देश में तेजी से बढ़े अस्थायी वर्कर्स: गिग वर्कर्स 8 साल में 3 गुना बढ़कर 2.35 करोड़ हो जाएंगे, नीति आयोग की रिपोर्ट में खुलासा
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नई दिल्ली19 घंटे पहले
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देश में गिग वर्कर्स या कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले अस्थायी वर्कर्स की संख्या तेजी से बढ़ रही है। वर्ष 2029-30 तक यानी अगले आठ साल में इनकी संख्या 3 गुना से ज्यादा बढ़कर 2.35 करोड़ तक पहुंच जाने का अनुमान है। वर्ष 2021-22 में देश की गिग इकोनॉमी से लगभग 77 लाख लोग जुड़े हुए थे। यह आंकड़ा गैर-कृषि कामों से जुड़े हुए कामगारों का लगभग 2.6%, जबकि देश की कुल वर्कफोर्स का 1.5% है। वहीं कोरोना महामारी से पहले 2019-20 में देश में 68 लाख लोग गिग इकोनॉमी से जुड़े हुए थे। यह आंकड़ा गैर-कृषि कामों से जुड़े हुए कामगारों का लगभग 2.4%, जबकि देश की कुल वर्कफोर्स का 1.3% था। नीति आयोग की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले 8 साल में भारत में गैर-कृषि कार्यों से जुड़े कामगारों के 6.7% लोग गिग इकोनॉमी से जुड़ जाएंगे।
कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं गिग वर्कर
गिग वर्कर्स वे लोग होते हैं जो कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर काम करते हैं। काम करने वाले और कराने वाले के बीच नियोक्ता-कर्मचारी का संबंध नहीं होता है। गिग वर्कर्स में फ्रीलॉन्सर, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म वर्कर्स, ऑन-कॉल वर्कर्स और अस्थायी कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स आते हैं।
मीडियम स्किल जॉब्स का वर्चस्व
वर्तमान में 47% गिग वर्कर मीडियम स्किल जॉब में हैं। जबकि 22% हाई स्किल और 31% लो स्किल जॉब में हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि रुझान दिखाता है कि मीडियम स्किल जॉब में वर्कर्स की संख्या धीरे-धीरे घट रही है और लो स्किल और हाई स्किल वर्कर्स की संख्या में बढ़ोतरी हे रही है।
सभी उद्योग क्षेत्रों में हो रहा विस्तार
रिपोर्ट के मुताबिक लगभग 26.6 लाख गिग वर्कर रिटेल व्यापार और बिक्री में, 13 लाख ट्रांसपोर्ट सेक्टर में, 6.2 लाख मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में और 6.3 लाख फाइनेंस और इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े हुए हैं। 2019-20 में शिक्षा क्षेत्र से 66,000 लोग जुड़े हुए थे। 2021-22 में इनकी संख्या बढ़कर 1 लाख के पार निकल गई।
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