धनलक्ष्मी बैंक में वर्चस्व की लड़ाई: 29 सितंबर को होने वाली AGM को कैंसल करने की मांग, रविंद्रन पिल्लई बोर्ड में चाहते हैं वापसी
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मुंबई16 घंटे पहलेलेखक: अजीत सिंह
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![धनलक्ष्मी बैंक में वर्चस्व की लड़ाई: 29 सितंबर को होने वाली AGM को कैंसल करने की मांग, रविंद्रन पिल्लई बोर्ड में चाहते हैं वापसी धनलक्ष्मी बैंक में वर्चस्व की लड़ाई: 29 सितंबर को होने वाली AGM को कैंसल करने की मांग, रविंद्रन पिल्लई बोर्ड में चाहते हैं वापसी](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2021/09/27/_1632729048.jpg)
दक्षिण भारत के प्राइवेट सेक्टर के बैंक धनलक्ष्मी बैंक में सब कुछ ठीक नहीं है। यहां वर्चस्व की लड़ाई शुरू हो गई है। बैंक के बोर्ड में बी. रविंद्रन पिल्लई वापसी चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने बैंक की सालाना बैठक (AGM) को कैंसिल कराने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
दिक्कतों से जूझ रहा बैंक
धनलक्ष्मी बैंक में इस समय काफी दिक्कत है। पिछले साल दिसंबर में इसके बोर्ड ने भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के रिटायर मुख्य महाप्रबंधक (CGM) जे. के. शिवन को MD&CEO बनाया है। इससे पहले पिछले साल जनवरी में एक्सिस बैंक के अधिकारी सुनील गुरुबख्शानी को MD&CEO नियुक्त किया गया था। पर 2020 सितंबर में बैंक के शेयरधारकों ने गुरुबख्शानी के खिलाफ वोट किया। इसके बाद गुरुबख्शानी ने बैंक से इस्तीफा दे दिया था।
29 सितंबर को बैंक की AGM
बैंक की AGM 29 सितंबर को होगी। पिल्लई का कहना है कि उनको बोर्ड में शामिल करना चाहिए। पिल्लई पहले बोर्ड में थे। पर रिजर्व बैंक की 70 साल की उम्र के नियम के चलते पिल्लई को बोर्ड से बाहर होना पड़ा था, क्योंकि वे 70 साल के हो चुके थे। हालांकि इस साल 26 अप्रैल को रिजर्व बैंक ने एक नोटिफिकेशन जारी किया और नॉन एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर्स के लिए 70 साल की उम्र को बढाकर 75 साल कर दिया। तभी से पिल्लई बैंक में वापसी चाहते हैं। बैंक में प्रमोटर्स की हिस्सेदारी शून्य है। इसमें 11.43% हिस्सेदारी विदेशी निवेशकों की है।
गोपीनाथन सीके की 7.50% हिस्सेदारी
इसके अलावा गोपीनाथन सीके की 7.50% हिस्सेदारी कपिल वधावन की 5% हिस्सेदारी है। कपिल वधावन DHFL के मालिक थे। बाद में यह कंपनी दिवालिया हो गई। जून तिमाही में बैंक को 6.79 करोड़ रुपए का फायदा हुआ था। जबकि इसका रेवेन्यू 218 करोड़ रुपए था। पिल्लई ने केरल हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है। उन्होंने इस याचिका में ही AGM कैंसिल करने की मांग की है।
पिल्लई की उम्मीदवारी को रिजेक्ट करने के लिए AGM
बैंक के बोर्ड ने पिल्लई की उम्मीदवारी को रिजेक्ट करने के लिए AGM बुलाई है। दरअसल खबरें आ रही हैं कि कुछ बड़े कॉर्पोरेट घराने इस बैंक को लेना चाहते हैं। ऐसे में यह सभी दिक्कतें बैंक के लिए और मुश्किलें खड़ी कर रही हैं। महज 1 साल में दो-दो CEO की नियुक्ति भी बैंक के शेयरहोल्डर्स के लिए चिंता का विषय है।
बैंक का शेयर 15 रुपए के आस-पास कारोबार कर रहा है। हालांकि यह लंबे समय से 11 से 20 रुपए के बीच में ही कारोबार कर रहा है। इसी तरह के मामले में दक्षिण भारत के ही बैंक लक्ष्मी विलास बैंक को DBS ने खरीद लिया था।
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