टीम इंडिया की हार के टॉप-5 कारण: 11 महीने में 28 खिलाड़ी आजमाए, फ्लॉप टॉप ऑर्डर और तेज गेंदबाजों की कमी भारी पड़ गई
दुबई4 मिनट पहले
आखिरकार वही हुआ जिसका डर था। टीम इंडिया एशिया कप के सुपर-4 में पाकिस्तान के बाद अब श्रीलंका से भी हार गई। इस नतीजे के साथ भारतीय टीम का फाइनल की होड़ से बाहर होना लगभग तय हो गया। कई चमत्कार एक साथ हो जाएं तभी भारत खिताबी मुकाबला खेल सकता है। वे चमत्कार क्या हैं उसके बारे में आप इस आर्टिकल में आगे पढ़ेंगे। उससे पहले उन पांच कारणों की बात कर लेते हैं जिनकी वजह भारतीय टीम इस हालात में पहुंच गई है।
फ्लॉप टॉप ऑर्डर
केएल राहुल ने एशिया कप के 4 मैच में सिर्फ 70 रन बना पाए।
भारतीय टीम ने संभवतः करीब 11 महीने पहले UAE में हुए टी-20 वर्ल्ड कप की अपनी गलतियों से कुछ नहीं सीखा। उस टूर्नामेंट में टॉप ऑर्डर की विफलता भारत की उम्मीदों पर भारी पड़ गई थी। एशिया कप में भी भारत उसी टॉप ऑर्डर के साथ उतरा। सभी मैचों में केएल राहुल और रोहित शर्मा ओपनिंग करने आए और विराट कोहली नंबर तीन पर आए। राहुल ने 4 मैचों में सिर्फ 70 रन बनाए। उनका स्ट्राइक रेट 104.47 का रहा।
विराट कोहली ने 154 रन जरूर बनाए लेकिन उनका स्ट्राइक रेट भी 122.22 का रहा। कप्तान रोहित शर्मा ने तेज बल्लेबाजी की लेकिन चार में से तीन मैचों में वे अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में तब्दील नहीं कर सके।
पेसलेस पेस अटैक
भुवनेश्वर कुमार बड़े मैच में एक बार फिर फ्लॉप साबित हुए। श्रीलंका के खिलाफ उन्होंने 4 ओवर में 30 रन दे दिए और उनको एक भी विकेट नहीं मिला।
दुबई की डेड पिचों पर ऐसे तेज गेंदबाज ज्यादा असरदार नजर आए जिनके पास 140+ की गति हो। पाकिस्तानी और यहां तक कि श्रीलंका के पास कई ऐसे गेंदबाज थे जो इस गति से बॉलिंग कर रहे थे। भारतीय टीम में ज्यादातर तेज गेंदबाज 120-130 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार वाले थे। इसलिए इनकी गेंदबाजी ज्यादा असरदार नहीं रही और पाकिस्तान के खिलाफ पहले मैच को छोड़कर ये रेगुलर इंटरवल पर ब्रेक-थ्रू दिलाने में नाकाम रहे।
टीम कॉम्बिनेशन में बार-बार बदलाव
कप्तान रोहित शर्मा और कोच राहुल द्रविड़ पिछले एक साल से जैसे टीम का कॉम्बिनेशन बना रहे हैं, वो सभी के समझ के परे है।
अब बात पिछले एक साल में भारतीय टीम की तैयारियों की। भारत ने पिछले वर्ल्ड कप के बाद से टी-20 क्रिकेट में 28 खिलाड़ियों को प्लेइंग-11 में आजमाया। इससे कोई एक प्लेइंग-11 स्टैब्लिश नहीं हो सकी। किसी भी खिलाड़ी को खास स्पॉट पर बैटिंग करने का ज्यादा अनुभव नहीं मिला। दूसरी ओर पाकिस्तान और श्रीलंका की टीमों ने ज्यादातर मैचों में एक समान टीम कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल किया। श्रीलंका ने इस दौरान 22 और पाकिस्तान ने 19 खिलाड़ियों का ही इस्तेमाल किया।
टीम में खिलाड़ी कम कप्तान ज्यादा
टीम इंडिया ने पिछले एक साल में आठ अलग-अलग खिलाड़ियों से कप्तानी करवाई है।
भारतीय टीम ने पिछले एक साल में 8 खिलाड़ियों से कप्तानी कराई। यह कदम फ्यूचर कैप्टन को डेवलप करने के लिहाज से तो अच्छा है लेकिन एक लीडर की अगुवाई में खेलने लायक टीम बनाने के लिए बेहतर साबित नहीं हुआ। ऋषभ पंत, हार्दिक पंड्या, रोहित शर्मा के रूप में मौजूदा प्लेइंग-11 में ही तीन कप्तान शामिल थे।
खराब स्क्वॉड सेलेक्शन
एशिया कप जैसे बड़े टूर्नामेंट में टीम इंडिया सिर्फ तीन गेंदबाजों के साथ गई थी।
भारतीय टीम इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए सिर्फ तीन स्पेशलिस्ट तेज गेंदबाजों के साथ गई। ऑलराउंडर हार्दिक पंड्या के रूप में चौथा मी़डियम पेसर मौजूद था। जब तक आवेश खान फिट थे तब तक सबकुछ ठीक रहा, लेकिन जैसे ही वे बीमार पड़े भारतीय टीम का संतुलन बिगड़ गया। आवेश को रिप्लेस करने के लिए टीम में कोई और तेज गेंजबाज मौजूद ही नहीं था।
अब जान लीजिए कौन-कौन से चमत्कार होंगे तो भारतीय टीम फाइनल में पहुंच सकती है…
– भारत अपने आखिरी सुपर-4 मैच में अफगानिस्तान को हराए।
– श्रीलंका की टीम पाकिस्तान को हराए
– अफगानिस्तान की टीम भी पाकिस्तान को हराए
– ये सब होने के बाद श्रीलंका 6 पॉइंट्स के साथ नंबर-1 पर रहेगी। भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के दो-दो पॉइंट्स होंगे। इन तीनों टीमों में भारत का नेट रन रेट सबसे अच्छा होना जरूरी।
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