तब मुझे लगा उसे इंडिविजुअल गेम में लेकर आना चाहिए। काफी सोच विचार कर वेट लिफ्टिंग के लिए तैयार किया। वेट लिफ्टिंग की शुरुआत होते ही मुस्कान स्टेट खेलने पहुंच गई। इसी दौरान कोरोना ने बेटी की रफ्तार को रोक दिया। यह देख मैंने तय किया कि अब घर में ही उसके लिए व्यवस्थाएं जुटाऊं। धीरे-धीरे घर में ही जिम तैयार कर दी। बेटी ने 2 साल जी तोड़ मेहनत की।
न्यूजीलैंड में पावर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप में भाग लेने गई मुस्कान एयरपोर्ट पर अपनी टीम के साथ।
एक साल में सामने आए परिणाम
पिता ने बताया कि बेटी मुस्कान ने कोरोना खत्म होते ही पावर वेट लिफ्टिंग की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया और देखते ही देखते उसने जिला स्तर से लेकर संभाग स्तरीय और फिर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में अपना परचम लहरा दिया। इसके बाद उसका चयन न्यूजीलैंड में होने वाले कॉमनवेल्थ पावर लिफ्टिंग 2022 में हुआ। बेटी मुस्कान को 25 नवंबर को न्यूजीलैंड के लिए रवाना किया गया था। जहां मुस्कान ने पावर वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में 4 गोल्ड हासिल करते हुए अपने शहर सहित देश का नाम रोशन कर दिया। मेरे लिए गर्व की बात है कि बेटी ने मेरे सपने को पूरा किया।
मुस्कान 25 नवंबर को न्यूजीलैंड के लिए रवाना हुई। वहां पावर वेट लिफ्टिंग प्रतियोगिता में 4 गोल्ड हासिल करते हुए देश का नाम रोशन कर दिया।
मिनी हैंडबॉल स्टेट खेला
मोहम्मद दारा ने बताया कि बेटी मुस्कान ने साल 2016 में पहली बार स्टेट हैंडबॉल प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इसके बाद साल 2017, 18 और 19 में वह नेशनल खेली।
भाला से लेकर गोला तक फेंका
खान ने बताया कि बेटी ने पावर लिफ्टिंग के पहले हैंडबॉल में तो किस्मत आजमाई ही थी। इंडिविजुअल गेम में उसने भाला और गोला भी फेंका। गांव में तैयारियों में समस्या आने के बाद उसका झुकाव वेट लिफ्टिंग की ओर हो गया।
मुस्कान के साथ अन्य देशों के प्रतिभागी। मुस्कान ने न्यूजीलैंड में पावर लिफ्टिंग चैम्पियनशिप के दौरान उसने नए दोस्त भी बनाए।
तीखा खाने पर होता था भाई से झगड़ा
मुस्कान के भाई हनी खान ने बताया कि छोटी बहन मुस्कान से खाने-पीने को लेकर लड़ाई होती है। वह तीखा खाना पसंद करती थी, लेकिन मैं उसे खाने नहीं देता। इसकी शिकायत वह पापा से करती। पापा और मैं उसे डाइट पर ध्यान देने के लिए कहते हैं। मुझे अब खुशी है कि वह इस झगड़े के कारण इस मुकाम तक पहुंची है। मुस्कान की कामयाबी से आज पूरा परिवार खुशी मना रहा है।
मुस्कान ने जिला स्तर से लेकर संभाग स्तरीय और फिर राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में परचम लहराया।
सीएम शिवराज ने दी बधाई
खेल मंत्री यशोधरा सिंधिया ने जताई खुशी
MP की बेटियां प्रदेश का नाम देश-दुनिया में रोशन कर रही हैं, पढ़िए
भोपाल की बेटी ने पेरू में जीता सिल्वर मेडल
करीब एक साल पहले पेरू के लीमा में चल रही शूटिंग की जूनियर वर्ल्ड चैंपियनशिप में भोपाल की बेटी प्रसिद्धि महंत ने सिल्वर मेडल जीता था। इसके तुरंत बाद प्रसिद्धि ने डॉक्टर पिता और मां को वॉट्सऐप पर वीडियो कॉल कर अपना मेडल दिखाया। प्रसिद्धि ने कहा- यह मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा दिन है। मेडल देख पिता, मां और बहन खुशी से झूम उठे। प्रसिद्धि ने वर्ल्ड चैंपियनशिप में पहला मेडल जीता है, जबकि इससे पहले नेशनल चैंपियनशिप में गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज को मिलाकर 10 मेडल जीत चुकी हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
कंगना की फिल्म में MP की बेटी
देशभर के सिनेमाघरों में (20 मई, 2022) को रिलीज हुई फिल्म ‘धाकड़’ में लिटिल कंगना रनौत के रूप में रीवा शहर की बेटी मायरा राजपाल दिखीं। एक्शन से भरपूर फिल्म में मायरा ने कंगना के बचपन का रोल प्ले किया है। उन्होंने स्कूल में खेलने से लेकर मां-बाप से जुड़ी यादों का सीन दिया है। इस फिल्म में कंगना के अलावा अर्जुन रामपाल और दिव्या दत्ता भी हैं। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.