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टर्निंग इंदौर में तीसरे दिन भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच का THE-END: जिस पिच पर बवाल, उसे बनाने वाले ने कहा-40 साल से बना रहा हूं

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देवेंद्र मीणा8 मिनट पहले

इंदौर के होलकर स्टेडियम में भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच में पहले 2 दिन में ही 30 विकेट गिर गए और तीसरे दिन भारत बुरी तरह हार गया। इसके लिए पिच पर ठीकरा फोड़ा जा रहा है लेकिन कुछ प्रशंसक पहले बैटिंग लेने के फैसले से भी नाखुश नजर आए। टर्निंग विकेट के कारण जब पहले ही दिन से आस्ट्रेलियन स्पिनर बल्लेबाजों पर हावी हुए तो पिच को लेकर दुनियाभर में हल्ला मच गया। एक-एक कर इंडिया टीम पवेलियन लौटती रही। सोशल मीडिया पर लोगों ने पिच को लेकर जमकर मीम्स बनाए और वायरल किए।

इंदौर की जिस पिच को लेकर बवाल मच रहा है, उसे बनाने वाले क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान से जब दैनिक भास्कर ने बात की तो उन्होंने कहा- 40 साल से पिच बना रहा हूं, लेकिन अभी कुछ नहीं कहूंगा। वे बीसीसीआई की गाइड लाइन बताते रहे।

15 दिन में कोई टेस्ट पिच तैयार नहीं होती, इस बात में कितना दम?

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच तीसरे टेस्ट मैच के पहले हिमाचल के धर्मशाला में होने वाला था। वहां मैदान तैयार नहीं होने का कारण बीसीसीआई ने 13 फरवरी को मैच इंदौर शिफ्ट कर दिया। तब ऑस्ट्रेलियाई मीडिया ने सवाल खड़े करते हुए कहा कि भारतीय स्पिनरों को फायदा पहुंचाने के लिए ऐसा किया है। हालांकि, तब उनके आरोपों को भारतीय खिलाड़ियों ने खारिज कर दिया और कहा कि होलकर की पिच पर हाई स्कोरिंग मैच रहे हैं।

हाल ही में हुए रणजी ट्रॉफी में तेज गेंदबाजों ने इसी पिच पर कई विकेट लिए हैं। मैच में ऑस्ट्रेलियाई मीडिया की आशंका सही साबित हुई और मुश्किलें इंडिया टीम की बढ़ गई। ऑस्ट्रेलिया के स्पिनरों का ऐसा जादू चला कि शुरुआती एक घंटे में ही भारत की आधी टीम पवेलियन लौट गई।

एक मीडिया रिपोर्ट में एक्सपर्ट के हवाले से कहा गया है कि 13 फरवरी को इंदौर को मैच मिला जबकि फरवरी में यहां रणजी के मैच ही होते रहे। 1 मार्च को इंटरनेशनल टेस्ट मैच होना था, ऐसे में पिच को तैयार करने का पर्याप्त समय नहीं मिला। एक पिच एक्सपर्ट ने गोपनीयता बनाए रखने की शर्त पर मीडिया से कहा, ‘एक टेस्ट विकेट तैयार करने के लिए कम से कम एक महीना लगता है। पिच को भी आराम चाहिए होता है। इस मामले में रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल और इस मैच के बीच दो हफ्ते का भी समय नहीं था। इससे पहले यहां पिछले महीने भारत बनाम न्यूजीलैंड के बीच वनडे खेला गया था।’

बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले।

बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले।

‘पिच क्यूरेटर को फ्री हैंड देना जरूरी…’

बीसीसीआई के पूर्व सचिव संजय जगदाले का कहना है कि इंदौर का विकेट तो देश के सर्वश्रेष्ठ विकेटों में माना जाता है। आप पिच क्यूरेटर को फ्री हैंड छोड़ दो। उसे कोई बाहरी फोर्सेस गाइड नहीं करें। अगर उसे गाइड करेंगे तो जो चाह रहे हैं वो पिच क्यूरेटर बनाकर देगा।

इंदौर का विकेट कभी टर्निंग विकेट नहीं रहा है, फेयर विकेट रहा है, फास्ट बॉलर को भी विकेट मिले हैं। रणजी मैच के रिकॉर्ड हमारे सामने हैं। हमारे यहां लाल मिट्‌टी, काली मिट्‌टी और दोनों मिक्स वाले भी विकेट हैं। अभी मैच काली मिट्‌टी की पिच पर हो रहा है। ये वाला विकेट जरूर टर्निंग विकेट है। क्यूरेटर को जैसा बोला होगा, वो करके उसने दे दिया। उसको फ्री हैंड छोड़ देते तो वो बढ़िया विकेट बनाकर देता।

काली मिट्‌टी की पिच पर हो रहा मैच

बता दें, मैच काली मिट्‌टी की पिच पर हो रहा है। इस पिच पर लाल मिट्‌टी की पिच की तुलना में बॉल लो रहती है, स्लो रहती है। लाल मिट्‌टी की पिच पर बाउंस ज्यादा होता है। तेज गेंदबाज को भी मदद मिलती है और बैटिंग के लिए भी ठीक रहती है और तीसरे दिन से गेंद स्पिन भी होने लगती है।

एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर।

एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर।

पिच को लेकर ये बोले एमपीसीए अध्यक्ष

एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने कहा कि दोनों टीमों के परफॉर्मेंस नेक टू नेक चल रहे हैं। ऐसा नहीं है कि किसी टीम ने बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया हो और कोई बहुत कम पर आउट हो गई हो। ये एक बढ़िया स्पोर्टिंग पिच है। हाल ही में इसी मैदान पर रणजी मैच भी हुए हैं। पिच बीसीसीआई और क्यूरेटर के निर्देशन में समय-समय पर बनते रहते हैं। पिच तैयार करने के लिए टाइम नहीं मिलने वाली बात निराधार है।

पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर।

पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर।

‘इससे टेस्ट क्रिकेट का मजाक ही बनता है’

पूर्व भारतीय कप्तान दिलीप वेंगसरकर को लगता है कि भारत में तीन दिन के अंदर टेस्ट खेलने का चलन टेस्ट क्रिकेट की खिल्ली उड़ाता है। वेंगसरकर ने कहा, अगर आप अच्छा क्रिकेट देखना चाहते हो तो पिच से ही सारा अंतर पैदा होता है। आपके पास आसमान उछाल वाले विकेट होने चाहिए, ताकि बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों को बराबरी का मौका मिल सके। अगर पहले ही दिन और पहले ही सत्र से गेंद टर्न लेने लगेगी और वो भी असमान उछाल के साथ तो इससे टेस्ट क्रिकेट का मजाक ही बनता है।

‘इस तरह की पिच टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं’

ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेटर मैथ्यू हेडेन ने इंदौर की पिच की आलोचना करते हुए कहा, किसी भी तरह से छठे ही ओवर से स्पिनरों को गेंदबाजी के लिए नहीं आना चाहिए, इसलिए मैं इस तरह की पिचों को पसंद नहीं करता। पहले दिन से पिच इतनी नीची और टर्न लेने वाली नहीं होनी चाहिए। यह मायने नहीं रखता कि ऑस्ट्रेलिया यह टेस्ट जीते या फिर भारत। इस तरह की पिचें टेस्ट क्रिकेट के लिए अच्छी नहीं हैं।

होलकर स्टेडियम के पिच क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान।

होलकर स्टेडियम के पिच क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान।

पिच बनाने वाले क्यूरेटर ने कहा- इस बारे में एमपीसीए से पूछिए

जिस पिच को लेकर सवाल खड़े हुए उसे बनाने वाले क्यूरेटर समंदर सिंह चौहान से जब दैनिक भास्कर ने बात की तो कोड ऑफ कंडक्ट का हवाला देकर कुछ भी कहने को तैयार नहीं हुए। उन्होंने गेंद एमपीसीए अधिकारियों के पाले में डाल दी। कहा कि ‘बीसीसीआई का कोड ऑफ कंडक्ट मुझे फॉलो करना पड़ता है। इस मामले में मैं कुछ नहीं बोल पाऊंगा। इस संबंध में आप एमपीसीए से पूछिए। मैं 40 साल से पिच बना रहा हूं। नेहरू स्टेडियम की पिच भी मैंने बनाई है। इस मैच के बाद बता पाऊंगा कि पिच कैसे बनती है।’ पिच तैयार करने में उन्हें फ्री हैंड दिया या नहीं इस पर भी वे चुप्पी साध गए।

होलकर स्टेडियम पिच।

होलकर स्टेडियम पिच।

इंदौर की पिच पर मंडराया रेटिंग का खतरा

मैच में ड्यूटी पर मौजूद ICC मैच रेफरी मैच खत्म होते ही पिच और आउटफील्ड को पॉइंट करता है और उसकी एक रिपोर्ट ICC को भेजता है। पिच और आउटफील्ड की 6 रेटिंग होती है। इसमें वेरी गुड, गुड, एवरेज, बिलो एवरेज, पुअर और अनफिट आता है। एवरेज का मतलब होता है कि पिच परफेक्ट नहीं थी, लेकिन निष्पक्ष थी। वहीं अब नागपुर और दिल्ली के बाद इंदौर की पिच को आईसीसी द्वारा ‘औसत’ की रेटिंग दी जा सकती है। मैदान पर लास्ट टेस्ट मैच साल 2019 में भारत और बांग्लादेश के बीच खेला गया था, जिसमें पिच और आउटफील्ड को वैरी गुड रेटिंग मिली थी।

पिच के कारण 1997 में होना पड़ा था शर्मसार

25 दिसंबर 1997 को भारत-श्रीलंका के बीच वनडे मैच इंदौर के नेहरू स्टेडियम में खेला गया था। उस वक्त श्रीलंका के कप्तान अर्जुन रणतुंगा हुआ करते थे, उन्होंने इंदौर में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला लिया था, लेकिन जब श्रीलंका के बल्लेबाज मैदान में उतरे तो अवाक रह गए।

गेंद पिच पर खतरनाक अंदाज में उछल रही थी। पहले ही ओवर की चौथी गेंद पर भारत के जवागल श्रीनाथ ने कालू विथर्ना को पवेलियन का रास्ता दिखा दिया था। जयसूर्या और रोशन महानामा के लिए इस पिच पर बल्लेबाजी करना बेहद मुश्किल था। गेंद की उछाल इतना था कि बल्लेबाज को चोट लगने का खतरा था। गेंद अनियमित तरीके से उछाल और स्पीड पा रही थी।

इसके बाद कप्तान रणतुंगा मैदान में पहुंचे और उन्होंने भारत के तत्कालीन कप्तान सचिन से बातचीत कर इस मैच को रद्द करने पर सहमति बना ली। मैच के रद्द होने की खबर सुनते ही फैंस को जहां निराशा हुई वहीं इंदौर के नेहरू स्टेडियम को क्रिकेट जगत के सामने शर्मसार होना पड़ा।

इसके चलते इस मैदान को 2 साल के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया गया। हालांकि, जब 2 साल के प्रतिबंध के बाद इस मैदान पर मैच हुआ तो तेंदुलकर ने इसे यादगार बना दिया और 31 मार्च 2001 को उन्होंने अपने 10 हजार रन पूरे किए।

गावस्कर ट्रॉफी।

गावस्कर ट्रॉफी।

जानिए कैसे 2 दिन में सिमट गया मैच

  • पहले दिन 1 मार्च को भारत ने टॉस जीता और पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। होलकर की पिच पर सभी को बड़े स्कोर की उम्मीद थी। इंडिया की तरफ से ओपनिंग कप्तान रोहित शर्मा और शुभमन गिल ने की। पांच ओवर में स्कोर बिना कोई विकेट गए 25 रन के पार हो गया, मगर इस दौरान दो बार कप्तान रोहित शर्मा को जीवनदान मिला और शुभमन संभलकर खेलते दिखे। पिच पर स्पिनरों को मदद मिल रही थी और वे बल्लेबाजों पर हावी नजर आए।
  • आखिरकार बड़ा शॉट खेलने के चक्कर में कप्तान रोहित शर्मा स्टम्प आउट हो गए और 12 रन बनाकर अपना विकेट गंवा बैठे। भारत का स्कोर 5.6 ओवर में 27-1 हो गया। इसके बाद विकेट गिरने का सिलसिला शुरू हो गया और एक के बाद एक खिलाड़ी पवेलियन लौटते रहे। शुरुआती 1 घंटे में ही भारत की आधी टीम आउट हो गई। श्रेयस अय्यर खाता भी नहीं खोल सके। इंडिया टीम का स्कोर 2-34 शुभमन गिल, 3-36 चेतेश्वर पुजारा, 4-44 रवींद्र जडेजा, 5-45 श्रेयस अय्यर हो गया।
  • इसके बाद विराट कोहली भी कुछ देर पिच पर टिकने के बाद आउट हो गए। विराट कोहली 22 रन बनाकर मर्फी का शिकार हुए और एलबीडब्ल्यू आउट हो गए। भारत का स्कोर 70 रन पर 6 विकेट हो गया है। क्रीज पर श्रीकर भरत और अक्षर पटेल थे। श्रीकर भरत 17 रन बनाकर आउट हो गए। लंच के बाद भारत की शुरुआत बेहतर नहीं हुई और रविचंद्रन अश्विन भी आउट हो गए। स्कोर 88/8 हो गया। ताबड़तोड़ 17 रन बनाने के बाद उमेश यादव आउट हो गए। स्कोर 108 रन पर नौ विकेट हो गया, लेकिन भारतीय टीम की पहली पारी 34 ओवर में 109 रनों पर सिमट गई।
भारतीय खिलाड़ी।

भारतीय खिलाड़ी।

  • ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी शुरू, लेकिन विकेट भी गिरने लगे हैं। रवींद्र जडेजा ने ट्रैविस हेड को 9 रन के स्कोर पर आउट किया और ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 12 रन पर एक विकेट हो गया। पहले दिन का खेल खत्म होने तक 50 ओवर में 4 विकेट पर ऑस्ट्रेलिया ने 156 रन बना दिए और भारत पर 47 रनों की बढ़त बना ली।
  • दूसरे दिन गुरुवार को 75 ओवर में 197 रन बनाकर ऑस्ट्रेलिया की टीम ऑल आउट हो गई। और भारत की टीम बैटिंग करने उतरी, लेकिन एक के बाद एक विकेट गिरने का सिलसिला पहले दिन की तरह ही जारी रहा और शाम तक पूरी टीम 163 रन पर सिमट गई। भारत ने 75 रन की लीड ली और अब ऑस्ट्रेलिया को जीत के लिए केवल 76 रन बनाने हैं।
  • भारत-ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट मैच में पहले दो दिनों में 30 विकेट गिर गए। टर्निंग विकेट के कारण 5 दिन के मैच का परिणाम तीसरे दिन यानी शुक्रवार को ही आ जाएगा।

भारत और ऑस्ट्रेलिया मैच के बारे में ट्विटर मीम्स और चुटकुलों से भरा रहा

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया में फिर दिल्ली-नागपुर पिच की चर्चा:कहा- ICC की नजर में पिच एवरेज थी, परफेक्ट नहीं पर खेलने लायक थी

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के पहले दो टेस्ट के लिए नागपुर और दिल्ली में भारत की पिचों को ICC से औसत रेटिंग मिली है। गुरुवार को ऑस्ट्रेलिया के मीडिया पब्लिकेशन सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड ने इसका जिक्र अपनी रिपोर्ट में किया। सीरीज के शुरू होने से पहले ही पिच को लेकर ऑस्ट्रेलियाई मीडिया लगातार सवाल उठाती रही है। नागपुर में विदर्भ क्रिकेट एसोसिएशन स्टेडियम की पिच को जिम्बाब्वे के मैच रेफरी ऐंडी पाइक्रॉफ्ट ने औसत रेटिंग दी है। वहीं दिल्ली के अरुण जेटली स्टेडियम की पिच को भी औसत रेटिंग दी गई। पूरी खबर पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें।

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