निर्मला के हर शब्द का हिसाब: वित्तमंत्री 91 मिनट में 10,650 शब्द बोलीं; डिजिटल 36 बार तो स्टूडेंट और महिला सिर्फ एक बार
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28 मिनट पहले
वित्त मंत्री निर्मला सीता रमण ने बजट पेश करते हुए 1 घंटे 31 मिनट का भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने कुल 10,650 शब्द बोले। शब्दों के हिसाब से देखें तो उनका सबसे ज्यादा फोकस डिजिटल, इंफ्रास्ट्रक्चर और टैक्स जैसे शब्दों पर रहा। वहीं, महिला, स्टूडेंट, बिजली, गरीब, कोरोना और रोजगार पर उनका जोर काफी कम रहा।
उनके चुने शब्दों के मुताबिक बजट की दिशा भी डिजिटल और इंफ्रास्ट्रक्चर की ओर रही। उन्होंने एक डिजिटल यूनिवर्सिटी खोलने का भी ऐलान किया। गरीबी, बिजली, कोरोना और रोजगार के मुद्दे पर लोगों को निराशा हाथ लगी। टैक्स शब्द का इस्तेमाल तो बहुत बार हुआ, मगर लोग राहत तलाशते रह गए।
इससे पहले 2021 में उन्होंने 1 घंटा 50 मिनट का बजट भाषण दिया था। जबकि 2020 में उन्होंने सबसे लंबा 2 घंटे 17 मिनट का भाषण दिया था।
डेढ़ घंटे के भाषण में ‘महिला’ सिर्फ एक बार
इस बार के 1 घंटे 31 मिनट के बजट भाषण में बिजली, महिला और स्टूडेंट शब्द का इस्तेमाल 1 बार किया गया। गरीब और कोविड शब्द का प्रयोग 2 बार तो वहीं पानी शब्द का प्रयोग 3 बार किया गया। इस बार बजट में सड़क शब्द का प्रयोग कुल 4 बार किया गया।
महामारी और रोजगार शब्द का भी 6 बार जिक्र
महामारी और रोजगार शब्द का जिक्र 6 बार और किसान शब्द का जिक्र 13 बार किया। ग्रोथ शब्द 16 बार तो हेल्थ शब्द का जिक्र 17 बार किया। टैक्स शब्द का जिक्र कुल 22 बार किया है। इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द का जिक्र 26 बार तो वहीं डिजिटल शब्द को सबसे ज्यादा 36 बार इस्तेमाल किया।
निर्मला सीतारमण ने ही पहली बार पेश किया था डिजिटल बजट
2019 में निर्मला सीतारमण पहली बार वित्त मंत्री बनी थीं। उस वर्ष पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल होने वाले लाल रंग के बही-खाते में बजट लेकर वे संसद पहुंचीं थीं। उससे पहले बजट पेश करने के लिए ब्रीफकेस का इस्तेमाल होता था। मोदी सरकार ने संदेश दिया कि वह ब्रीफकेस के औपनिवेशिक व्यवहार को त्याग कर स्वदेशी बही-खाते की परंपरा शुरू कर रही हैं।
उनका कहना था कि दरअसल, ब्रीफकेस लाने का चलन ब्रिटिश वित्त मंत्रियों के बजट पेश करने के दौरान लेने वाले Gladstone Box जैसा था, जबकि देश में छोटे-बड़े व्यापारियों के बीच सदियों से बही-खाता इस्तेमाल करने की परंपरा रही है। 2021 कोविड-19 प्रोटोकॉल और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, वित्त मंत्री ने ‘डिजिटल इंडिया’ अभियान पर जोर दिया। उन्होंने अपना बजट ‘मेड इन इंडिया’ टैबलेट में पेश किया।
डिजिटल पेमेंट्स में बढ़ावा देने के लिए 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट बनेंगी
देश में डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री ने बजट 2020 में देश में शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंकों के जरिए 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंकिंग यूनिट्स स्थापित करने का ऐलान किया।
तेजी से बढ़ रहे डिजिटल पेमेंट वाले फिनटेक सेक्टर की जो उम्मीदें पूरी नहीं हुईं
फाइनेंशियल टेक्नोलॉजी या फिनटेक सेक्टर ने कोरोना काल में तेजी से विकास किया है। नवंबर 2016 में देश में लागू हुई नोटबंदी के बाद से ऑनलाइन ट्रांजैक्शन बहुत तेजी से बढ़े हैं।
- पेटीएम, फोनपे से लेकर गूगल-पे जैसी फिनटेक कंपनियों ने ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए लोगों का जीवन आसान बनाया है और देश के कैशलेस इकोनॉमी की तरफ आगे बढ़ाया है।
- फिनटेक सेक्टर को आगामी बजट से उम्मीद थी कि सरकार इस सेक्टर के और विकास के लिए टैक्स में 1% तक छूट देगी, जिससे इस सेक्टर में निवेश के लिए कंपनियों के पास ज्यादा पूंजी होगी।
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