‘दिलदार’ निकले क्रिप्टोवर्ल्ड के सबसे बड़े चोर: ‘मिस्टर वाइट हैट’ ने लौटा दी अधिकांश रकम, चुराए थे 4,550 करोड़ रुपए के क्रिप्टो एसेट
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12 घंटे पहले
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क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में अब तक सबसे बड़ी चोरी को अंजाम देने वाले हैकरों यानी डिजिटल वर्ल्ड के चोरों ने कमोबेश पूरे क्रिप्टो एसेट वापस कर दिए हैं। यह सेंधमारी क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म पॉली नेटवर्क में हुई थी, जिसमें 61 करोड़ डॉलर से ज्यादा (लगभग 4,550 करोड़ रुपए) के क्रिप्टो करेंसी टोकन गायब हो गए थे।
पॉली नेटवर्क को स्टेबलकरेंसी ‘टेथर’ के कुछेक करोड़ डॉलर के टोकन वापस नहीं मिले हैं, जिनको इश्यूअर ने चोरी होने के तुरंत बाद फ्रीज कर दिया गया था। वैसी क्रिप्टोकरेंसी स्टेबलकरेंसी कहलाती है जिनमें ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता। इनका इस्तेमाल क्रिप्टो एसेट के पोर्टफोलियो में विविधता लाने में होता है।
स्टेबल करेंसी के लगभग 245 करोड़ रुपए के टोकन वापस नहीं मिले हैं
पॉली नेटवर्क ने इन चोरों को ‘मिस्टर वाइट हैट’ का नाम दिया है। वह करोड़ों डॉलर के क्रिप्टो एसेट चुराने वालों को एथिकल हैकर बता रही है। शायद इसलिए कि उन्होंने ऐसा दावा करते हुए, चुराई गई अधिकांश रकम वापस कर दी है। एथिकल हैकर वो हैकर होते हैं जो साइबर वर्ल्ड की सुरक्षा खामियों को उजागर करते रहते हैं।
गौरतलब है कि लौटाए गए क्रिप्टोकरेंसी टोकन पॉली नेटवर्क की टीम और हैकरों के कंट्रोल वाले मल्टी-सिग्नेचर वॉलेट में ट्रांसफर किए गए हैं। सेंधमारी की शिकार प्लेटफॉर्म ने बताया कि सिर्फ 3.3 करोड़ डॉलर (लगभग 245 करोड़ रुपए) के ‘टेथर’ के टोकन ऐसे हैं, जो उसे अभी तक वापस नहीं मिले हैं।
हैकरों ने चुराए गए क्रिप्टो एसेट को 10 अगस्त से लौटाना शुरू किया था
पॉली नेटवर्क ने चोरी हुई रकम की वापसी को लेकर एक ट्वीट किया है, ‘रिपेमेंट प्रोसेस अभी पूरा नहीं हुआ है। क्रिप्टो एसेट की वापसी के लिए हम मिस्टर वाइट से संपर्क में बने रहेंगे। रिपेमेंट प्रोसेस से जुड़ी हर जानकारी पब्लिक को दी जाती रहेगी।’
हैकरों ने चुराए गए क्रिप्टो एसेट को खबर फैलते ही 10 अगस्त से लौटाना शुरू किया था। ऐसे में कुछ ब्लॉकचेन एनालिस्टिों ने कयास लगाया कि इतनी बड़ी रकम के क्रिप्टोएसेट को कैश कराना आसान नहीं हुआ होगा। इसलिए हैकरों ने क्रिप्टो एसेट वापस करना शुरू किया होगा।
हैकरों ने कहा था कि उन्होंने चोरी को मजे के लिए अंजाम दिया है
उसी दिन हैकरों ने डिजिटल मैसेज भेजकर कहा कि उन्होंने करोड़ों डॉलर के क्रिप्टो एसेट की चोरी को मजे के लिए अंजाम दिया है। उन्होंने ऐसा इसलिए किया ताकि काले चोर प्लेटफॉर्म की सुरक्षा में मौजूद खामी का फायदा उठाकर उसको नुकसान ना पहुंचा सकें।
एथिकल हैकरों ने कहा कि यह पहले ही तय कर लिया गया था कि चुराए जाने वाले क्रिप्टो एसेट आखिरकार वापस कर दिए जाएंगे। गौरतलब है कि हैकरों ने डिजिटल मैसेज लंदन की ब्लॉकचेन एनालिसिस प्रोवाइडर ‘इलिप्टिक’ के पास भी भेजे थे।
जनवरी से जुलाई के बीच क्रिप्टोवर्ल्ड को हुआ 47.4 करोड़ डॉलर का लॉस
बताया जाता है कि पॉली नेटवर्क की सेंधमारी में जो लगभग 60 करोड़ डॉलर की रकम चोरी हुई है, वह इस साल जनवरी से जुलाई के बीच समूचे डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस सेक्टर (DeFi) को हुए 47.4 करोड़ डॉलर के क्रिमिनल लॉस से लगभग 25% ज्यादा है। यह जानकारी क्रिप्टो इंटेलिजेंस कंपनी साइफरट्रेस ने दी है।
क्रिप्टो एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस चोरी से अनरेगुलेटेड DeFi सेक्टर के जोखिम उजागर हुए हैं। बैंकों और एक्सचेंजों जैसे ट्रेडिशनल गेटकीपर से फ्री DeFi प्लेटफॉर्म पर लोग आसानी से क्रिप्टोकरेंसी में लेन-देन कर सकते हैं।
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