गोल्ड हॉलमार्किंग का दूसरा चरण आज से शुरू: 288 जिलों में लागू होगी गोल्ड हॉलमार्किंग, यहां समझें ये क्या है और इससे आपको क्या फायदा होगा
- Hindi News
- Business
- Gold Hallmarking Will Be Implemented In 288 Districts, Understand Here What It Is And How It Will Benefit You
11 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
आज यानी 1 जून से सोने की हॉलमार्किंग का दूसरा चरण शुरू हो गया है। अब 256 पुराने जिलों के अलावा 32 नए जिलों में भी हॉलमार्किंग सेंटर्स खोले जाएंगे। अब इन सभी 288 जिलों में सोने के गहने की हॉलमार्किंग अनिवार्य हो गई है। इन जिलों में अब 14, 18, 20, 22, 23 और 24 कैरेट के गहने ही बेचे जा सकेंगे। ये भी हॉलमार्किंग के बाद ही बेच पाएंगे। हम आपको आज हॉलमार्किंग और इससे जुड़ी चीजों के बारे में बता रहे हैं।
सबसे पहले समझें हॉलमार्किंग क्या है?
हॉलमार्क सरकारी गारंटी होती है। हॉलमार्क भारत की एकमात्र एजेंसी ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (BIS) देती है। हॉलमार्किंग में किसी प्रोडक्ट को तय मापदंडों पर प्रमाणित किया जाता है। BIS वह संस्था है, जो ग्राहकों को उपलब्ध कराए जा रहे सोने की जांच करती है। सोने के सिक्के या गहने पर हॉलमार्क के साथ BIS का लोगो लगाना जरूरी है। इससे पता चलता है कि BIS की लाइसेंस वाली लैब में इसकी शुद्धता की जांच की गई है। हॉलमार्किंग सेंटर्स की लिस्ट देखने के लिए यहां क्लिक करें
इसका आम आदमी को क्या फायदा होगा?
इससे आम आदमी को फायदा ही है क्योंकि अभी तक ज्वेलरी खरीदने पर कई लोगों ये पता ही नहीं रहता था कि उनका सोना कितना शुद्ध है। ऐसे में उनके साथ ठगी से संभावना रहती थी। ग्राहकों को नकली ज्वेलरी से बचाने और ज्वेलरी कारोबार की निगरानी के लिए हॉलमार्किंग जरूरी है। हॉलमार्किंग का फायदा यह है कि जब आप इसे बेचने जाएंगे तो किसी तरह की डेप्रिसिएशन कॉस्ट नहीं काटी जाएगी। मतलब आपको सोने की सही कीमत मिल सकेगी। हॉलमार्किंग में सोना कई फेज में गुजरता है। ऐसे में इसकी शुद्धता में गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहती।
हॉलमार्किंग से नई ज्वेलरी की कीमत पर क्या असर होगा?
इंडिया बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (IBJA) के नेशनल सेक्रेटरी सुरेंद्र मेहता कहते हैं कि हॉलमार्किंग लागू होने से ज्वेलरी की कीमत पर थोड़ा ही फर्क पडे़गा। इससे लोगों को अब सरकार टेस्टेड ज्वेलरी मिलेगी। इससे इसकी कीमत थोड़ी बढ़ी है।
पुरानी ज्वेलरी की हॉलमार्किंग कराने पर कितना खर्च आएगा और कितना समय लगेगा?
ज्वेलरी या गोल्ड आइटम पर हॉलमार्क के लिए 35 रुपए (टैक्स अतिरिक्त) है, लेकिन गहनों की शुद्धता की जांच के लिए न्यूनतम 200 रुपए और टैक्स लगेगा। BIS लैब में किसी ज्वेलरी की शुद्धता आंकने या हॉलमार्क के लिए 6-8 घंटे लग सकते हैं। ऐसे में पुरानी ज्वेलरी की हॉलमार्किंग कराने कोई बहुत ज्यादा समय और पैसा नहीं लगेगा।
ऐसे समझें सोने की शुद्धता का गणित
1 कैरेट गोल्ड का मतलब होता है 1/24 गोल्ड, यदि आपके आभूषण 22 कैरेट के हैं तो 22 को 24 से भाग देकर उसे 100 से गुणा करें। (22/24)x100= 91.66 यानी आपके आभूषण में इस्तेमाल सोने की शुद्धता 91.66% है।
नियम न मानने पर हो सकती है एक साल की सजा
BIS कानून के मुताबिक हॉलमार्किंग के नियम तोड़ने वालों पर न्यूनतम 1 लाख रुपए से ज्वेलरी की वैल्यू के 5 गुना तक जुर्माने और एक साल की सजा का प्रावधान है।
For all the latest Business News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.