चयन कमिटी का BCCI पर आरोप: विराट को कप्तानी से हटाने और मोहम्मद शमी को एक साल बाद टी-20 में मौका BCCI की मर्जी पर
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स्पोर्ट्स डेस्क9 मिनट पहले
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BCCI द्वारा बर्खास्त की गई सिलेक्शन कमेटी ने आरोप लगाया है कि टी-20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के लिए उन्हें बलि का बकरा बनाया गया है। विराट को टी-20 और वनडे की कप्तानी से हटाने से लेकर टीम में किन खिलाड़ियों को मौका देना है, उनमें BCCI के टॉप अधिकारियों और टीम मैनेजमेंट की सलाह को ही तव्वजो दी गई। अब जब सब प्रयोग फेल हो गए, तो उसका ठीकरा सिलेक्शन कमेटी पर फोड़ दिया गया है।
दरअसल, टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम को सेमीफाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 10 विकेट से हार मिली थी। इसके बाद टीम इंडिया की आलोचना हो रही थी। BCCI के कामकाज के तरीके पर भी सवाल उठ रहे थे। इसके बाद दो दिन पहले यानी 18 नवंबर को BCCI ने चेतन शर्मा की लीड वाली चयन कमेटी के चार सदस्यों को बर्खास्त कर नई कमेटी के लिए एप्लीकेशन्स मंगाईं थीं। चलिए हम आपको बताते हैं कि सिलेक्शन कमेटी के सदस्य ने क्या आरोप लगाए और क्या कहा—
- विराट को कप्तानी से हटाने से लेकर 8 कप्तान का प्रयोग भी टॉप अधिकारियों के कहने पर विजय हजारे ट्रॉफी में खिलाड़ियों का प्रदर्शन देखने के लिए विभिन्न शहरों का दौरा कर रहे चयन कमेटी के एक सदस्य ने नाम न छापने की शर्त पर भास्कर को बताया- सभी को पता है कि टीम इंडिया को लेकर लिए गए सभी बड़े फैसले BCCI के टॉप अधिकारियों की सहमति के बिना नहीं लिए जाते हैं। विराट कोहली को वनडे की कप्तानी से हटाने का भी फैसला BCCI के टॉप अधिकारियों ने ही लिया था। वहीं BCCI के टॉप अधिकारियों के सुझाव पर ही टीम में रोटेशन नीति के तहत खिलाड़ियों को आराम और नए खिलाड़ियों को मौका दिया गया। हम पर ये आरोप लग रहे हैं कि 9 महीने में 8 कप्तान बनाए, तो हमने ये फैसले भी अपने मन से नहीं लिए। BCCI के टॉप अधिकारियों की ओर से ही गाइड किया गया कि किस दौरे पर कौन कप्तान होगा। अब जबकि सारे एक्सपेरिमेंट्स फेल हो गए हैं तो ठीकरा सिलेक्शन कमेटी के सिर पर फोड़ दिया गया।
- शमी को डायरेक्ट वर्ल्ड कप में शामिल करने का भी फैसला टीम मैनेजमेंट का इस सिलेक्टर ने आगे कहा- अधिकारियों के सुझाव पर ही एक साल से इंटरनेशल टी-20 से दूर रहे और एशिया कप में बाहर बैठे मोहम्मद शमी को टी-20 वर्ल्ड कप के रिजर्व खिलाड़ी के तौर पर शामिल किया गया। बाद में बुमराह के चोटिल होने पर उन्हें टीम में जगह दी गई।
- खिलाड़ी और टीम मैनेजमेंट दोषी क्यों नहीं चयन कमेटी ने टीम मैनेजमेंट की डिमांड पर ही नए खिलाड़ियों को मौका दिया और उनके सुझाव पर ही टी-20 वर्ल्ड कप के लिए 15 खिलाड़ियों के स्क्वॉड और रिजर्व खिलाड़ियों को शामिल किया। जब सारे प्रयोग टीम मैनेजमेंट और BCCI के सुझाव पर हुए तो केवल सिलेक्शन कमेटी को ही दोषी क्यों ठहराया जा रहा है। टीम मैनेजमेंट के अधिकारी और खिलाड़ी भी टीम के खराब प्रदर्शन के लिए दोषी हैं और उन पर भी कार्रवाई होना चाहिए।
अब जानते हैं क्यों किया गया सिलेक्शन कमेटी को बर्खास्त
- बड़े टूर्नामेंट में टीम का खराब प्रदर्शन चेतन शर्मा के सिलेक्शन कमेटी का अध्यक्ष बनने के बाद टी-20 के तीन बड़े टूर्नामेंट हुए। जिसमें टीम इंडिया का खराब प्रदर्शन रहा। 2021 टी-20 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम सेमीफाइनल में नहीं पहुंच पाई। इस साल एशिया कप में भारतीय टीम टॉप चार में जगह नहीं बना पाई। वहीं, ऑस्ट्रेलिया में इस साल समाप्त हुए टी-20 वर्ल्ड कप में भी टीम इंडिया को सेमीफाइनल में 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा।
- फ्यूचर प्लान की कमी सिलेक्शन कमेटी के पास फ्यूचर प्लान की कमी दिखी। 2021 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया के सेमीफाइनल के दौर से बाहर होने के बावजूद सिलेक्शन कमेटी करीब 1 साल में टॉप ऑर्डर का विकल्प तैयार नहीं कर पाई। वहीं रविंद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह के बार-बार चोटिल होने के बावजूद उनका विकल्प खोजने में कमेटी नाकाम रही।
- टी-20 वर्ल्ड कप के लिए गलत टीम का चयन सिलेक्शन कमेटी ने टी-20 वर्ल्ड कप के लिए 15 खिलाड़ियों का चयन किया गया, उस पर भी सवाल उठे। आर अश्विन और मोहम्मद शमी को एक साल से टी-20 में मौका नहीं मिल रहा था। लेकिन टी-20 वर्ल्ड से कुछ दिन पहले उनको कुछ मैचों में शामिल करना और बाद में टी-20 वर्ल्ड कप के स्क्वॉड में शामिल किया गया। एक साल में राहुल चाहर, वेंकटेश अय्यर और वरुण चक्रवर्ती को आजमाया, पर उन्हें मौका नहीं दिया गया।
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