टूट गया सुरक्षा कवच: एक गलती के चलते सरकार ने छोड़ा ट्विटर का साथ, थर्ड पार्टी कंटेंट पर IPC के तहत होगी कार्रवाई; एक्सपर्ट से समझिए आगे क्या होगा?
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नई दिल्ली5 मिनट पहले
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माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ट्विटर के लिए भारत में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। किसान आंदोलन को लेकर सरकार की तरकार का सामना करने वाले ट्विटर ने अब थर्ड पार्टी कंटेंट के लिए लीगल शील्ड को खो दिया है। यानी सरकार की तरफ से उसे कंटेंट को लेकर किसी तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी। आसान शब्दों में कहा जाए तो अब ट्विटर के ऊपर आईपीसी की धाराओं के तहत कार्रवाई हो सकती है। इस स्थिति के लिए ट्विटर खुद ही जिम्मेदार है।
दरअसल, 25 मई से भारत में नए आईटी नियम लागू हो चुके हैं। जिसे हर डिजिटल कंपनी को अनिवार्य तौर पर मानना है। नए नियमों के चलते सभी आईटी कंपनियों को कुछ अधिकारियों को भारत में नियुक्त करना है, लेकिन ट्विटर गाइडलाइन को फॉलो नहीं किया। सूत्रों के मुताबिक, इसके लिए कंपनी को अतिरिक्त समय भी दिया गया था। सरकार की तरफ से उसे कई बार इसके लिए रिमाइंडर भी दिया गया था।
क्या कहते हैं नए आईटी नियम?
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (MEITY) ने 25 फरवरी, 2021 को नए आईटी नियमों को जारी किया था, जिसे 25 मई से लागू कर दिया गया है। नए नियमों में आईटी कंपनियों जैसे ट्विटर, फेसबुक, वॉट्सऐप, गूगल, इंस्टाग्राम, यूट्यूब समेत अन्य सभी के लिए कई जरूरी बातें कही गई हैं। यदि कंपनियों इन बातों को नहीं मानती हैं तब सरकार की तरफ से इन्टर्मीडीएरीज खत्म हो जाएगी।
- जिन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 50 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं, उन्हें मुख्य शिकायत अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी रखने होंगे। ये सभी भारत में रहने वाले होने चाहिए।
- कंपनियों को ग्रीवांस ऑफिसर की पूरी डिटेल और उनसे कॉन्टैक्ट करने का तरीका स्पष्ट तौर पर बताना होगा। यानी ऑफिसर का कॉन्टैक्ट नंबर, शिकायत करने की प्रोसेस बतानी होगी।
- 24 घंटे के अंदर यूजर की शिकायत मिलने की पुष्टि करनी होगी। 15 दिन के अंदर उसका समाधान करना होगा। यदि कंटेंट पर यूजर ने आपत्ति जताई है, तो 36 घंटे के अंदर उसे हटाना होगा। पोर्नोग्राफी और न्यूडिटी वाला कंटेंट 24 घंटे के अंदर हटाना होगा।
अब ट्विटर के लिए मुश्किल बढ़ेंगी या सबकुछ ठीक हो जाएगा?
ट्विटर के लिए अब आगे की राह मुश्किल हो चुकी है इसमें कोई दो राय नहीं है। गाजियाबाद में पुलिस ने ट्विटर इंडिया और 2 कांग्रेस नेता समेत 9 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। FIR मामले को सांप्रदायिक रंग देने के आरोप में दर्ज की गई है। ट्विटर पर आरोप है कि उसने इस तरह के वीडियो पर कोई एक्शन नहीं लिया।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट लॉयर और साइबर लॉ एक्सपर्ट, विराग गुप्ता ने कहा कि आईटी एक्ट के सेक्शन 79 के तहत ट्विटर जैसी कंपनियां को इन्टर्मीडीएरीज के तहत उन्हें अनेक प्रकार की कानूनी सुविधाएं और सुरक्षा कवच प्राप्त है। उसके लिए उन्हें इस प्रकार के कानूनी सेफ गार्ड का पालन करना पड़ता है। इसके लिए 2011 में सरकार ने नियम बनाए थे और अब 2021 में उन्हें नए संसोधन के साथ लागू किया गया है।
सरकार का ये कहना है कि ट्विटर इन नियमों का पालन नहीं कर रहा है इसलिए उसको सेक्शन 79 के तहत मिलने वाली सुरक्षा को खत्म कर दिया गया है। ऐसे में अब उसके ऊपर कंटेंट को लेकर सिविल और क्रिमिनल लायबिलिटी बन जाती है। यानी अब जिस कंटेंट के ऊपर आपत्ति आती है उसके लिए ट्विटर पूरी तरह जिम्मेदार होगा। उस पर पुलिस कम्पलेंट फाइल की जाएगी।
इन 3 पहलूओं से मामले को समझने की जरूरत है…
1. ट्विटर का कहना है कि हमने नियमों का पालन किया है और एक शिकायत अधिकारी को नियुक्त किया है। अधिकारी की नियुक्ति की जानकारी अभी आईटी मंत्रालय के साथ शेयर नहीं की गई है, लेकिन जल्द दी जाएगी। अब सरकार इससे सहमत है या नहीं, अभी इसे आधिकारिक तौर पर नहीं बताया गया है।
2. नए नियमों के तहत 3 तरह के अधिकारियों की नियुक्ति की जानी है जिसमें मुख्य शिकायत अधिकारी, एक नोडल अधिकारी और एक मुख्य अनुपालन अधिकारी शामिल हैं। ट्विटर ने शिकायत अधिकारी रख लिया है, लेकिन बाकी दो अधिकारी नहीं रखे हैं। हालांकि, फेसबुक, गूगल, वॉट्सऐप, अमेजन या अन्य ने बाकी दो अधिकारी रखे हैं या नहीं, इस बारे में भी सरकार ने कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। ऐसे में यदि सभी कंपनियों ने बाकी दो अधिकारी नहीं रखे हैं तब इन्टर्मीडीएरीज के तहत मिलने वाली सुरक्षा सभी के लिए खत्म हो जाती है।
3. यह भारत में नई कानूनी क्रांति की शुरुआत है। भारत में जिन डिजिटल कंपनियों ने निवेश किया है उन्हें अब भारत के कानून के दायरे में आना पड़ेगा और वो सरकार के ऊपर अपनी दबंगई नहीं दिखा सकती हैं। सरकार ने पहले कई चीनी ऐप्स को बंद कर चुकी हैं। अब ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई हो रही है। इन दोनों बातों से साफ है कि डिजिटल कंपनियां विश्व के सबसे बड़े बाजार में अपनी मनमानी नहीं कर सकती हैं।
ट्विटर के शिकायत अधिकारी की डिटेल और शिकायत करने की प्रोसेस
ट्विटर ने नए नियमों को फॉलो करते हुए भारत में शिकायत अधिकारी तैनात किया है। यदि आपको ट्विटर पर किसी पोस्ट या कंटेंट को लेकर आपत्ति है और आप उस पोस्ट को हटवाना चाहते हैं या फिर उस पोस्ट के खिलाफ कोई एक्शन लेना चाहते हैं, तब उसके लिए इस तरह शिकायत करें…
यूजर legalrequests.twitter.com/forms/landing_disclaimer पर जाकर अपना नाम और ईमेल एड्रेस डाले। इसके बाद यूजर अपनी शिकायत को यहां रजिस्टर करा सकते हैं। या फिर अपनी शिकायत को [email protected] पर मेल कर सकते हैं। इसके अलावा आप पोस्ट के जरिए भी ग्रीवांस ऑफिसर तक अपनी शिकायत पहुंचा सकते हैं। इसके लिए इन एड्रेस पर पोस्ट करें…
धर्मेंद्र चतुर
4th फ्लोर, द एस्टेट
121, डिकेंसन रोड
बेंगलुरु- 560 042
कर्नाटक, भारत
ट्विटर की मुश्किलों से कू को फायदा
भारत में जब किसान आंदोलन की शुरुआत हुई थी तब ट्विटर लगातार सरकार के निशाने पर रहा। सरकार के दबाव के बाद उसे कई पोस्ट हटाने पड़े। साथ ही, कई अकाउंट भी डिलीट करने पड़े। सरकार से हुई इस रस्साकशी का फायदा देसी ट्विटर कहे जाने वाले कू ऐप को हुआ। देश के कई बड़े राजनेता से लेकर बॉलीवुड स्टार्स तक ने कू पर अपना अकाउंट बना लिया। अब कू से 50 लाख से ज्यादा यूजर्स जुड़ चुके हैं। ऐसे में सरकार नए आईटी नियमों के चलते ट्विटर पर शिंकजा कसती है तब को कू का फायदा मिलना तय है।
अन्य सोशल प्लेटफॉर्म की क्या स्थिति है?
सरकार का कहना है कि ट्विटर ने शिकायत अधिकारी तो नियुक्त किया, लेकिन अन्य दो नोडल अधिकारी और मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति नहीं की। इसी वजह से थर्ड पार्टी कंटेंट के लिए लीगल शील्ड को हटा दिया गया। हालांकि, जब बात फेसबुक, वॉट्सऐप, गूगल, यूट्यूब या अन्य दूसरे सोशल प्लेटफॉर्म की होती है तब उन्होंने भी शिकायत अधिकारी के अलावा नोडल अधिकारी और मुख्य अनुपालन अधिकारी के बारे में ऑफिशिली डिटेल नहीं दी है। www.grievanceofficer.com/grievance-officers पर सिर्फ शिकायत अधिकारी की जानकारी दी है।
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