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टैक्स की बात: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1 नवंबर तक 91.30 लाख करदाताओं को जारी किया टैक्स रिफंड

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नई दिल्ली10 घंटे पहले

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इनकम टैक्स डिपार्टमेंट करदाताओं को रिफंड लौटाने का काम तेजी से कर रहा है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के अनुसार 1 अप्रैल 2021 से 1 नवंबर 2021 में 91.30 लाख करदाताओं को 1,12,489 करोड़ रुपए का रिफंड दिया है। इसमें से 33,548 करोड़ रुपए का रिफंड पर्सनल इनकम टैक्स रिफंड के रूप में 89.54 लाख करदाताओं को दिया है। वहीं 1.76 लाख करदाताओं को 78,942 करोड़ रुपए का कॉर्पोरेट टैक्स रिफंड दिया है।

इस तरह चेक कर सकते हैं अपने रिफंड का स्टेटस

  • करदाता tin.tin.nsdl.com पर जा सकते हैं।
  • रिफंड स्टेटस पता लगाने के लिए यहां दो जानकारी भरने की जरूरत है – पैन नंबर और जिस साल का रिफंड बाकी है वह साल भरिए।
  • अब आपको नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भरना होगा।
  • इसके बाद Proceed पर क्लिक करते ही स्टेटस आ जाएगा।

नए इनकम टैक्स पोर्टल पर ऐसे चेक करें

  • इनकम टैक्स की वेबसाइट www.incometax.gov.in पर जाएं और अपने पैन को यूजर आईडी और पासवर्ड को डालकर अकाउंट में लॉगइन करें।
  • लॉग इन करने के बाद ई-फाइल ऑप्शन पर क्लिक करें।
  • ई-फाइल ऑप्शन के तहत, इनकम टैक्स रिटर्न्स को सिलेक्ट करें और फिर व्यू फाइल्ड रिटर्न्स ऑप्शन पर क्लिक करना होगा।
  • इसके बाद अपने द्वारा फाइल किए गए लेटेस्ट ITR को चेक करें। व्यू डिटेल्स ऑप्शन को सिलेक्ट करें। एक बार सिलेक्ट करने के बाद, आपको फाइल किए गए ITR का स्टेटस दिखेगा।
  • इसमें आपको टैक्स रिफंड को जारी करने की तारीख, रिफंड की गई राशि और इस साल के लिए बकाया किसी रिफंड की क्लियरेंस की तारीख भी दिखेगी।

अभी तक नहीं मिला है रिफंड तो ये हो सकते हैं इसके कारण

बैंक अकाउंट की गलत जानकारी देना
CA अभय शर्मा (पूर्व अध्यक्ष इंदौर चार्टर्ड अकाउंटेंट शाखा) कहते हैं कि हाल ही में कई बैंकों को दूसरे बैंकों में मर्ज किया गया है। ऐसे में कई बैंकों के IFSC कोड बदल गए हैं। अगर आपने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में अपने बैंक अकाउंट की जानकारी अपडेट नहीं की है तो आपका रिफंड अटक सकता है। आप घर बैठे ही https://www.incometax.gov.in/iec/foportal पर जाकर इसे अपडेट कर सकते हैं।

बैंक अकाउंट का प्री-वैलिडेट होना जरूरी
जिस बैंक खाते में इनकम टैक्स रिफंड आना है उस बैंक खाते को प्री-वैलिडेट (पहले से सत्यापित) करा लें। इनकम टैक्‍स रिटर्न (ITR) फाइल करने के बाद यदि आपका कोई रिफंड बनता है तो वह आपको इनकम टैक्‍स डिपार्टमेंट के सेंट्रलाइज्ड प्रोसेसिंग सेंटर (CPC) के जरिए मिलता है। इसके लिए जरूरी है कि आपका बैंक अकाउंट प्री-वैलिडेट हो ताकि आपको रिफंड मिलने में देरी न हो।

रिटर्न वैरिफाई नहीं करने पर भी लगता है ज्यादा समय
आपने रिटर्न समय पर फाइल कर दिया, लेकिन हो सकता है कि आपने ITR का वैरिफिकेशन नहीं किया। जब तक आप वैरिफाई नहीं करेंगे, आपका रिटर्न प्रोसेस नहीं होगा। यानी, जो ITR आपने दाखिल किया है, उसको वेरीफाई करना जरूरी है। यह भी रिफंड मिलने में देरी का कारण हो सकता है।

आयकर विभाग के ईमेल का जवाब न देना
CA अभय शर्मा के मुताबिक आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल का जवाब न देने के कारण भी रिफंड अटक सकता है। आयकर विभाग की ओर से भेजे गए ई-मेल में करदाताओं से उनकी बकाया मांग, उनके बैंक खाते तथा रिफंड में किसी तरह के अंतर के बारे में जानकारी मांगी जाती है। इसकी जानकारी सही समय पर न देने पर भी आपका रिफंड अटक सकता है।

आमतौर पर 2 से 3 महीने में आ जाता है रिफंड
ITR प्रोसेसिंग के बाद टैक्स रिफंड आने में करीब एक महीने का समय आमतौर पर लगता है। सामान्य रूप से सेंट्रलाइज प्रोसेसिंग सेक्टर से ITR के प्रोसेसिंग को पूरा होने में 2 से 3 महीने का समय लग जाता है।

टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR भरना जरूरी
आपको अगर टैक्स रिफंड क्लेम करना है तो इसके लिए ITR दाखिल करना जरूरी होता है। आप जब ITR दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है। आपका अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है।

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