दावोस के मंच से पीएम मोदी की अपील: मिशन ‘LIFE’ को ग्लोबल मूवमेंट बनाए दुनिया, ‘थ्रो अवे’ कल्चर बन रहा सीरियस चैलेंज
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कुछ ही क्षण पहले
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (WEF) के मंच से दुनिया को भारत की उपलब्धियों की झलक दिखाई। दावोस एजेंडा शिखर सम्मेलन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारतीय युवाओं में आज एंटरप्रेन्योरशिप एक नई ऊंचाई पर है। इसका नजारा यहां स्टार्ट-अप्स की संख्या से लगाया जा सकता है।
पीएम मोदी ने दुनिया को लाइफस्टाइल के कारण क्लाइमेट के लिए पैदा हो रहे चैलेंजस के लिए चेतावनी दी। उन्होंने कहा, ‘थ्रो अवे’ कल्चर और उपभोक्तावाद ने क्लाइमेट के लिए ज्यादा सीरियस चैलेंज खड़े कर दिए हैं। उन्होंने दुनिया से मिशन ‘LIFE’ की अपील की। उन्होंने कहा, यह बेहद अहम है कि मिशन ‘LIFE’ एक ग्लोबल मूवमेंट बने। तभी हम आने वाली पीढ़ियों को सुरक्षित रख पाएंगे।
कोरोना काल में भारत का ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ विजन सबने देखा
उन्होंने कहा, कोरोना काल में पूरी दुनिया ने देखा है कि कैसे भारत ने ‘वन अर्थ, वन हेल्थ’ विजन पर चलते हुए सभी की मदद की। अनेकों देशों को जरूरी दवाइयां, वैक्सीन देकर करोड़ों जीवन बचाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसी मजबूत डेमोक्रेसी ने पूरे विश्व को एक खूबसूरत उपहार दिया है, इसमें आशाओं पोटली है। इस पोटली में हम भारतीयों का डेमोक्रेसी पर अटूट विश्वास है। इसमें भारतीयों का मिजाज और टैलेंट छिपा है।
दुनिया को भारत की उपलब्धियां गिनाईं
- आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा दवाइयों का प्रोड्यूसर है
- आज भारत दुनिया में रिकॉर्ड सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेज रहा है
- 50 लाख से ज्यादा सॉफ्टवेयर डेवलपर्स भारत में काम कर रहे हैं
- आज यूनिकॉर्न्स की संख्या में भारत दुनिया में तीसरे नंबर पर है
- 10 हजार से ज्यादा स्टार्ट-अप्स पिछले 6 महीने में रजिस्टर हुए हैं।
- भारत के पास विश्व का सबसे बड़ा और सफल डिजिटल पेमेंट्स प्लेटफॉर्म है
- पिछले महीने ही भारत में UPI के माध्यम से 4.4 अरब ट्रांजेक्शन हुए हैं
भारत में बिजनेस के लिए बने वातावरण की जानकारी दी
पीएम मोदी ने सभी को भारत में बिजनेस के लिए बन रहे वातावरण की जानकारी दी। उन्होंने कहा, आज भारत ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा दे रहा है, सरकार के दखल को कम से कम कर रहा है। भारत ने अपने कॉर्पोरेट टैक्स को भी आसान बनाया है। उसे दुनिया में मोस्ट कंपीटेटिव बनाया है। भारतीयों में इनोवेशन की, नई टेक्नोलॉजी को अडॉप्ट करने की जो क्षमता है, एंटरप्रेन्योरशिप की जो स्पिरिट है, वो हमारे हर ग्लोबल पार्टनर को नई ऊर्जा दे सकती है। इसलिए भारत में इन्वेस्टमेंट का ये सबसे बेहतर समय है। 2014 में जहां भारत में कुछ सौ रजिस्टर्ड स्टार्ट-अप्स थे। वहीं आज इनकी संख्या 60 हजार के पार हो चुकी है। इसमें भी 80 से ज्यादा यूनिकॉर्न्स हैं, जिसमें से 40 से ज्यादा तो 2021 में ही बने हैं।
ग्लोबल ऑर्गनाइजेशंस में करना होगा सुधार पीएम ने कहा, आज ग्लोबल सिचुएशन को देखते हुए, सवाल है कि क्या बहुपक्षीय संगठन, नए वर्ल्ड ऑर्डर और नई चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार हैं? जब ये संस्थाएं बनी थीं, तो स्थितियां कुछ और थीं। आज परिस्थितियां कुछ और हैं। इसलिए हर लोकतांत्रिक देश का ये दायित्व है कि इन संस्थाओं में सुधार पर बल दे ताकि इन्हें वर्तमान और भविष्य की चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाया जा सके।
पीएम मोदी के अलावा इस शिखर सम्मेलन में कई राष्ट्राध्यक्ष शामिल हुए। इनमें जापान के पीएम किशिदा फुमियो, ऑस्ट्रेलिया के पीएम स्कॉट मॉरिसन, इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो, इजराइल के नफ्ताली बेनेट व चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के अलावा संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुटारेस, अमेरिकी वित्त मंत्री जेनेट एल येलेन समेत अनेक वैश्विक नेता शामिल हुए।
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