तेजी से बिके घर: इनपुट कॉस्ट बढ़ने से देश के 8 शहरो में मकानों की कीमत 9% तक बढ़ी, फिर भी खरीदारों के सेंटिमेंट में असर नहीं
नई दिल्ली5 घंटे पहले
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मकानों की कीमतें बढ़ने और ब्याज दरों में इजाफे के बावजूद देश में मकानों की डिमांड और खरीदारों के सेंटिमेंट पर असर नहीं पड़ा है। उल्टा, जून तिमाही में सालाना आधार पर मकानों की बिक्री 4.5 गुना बढ़ गई। बीते साल इसी अवधि के दौरान जहां देश के 8 प्रमुख रेसीडेंशियल मार्केट में 15,968 मकान बिके थे, वहीं इस साल 74,330 मकान बिके हैं। बीती मार्च तिमाही के मुकाबले भी इस तिमाही मकानों की बिक्री में 5% का इजाफा हुआ है।
नए मकानों की लॉन्चिंग जनवरी-मार्च के 79,530 की तुलना में अप्रैल-जून में 28% बढ़कर 1,02,130 हो गई। बीते साल अप्रैल-जून में 21,839 नई लॉन्चिंग हुई थी। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट प्रॉप टाइगर डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक इनपुट लागत बढ़ने, महंगाई के दबाव से अप्रैल-जून तिमाही में देश के प्रमुख 8 शहरो में रियल एस्टेट डेवलपर्स ने मकानों की कीमतों में 5 से लेकर 9% तक की बढ़ोतरी कर दी है। हालांकि इसके बावजूद मकान खरीदने के लिए खरीदारों के सेंटिमेंट में ओवरऑल कोई खास असर नहीं पड़ा है।
अपना मकान होने के अहसास से बढ़ा कॉन्फिडेंस
दो बार रेपो रेट बढ़ाए जाने के बावजूद होम लोन की दरें काफी किफायती रही हैं। अपने मकान का मालिक होने का अहसास हाउसिंग डिमांड बढ़ाने में सबसे बड़ा कारक है। ग्राहकों के इस कॉन्फिडेंस को आर्थिक प्रगति और आमदनी में स्थिरता से समर्थन मिल रहा है। – विकास वाधवान, ग्रुप सीएफओ, प्रॉप टाइगर डॉट कॉम
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