टीम इंडिया के 6 ब्रह्मास्त्र: बॉलिंग यूनिट की बदौलत भारत बना टेस्ट में बेस्ट, हमारे पास हर कंडीशन के लायक गेंदबाज मौजूद
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मुंबई9 मिनट पहलेलेखक: कृष्ण कुमार पांडेय
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भारत ने एक बार फिर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम कर ली है। टीम ने दिल्ली टेस्ट 6 विकेट से जीता है। भारत ने अपना दिल्ली का किला अभेद रखा है। पिछले 10 साल से भारत को उसके घर में हराना असंभव-सा हो गया है। टीम घर में ही नहीं, बल्कि विदेशी सरजमीं पर भी जीतने लगी है।
1 जनवरी 2013 के बाद के आंकड़ों पर गौर करें तो इन दस वर्षों में भारतीय टीम घर में महज 2 टेस्ट ही हारी है, जबकि 36 में उसे जीत मिली है। वहीं, विदेशी सरजमीं पर टीम ने 54 में 21 मैच जीते हैं। आपको गाबा में मिली जीत तो याद ही होगी…जहां 2 साल पहले भारत की यूथ ब्रिगेड ने ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से हराया था। टीम ने ऑस्ट्रेलिया में लगातार दूसरी बार बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम की थी। उससे पहले विराट कोहली की कप्तानी में 2018 में पहली बार ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट सीरीज जीती थी। इंग्लैंड में भी हमने सीरीज ड्रॉ कराई। वेस्टइंडीज, श्रीलंका, बांग्लादेश जाकर भी हमारी टीम जीती।
अब सवाल उठता है कि भारत अपने घर और विदेश में इतने टेस्ट कैसे जीतने लगा है। ऐसा क्या बदला है। इसका जवाब है हमारी बॉलिंग यूनिट, जो लगातार अच्छा कर रही है। पिच चाहे जैसी हो। हमारे गेंदबाज विरोधियों के 20 विकेट चटकाने की काबिलियत रखते हैं। इतना ही नहीं, विषम परिस्थितियों में बैट से भी पराक्रम दिखाते हैं।
इस स्टोरी में हम आपको बताने जा रहे हैं भारत के 6 ब्रह्मास्त्र…जो घर और बाहर हमेशा कारगर साबित होते हैं, हम सभी की स्ट्रेंथ, आंकड़े और उनके खास हथियार के बारे में भी बताएंगे…जो उन्हें खास बनाते हैं। पहले देखिए पिछले 10 साल में भारत के घर और बाहर जीत-हार के आंकड़े…
अब बात करते हैं घर में भारत के शूरवीरों की…
घरेलू सरजमीं की बात करें तो हमारे स्पिनर्स हमेशा से हमें जिताते रहे हैं। पहले अनिल कुंबले, हरभजन सिंह और प्रज्ञान ओझा टीम को जिताते थे और अब यह जिम्मेदारी रवींद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अक्षर पटेल जैसे स्पिन ऑलराउंडर्स ने ले ली है। ये न केवल विरोधी टीम के बल्लेबाजी ऑर्डर को धराशाई कर देते हैं, बल्कि जरूरत पड़ने पर रन भी बनाते हैं। अब इन तीनों के बारे में पढ़िए…
1. रवींद्र जडेजा
स्ट्रेंथ: थ्री डायमेंशनल प्लेयर हैं, जो बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग तीनों ही विभागों में अपना योगदान देते हैं। फॉर्मेट चाहे कोई भी हो, जडेजा जरूरत पड़ने पर टीम के संकटमोचक साबित होते हैं। वे बॉलिंग में दुनिया के किसी भी बल्लेबाज को आउट करने की काबिलियत रखते हैं। साथ ही बैट से अपने दम पर मैच का रुख पलट देने का दम रखते हैं। सबसे अहम बाएं हाथ की बल्लेबाजी बैटिंग ऑर्डर में वैरिएशन लाती है।
वेपंस : जडेजा सीधी तेज गेंद डालते हैं, जिसे पढ़ना आसान नहीं होता। कई बार उनकी बॉल टर्न न लेकर सीधी निकल जाती है, जबकि कुछ टर्न लेती हैं।
2. रविचंद्रन अश्विन
स्ट्रेंथ: जरूरत पड़ने पर रन बनाते हैं। उनकी वैरिएशन ही उनकी सबसे बड़ी स्ट्रेंथ है। भारत को कई बार मुश्किल परिस्थितियों से उबार चुके हैं। साथ ही हर तरह की पिच में विकेट निकालने सकते हैं।
वेपंस : कैरम बॉल डालते हैं, जो बल्लेबाजों को कन्फ्यूज करती हैं। बीच-बीच में टॉप स्पिन भी डालते हैं, साथ ही ऑफ स्पिनर गेंदबाजी करते हैं।
3. अक्षर पटेल
स्ट्रेंथ : बैट और बॉल से कमाल करते हैं, दिल्ली टेस्ट में अर्धशतक जमाकर भारत को पहली पारी में बराबरी पर लाए। बड़े हिट करने की काबिलियत रखते हैं।
वेपंस : सीधी गेंद डालते हैं। जो काफी असरदार साबित होती है।
अब बात करते हैं घर से बाहर के वॉरियर्स की…
1. जसप्रीत बुमराह
स्ट्रेंथ : लाइन और लेंथ सटीक है। लगातार 140+ की बॉल डाल सकते हैं। किसी भी पिच पर बल्लेबाजों की गिल्लियां उठाने की क्षमता रखते हैं।
वेपंस : यार्कर फेंकने में महारथ हासिल है। स्विंग अच्छा करते हैं।
2. मोहम्मद शमी
स्ट्रेंथ : लाइन लेंथ के साथ सीम पर बॉल रखते हैं। कहीं भी विकेट निकालने की काबिलियत है। बॉल को दोनों दिशा में स्विंग करने की क्षमता है।
वेपंस : रिवर्स स्विंग अच्छा कराते हैं।
3. मोहम्मद सिराज
स्ट्रेंथ : सिराज का एग्रेशन उन्हें दूसरे गेंदबाजों से अलग बनाता है। तेज गेंदबाजी करते हैं और बाउंसर फेंकने में माहिर हैं। अधिकांश विकेट विदेश में लिए हैं।
वेपंस : वॉबल सीम डिलेवरी करते हैं, जो हर बल्लेबाज को कन्फ्यूज करती है।
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