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देश में कुश्ती संचालन को मिली हरी झंडी: विश्व कुश्ती संघ ने दी अनुमति; IOA की अस्थाई समिति करेगी संचालन, धरने के बीच फैसला

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पानीपत5 मिनट पहले

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देश में कुश्ती संचालन को मिली हरी झंडी: विश्व कुश्ती संघ ने दी अनुमति; IOA की अस्थाई समिति करेगी संचालन, धरने के बीच फैसला

भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अस्थायी समिति की ओर से देश में कुश्ती के संचालन का रास्ता साफ हो गया है। कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनाइटेड वल्र्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने IOA को इसके लिए हरी झंडी दे दी है। खेल मंत्रालय की ओर से भारतीय कुश्ती संघ के सात मई को होने वाले चुनाव को रद्द किए जाने के बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू को कुश्ती संघ ने सरकारी हस्तक्षेप की शिकायत की थी।

इसके बाद यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अध्यक्ष नेनाद लालोविच ने आईओए और अंतराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) से जवाब मांगा था कि भारत में कुश्ती को कौन चला रहा है? पहलवानों के धरने के कारण कुश्ती को लेकर भारत में बनीं स्थितियों पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने चिंता भी जताई। इसके बाद आईओए ने विश्व कुश्ती को सारी स्थिति की जानकारी देते हुए बताया कि कुश्ती के संचालन के लिए तीन सदस्यीय अस्थायी समिति का गठन किया गया है।

यह समिति 45 दिन के अंदर कुश्ती संघ के नए चुनाव कराएगी। आईओए ने विश्व कुश्ती से ताजा हालातों को देखते हुए कुश्ती के संचालन की अनुमति मांगी, जिसे उसने मंगलवार की रात मंजूरी प्रदान कर दी। बिना विश्व कुश्ती की मंजूरी के अस्थायी समिति कार्यभार नहीं संभाल सकती थी।

अध्यक्ष ने चिट्‌ठी लिख पूछा: प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को कौन भेजेगा?
यूडब्ल्यूडब्ल्यू के अध्यक्ष नेनाद लालोविच ने 28 अप्रैल को डब्ल्यूएफआई के लिए एक पत्र भेजा है और इसकी प्रति भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) और अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आइओसी) के अधिकारी जे पोइवे को भी भेजी है। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक सहित भारत के चोटी के पहलवान डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है।

आईओए ने सरकार के कहने के बाद कुश्ती महासंघ के दैनिक कामकाज के संचालन के लिए एक तदर्थ पैनल गठित किया है। खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के चुनाव पर रोक भी लगा दी है और आईओए से चुनाव कराने के लिए कहा है।

लालोविच ने अपने पत्र में लिखा है, यह स्पष्ट नहीं है कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू की प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों को कौन भेजेगा और महासंघ के दैनिक कार्यों का संचालन करने के लिए कौन प्रभारी है। ऐसा लगता है कि डब्ल्यूएफआई के महासचिव अभी अपने पद पर हैं और सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं।

स्थिति स्पष्ट बताएं, ताकि आवश्यक व्यवस्थाएं हो सकें: लालोविच
उन्होंने आगे लिखा है, यूडब्ल्यूडब्ल्यू को मीडिया से जो जानकारी मिली है, उससे पता चलता है कि सिंह के खिलाफ कथित उत्पीड़न और दुर्व्यवहार की जांच रिपोर्ट को अप्रैल की शुरुआत में अंतिम रूप दिया गया था और इसे खेल मंत्रालय को भेज दिया गया था। लालोविच ने लिखा है, अभी तक कोई अन्य कार्रवाई नहीं की गई है और पहलवानों ने अपना धरना प्रदर्शन फिर से शुरू कर दिया है।

इसके अलावा भारतीय महासंघ ने सात मई को आम सभा की बैठक बुलाई है। मैं इस सबको लेकर काफी चिंतित हूं और मैं आपसे यूडब्ल्यूडब्ल्यू को स्थिति के बारे में आधिकारिक और सटीक जानकारी प्रदान करने का आग्रह करता हूं। ऐसा करने में विफल होने की स्थिति में हम उपाय करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।

पत्र में आगे लिखा गया है, यूडब्ल्यूडब्ल्यू आमतौर पर राष्ट्रीय महासंघों के चुनावों के लिए तब पर्यवेक्षक नियुक्त करता है जब विशेष परिस्थितियों में इसकी आवश्यकता होती है। यह डब्ल्यूएफआई का मामला है और हमें इस मामले की स्थिति से अवगत कराये जाने पर खुशी होगी, ताकि हम आवश्यक व्यवस्था कर सकें।

भारतीय कुश्ती महासंघ का जबाब: मंत्रालय कैसे कर सकता है हस्तक्षेप
भारतीय कुश्ती महासंघ ने इसके जवाब में विश्व संस्था को बताया है कि निगरानी समिति की भूमिका खत्म हो गई है और उसने राष्ट्रीय चैंपियनशिप का आयोजन करने के अलावा आपात आम परिषद की बैठक भी बुलाई और चुनाव की घोषणा की जिसमें बृजभूषण शरण अध्यक्ष का चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

डब्ल्यूएफआई ने अपने जवाब में लिखा, हम चुनाव के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त करने के लिए विश्व संस्था को लिखने जा रहे थे लेकिन भारत सरकार के खेल मंत्रालय ने निर्देश जारी कर दिए कि चुनाव को मान्यता नहीं दी जाएगी और भारतीय ओलंपिक संघ चुनाव कराएगा जो कि आईओसी चार्टर के खिलाफ है। भारतीय महासंघ ने आगे लिखा है, यह समझ से परे है कि मंत्रालय राष्ट्रीय खेल महासंघ के कामकाज में कैसे हस्तक्षेप कर सकता है, जो एक स्वायत्त निकाय है।

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