छोटे शहरों में भी दिखा गेमिंग का क्रेज: कैरम, फ्रूट डार्ट, फ्रूट चॉप जैसे गेम टॉप पर रहे, हाई-स्पीड इंटरनेट और लो बजट स्मार्टफोन बनी वजह
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2 घंटे पहले
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शहरों और कस्बों में 2021 में ऑनलाइन गेमर्स की संख्या तेजी से बढ़ी है। 2020 की तुलना में 2021 में टॉप 30 शहर में 170% से ज्यादा बढ़त देखी गई। ई-स्पोर्ट्स और स्किल गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) के मुताबिक कुछ छोटे शहरों में ऑनलाइन गेमर्स में 100% से 200% तक की वृद्धि हुई है।
छत्तीसगढ़ में प्लेयर्स की संख्या में 179% की बढ़त
इसमें सीवान (बिहार), बैमनागोई (छत्तीसगढ़) और श्री गंगानगर (राजस्थान) में प्लेयर्स की संख्या में 123%, 179% और 52% की बढ़त देखी गई। अलवर (राजस्थान), मुजफ्फरपुर (बिहार), धनबाद (झारखंड), पालनपुर (गुजरात) जैसे छोटे शहरों में नए गेमर्स की संख्या में जबरदस्त बढ़त देखी गई। दिलचस्प बात यह है कि इन राज्यों में कोई बड़ा शहर नहीं है जो गेमिंग हब के रूप में जाना जाता है। इंडिया मोबाइल गेम रिपोर्ट (IMGR 2021) के मुताबिक कैरम, फ्रूट डार्ट, फ्रूट चॉप, रनर नंबर 1 और ब्लॉक पजल टॉप गेम रहे। जो विभिन्न भारतीय शहरों में खेले गए थे।
शतरंज और पूल जैसे गेम सबसे तेजी से बढ़े
शतरंज और पूल जैसे मोबाइल ई-स्पोर्ट्स में भी देश में गेमर्स की संख्या में तेज वृद्धि देखी गई, क्योंकि अकेले MPL प्लेटफॉर्म ने 2021 में 1.3 मिलियन ई-स्पोर्ट्स प्लेयर्स को रजिस्टर किया। जबकि प्लेटफॉर्म पर लगभग 5 लाख गेम खेले गए, इसमें 1.7 करोड़ की लाइव व्यूअरशिप देखी गई।
लो बजट स्मार्टफोन और हाई-स्पीड इंटरनेट से बढ़ी स्पीड
रिसर्च रिपोर्टों से पता चलता है कि हाई-स्पीड इंटरनेट के साथ ही लो बजट स्मार्टफोन की मार्केट में भरमार ने छोटे शहरों और कस्बों में गेमिंग करना आसान बना दिया है। असल में गेमिंग के लिए मोबाइल-बेस्ड प्लेटफॉर्म ने कई लोगों के लिए स्किल वाले गेम और टूर्नामेंट तक पहुंच को आसान बना दिया है।
भारतीय डोमेस्टिक मार्केट का 14867 करोड़ हुआ
कंसल्टेंसी फर्म EY ने एक हालिया रिपोर्ट में बताया है कि ऑनलाइन गेमिंग के लिए भारतीय डोमेस्टिक मार्केट 2019 में 906 मिलियन डॉलर (6737 करोड़) से बढ़कर 2023 में 2 बिलियन डॉलर (14867 करोड़) से ज्यादा होने का अनुमान है, जो लगभग 22% CAGR के बराबर है। इसका मतलब है कि इसका मतलब है यह इंडियन मार्केट में बढ़ने और ग्लोबल लेवल पर योगदान दे सकते हैं।
ईवाई रिपोर्ट ने आगे विस्तार से बताया कि भारत में ऑनलाइन गेमर्स 2020 में 360 मिलियन से बढ़कर 2022 में 510 मिलियन होने का अनुमान है। इनमें से अनुमानित 85% मोबाइल गेमर हैं।
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