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नई दिल्ली2 घंटे पहले
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मार्च 2020 में शेयर बाजार में जितनी तेजी से गिरावट आई, उसके बाद उससे ज्यादा तेजी से शेयरों की कीमतों में सुधार हुआ। इससे यह बात सिद्ध होती है कि शॉर्ट टर्म की भारी गिरावट से इक्विटी को कोई फर्क नहीं पड़ता, लॉन्ग टर्म में इनका प्रदर्शन बेहतर ही रहता है।
2021 ने हमें यह भी बताया कि शेयर बाजार एकतरफा रास्ता नहीं है। यहां कीमतें ऊपर और नीचे दोनों तरफ जाती हैं। यह नए और मौजूदा निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण सबक हैं। ऐसे निवेशक जो इक्विटी फंड के जरिए शेयरों में निवेश करते हैं, उन्हें 2022 में होने वाली घटनाओं के कारण आने वाले उतार-चढ़ाव से घबराना नहीं चाहिए। अंतत: जो चीजें शेयरों की कीमतें बढ़ाती हैं वे हैं कंपनियों की आमदनी और आने वाले सालों में ग्रोथ की उम्मीद। मौजूदा समय में कई कंपनियों की इनपुट कॉस्ट पर दबाव नजर आ रहा है।
इस साल भी जारी रह सकता है उतार-चढ़ाव
2022 में बढ़ती मांग के बीच कंपनियां बढ़ी लागत का भार कब तक खुद वहन करती हैं और कब इसका भार ग्राहकों पर डालती हैं, यह हमें 2022 में समय के साथ देखने को मिलेगा। 2022 में बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है। यह आपके ऊपर है कि अपने लॉन्ग टर्म के लक्ष्यों के लिए मौकों का कैसे सबसे अच्छा उपयोग करते हैं। बिना सोच-विचारे निवेश करने के बजाय, योजना बनाकर निवेश करने से मदद मिलती है। यदि आपने अभी तक शेयरों में निवेश नहीं किया है तो 2022 इस यात्रा को शुरू करने का सही समय हो सकता है। बजाज कैपिटल के जॉइंट सीएमडी, संजीव बजाज निवेश के लिए ऐसी 6 रणनीति बता रहे हैं जो आपके लिए फायदेमंद रहेंगी..
- बाजार कब किस स्तर पर पहुंचेगा, इसका अंदाजा लगाने और उस हिसाब से निवेश के फैसले करने से बचें। यदि आप लंबी अवधि के लक्ष्यों के लिए निवेश कर रहे हैं, तो करेक्शन में म्यूचुअल फंड्स की और यूनिट्स खरीदें ताकि आपकी निवेश को होल्ड करने की लागत की एवरेजिंग हो सके।
- निवेश को लार्ज-मिड-स्मॉल कैप म्यूचुअल फंड स्कीम्स में उचित डायवर्सिफाई कर कुछ इक्विटी म्यूचुअल फंड में एसआईपी शुरू करें। जब भी आपके पास निवेश के लिए एकमुश्त राशि उपलब्ध हो, इसे मौजूदा फोलियो में डालें। बाजार में गिरावट आने पर इस मौके का उपयोग कम कीमत पर मिल रहे मजबूत कारोबारी संभावनाओं वाले शेयर खरीदने में करें।
- महत्वपूर्ण बात, अपनी निवेश की राशि को इक्विटी, डेट और गोल्ड में डायवर्सिफाई कर अपने एसेट एलोकेशन को मेंटेन रखें। किसी एक एसेट क्लास या स्कीम के शॉर्ट टर्म के प्रदर्शन के आधार पर उसमें जरूरत से ज्यादा निवेश न कर दें।
- मौजूदा एसआईपी (सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के निवेशक अपना निवेश जारी रख सकते हैं। जब भी शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के आने के कारण एनएवी गिरती है, वे लंबी अवधि में बड़ा कॉर्पस बनाने के लिए उसी फोलियो में नए फंड्स जोड़ सकते हैं।
- यदि आपके पास एकमुश्त राशि है, तो आप या तो अपने निवेश को 2-4 चरणों में बांटकर निवेश शुरू कर सकते हैं। या फिर आप लिक्विड फंड में निवेश कर के सिस्टमैटिक ट्रांसफर प्लान का विकल्प चुन सकते हैं। इसमें फंड को नियमित अंतराल पर इक्विटी में निवेश करने के लिए कह सकते हैं।
- लॉन्ग टर्म इक्विटी फंडों में और अच्छा प्रदर्शन करने वाले लार्ज और मिड-कैप फंडों में बने रहना चाहिए। स्मॉल-कैप फंड्स को वे लोग चुन सकते हैं, जिनकी जोखिम क्षमता अधिक है। कुछ हिस्सा थीमैटिक या सेक्टर फंड्स जैसे फार्मा फंड्स और आईटी फंड्स में निवेश किया जा सकता है।
बीमा: पर्याप्त हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस कवर लें
निवेश शुरू करने से पहले अपने और परिवार के हर सदस्य के लिए पर्याप्त हेल्थ इंश्योरेंस कवर लें। छोटे और युवा परिवार फैमिली फ्लोटर प्लान का विकल्प चुन सकते हैं। जहां तक जीवन बीमा की बात है, सालाना आमदनी के 15 गुना के बराबर राशि का टर्म इंश्योरेंस प्लान लें। हर पांच साल में अपनी नई वित्तीय जिम्मेदारियों को ध्यान में रखते हुए इसकी समीक्षा करते रहें। 40 साल के आसपास के व्यक्ति के लिए क्रिटिकल इलनेस प्लान का चयन करना भी जरूरी है। साथ ही, अतिरिक्त सुरक्षा के लिए कोरोनावायरस हेल्थ कवर जोड़ने पर विचार करें।
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