देश के स्टार्टअप तेजी से बन रहे यूनिकॉर्न: 130 स्टार्टअप्स में से 65 यानी 50% ने पाया यूनिकॉर्न स्टेटस, इसमें सिर्फ 5 साल लगे
नई दिल्ली2 दिन पहले
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देश में स्टार्टअप्स के लिए माहौल पिछले कुछ सालों में बहुत अच्छा हुआ है। मगर 2021 देश के स्टार्टअप्स के लिए शानदार रहा है। आयरन पिलर इंवेस्टमेंट फंड की रिपोर्ट के मुताबिक देश में अब तक 130 स्टार्टअप्स यूनिकॉर्न स्टेटस पा चुकी हैं और इनमें से 65 यानी 50% ने यह उपलब्धि 5 साल से भी कम में हासिल कर ली। खास बात ये है कि 2021 में कुल 53 स्टार्टअप्स को यूनिकॉर्न का स्टेटस मिला और इनमें से 28 ऐसी थीं जो 2021 में ही बनीं। यानी देश के स्टार्टअप्स के विकास की रफ्तार बहुत तेजी से बढ़ी है।
2025 तक देश में 250 यूनिकॉर्न्स होंगे
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि 2025 तक देश में यूनिकॉर्न्स की संख्या 250 तक पहुंच सकती है। देश के यूनिकॉर्न्स में सबसे ज्यादा 59 यानी 45% कंज्यूमर टेक कंपनियां हैं। इनमें 46 का बाजार भारत तक सीमित है, जबकि 13 कंपनियों ने बाजार दूसरे देशों तक बढ़ाया है।
66,359 से ज्यादा स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड
रिपोर्ट के मुताबिक भारत से बाहर भी बाजार बढ़ाने वाले यूनिकॉर्न्स की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। कंज्यूमर टेक स्टार्टअप्स ने ही यूनिकॉर्न्स में सबसे ज्यादा फंड भी जुटाया है। केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटर्नल ट्रेड के मुताबिक देश में 66,359 स्टार्टअप्स रजिस्टर्ड हैं। इनमें यूनिकॉर्न निजी स्वामित्व वाली उन कंपनियों को कहा जाता है जिनका वैल्यूएशन एक अरब डॉलर (7600 करोड़ रुपए) से ज्यादा हो। देश में यूनिकॉर्न का स्टेटस हासिल कर चुके 130 स्टार्टअप्स में 12 स्टॉक मार्केट में सूचीबद्ध हैं, जबकि 7 का अधिग्रहण हो चुका है। लिस्टेड होने या अधिग्रहण के बाद ये कंपनियां यूनिकॉर्न की श्रेणी से हट चुकी हैं
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