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टैक्स की बात: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस वित्त वर्ष अब तक 21.32 लाख करदाताओं को जारी किया टैक्स रिफंड

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  • Income Tax Department Has Issued Tax Refund Of Rs 45.90 Thousand Crore To 21.32 Lakh Taxpayers So Far This Financial Year.

नई दिल्ली6 घंटे पहले

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टैक्स की बात: इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने इस वित्त वर्ष अब तक 21.32 लाख करदाताओं को जारी किया टैक्स रिफंड

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1 अप्रैल 2021 से 2 अगस्त 2021 तक 21.32 लाख करदाताओं को 45,896 करोड़ रुपए का रिफंड जारी किया गया। इसमें से 13.69 हजार करोड़ रुपए का रिफंड पर्सनल इनकम टैक्स रिफंड के रूप में 20.13 लाख करदाताओं को दिया है। वहीं 1.19 लाख करदाताओं को 32.20 हजार करोड़ रुपए का कॉरपोरेट टैक्स रिफंड किया गया है।

इस तरह चेक कर सकते हैं अपने रिफंड का स्टेटस

  • करदाता tin.tin.nsdl.com पर जा सकते हैं।
  • रिफंड स्टेटस पता लगाने के लिए यहां दो जानकारी भरने की जरूरत है – पैन नंबर और जिस साल का रिफंड बाकी है वह साल भरिए।
  • अब आपको नीचे दिए गए कैप्चा कोड को भरना होगा।
  • इसके बाद Proceed पर क्लिक करते ही स्टेटस आ जाएगा।

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की साइट पर भी चेक कर सकते हैं रिफंड स्टेटस

  • सबसे पहले www.incometax.gov.in वेबसाइट पर जाएं।
  • पैन, पासवर्ड और कैप्चा कोड जैसी डिटेल को डालकर अपने अकाउंट में लॉग-इन करें। ‘रिव्यू रिटर्न्स/फॉर्म्स’ पर क्लिक करें।
  • ड्रॉप डाउन मेनू से ‘इनकम टैक्स रिटर्न’ सेलेक्ट करें। जिस असेसमेंट ईयर का इनकम टैक्स रिफंड स्टेटस चेक करना चाहते हैं, उसका चयन करें
  • इसके बाद अपने एक्नोलेजमेंट नंबर यानी हाइपर लिंक पर क्लिक करें।
  • एक पॉप-अप आपकी स्क्रीन पर दिखाई देगा जो रिटर्न की फाइलिंग की टाइमलाइन दिखाएगा।
  • जैसे कि कब आपका आईटीआर फाइल और वेरिफाई किया गया था, प्रोसेसिंग के पूरे होने की तारीख, रिफंड इश्यू होने की तारीख आदि।

टैक्स रिफंड क्लेम करने के लिए ITR भरना जरूरी
आपको अगर टैक्स रिफंड क्लेम करना है तो इसके लिए ITR दाखिल करना जरूरी होता है। आप जब ITR दाखिल करते हैं तो इनकम टैक्स डिपार्टमेंट उसका एसेसमेंट करता है। आपका अगर रिफंड बनता है तो वह सीधे बैंक अकाउंट में क्रेडिट कर दिया जाता है।

क्या होता है रिफंड?
कंपनी अपने कर्मचारियों को सालभर वेतन देने के दौरान उसके वेतन में से टैक्स का अनुमानित हिस्सा काटकर पहले ही सरकार के खाते में जमा कर देती है। कर्मचारी साल के आखिर में इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं, जिसमें वे बताते हैं कि टैक्स के रूप में उनकी तरफ से कितनी देनदारी है। यदि वास्तविक देनदारी पहले काट लिए गए टैक्स की रकम से कम है, तो शेष राशि रिफंड के रूप में कर्मचारी को मिलती है।

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