नई दिल्ली12 घंटे पहले
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शाओमी, वीवो और हुवावे के बाद एक और चीनी स्मार्टफोन कंपनी जांच के दायरे में आई है। डायरेक्ट्रोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) ने ओप्पो इंडिया द्वारा 4,389 करोड़ रुपए की कस्टम ड्यूटी की चोरी का पता लगाया है। कंपनी ने टैक्स चोरी आयात की गलत जानकारी देकर की।
जानबूझकर गलत जानकारी देने के सबूत मिले
वित्त मंत्रालय ने बुधवार को बताया, ओप्पो मोबाइल्स चीन की ग्वांगडोंग ओप्पो मोबाइल टेलीकम्युनिकेशंस कॉरपोरेशन की सहयोगी कंपनी है। ओप्पो, वनप्लस और रियलमी ब्रांड से फोन बेचती है। डीआरआई ने जांच के दौरान ओप्पो इंडिया के कई परिसरों और मैनेजमेंट के अधिकारियों के घर छापेमारी की थी। इस दौरान मोबाइल बनाने के आयातित सामान के बारे में जानबूझकर गलत जानकारी देने के सबूत मिले थे।
चीन में भेजी जा रही थी रॉयल्टी
इनके जरिए कंपनी ने 2,981 करोड़ रुपए शुल्क छूट का फायदा उठाया। ओप्पो द्वारा चुकाई गई रॉयल्टी और लाइसेंस फीस में कस्टम एक्ट के नियमों का उल्लंघन हुआ। कंपनी इसे आयातित सामान के मूल्य में नहीं जोड़ रही थी। इसके जरिए कंपनी ने 1,408 करोड़ रुपए की ड्यूटी की चोरी की।
वीवो 950 करोड़ की बैंक गारंटी दे, तभी खुलेंगे खाते : हाई कोर्ट
दिल्ली हाई कोर्ट ने वीवो मोबाइल इंडिया से कहा, यदि वह प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा फ्रीज किए गए 119 बैंक खाते चलाना चाहती है तो उसे 950 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी देनी होगी। साथ ही इन खातों में 251 करोड़ रुपए का बैलेंस हमेशा रखना होगा। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के सिलसिले में 5 जुलाई को वीवो और इससे जुड़ी 23 कंपनियों के देशभर में 48 ठिकानों पर छापेमारी की थी।
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