गोल्डन बॉय का इंटरव्यू: नीरज चोपड़ा ने कहा- स्पोर्ट्स और देश के लिए मेडल जीतना प्लान का हिस्सा था ही नहीं, इत्तेफाक से जेवलिन फेंकना शुरू किया
- Hindi News
- Sports
- Tokyo olympics
- Neeraj Chopra Interview; Tokyo Olympics Men’s Javelin Throw Final Gold Medalist Neeraj Chopra | Neeraj Chopra Milkha Singh Tokyo Olympics
टोक्यो18 मिनट पहले
ओलिंपिक में 87.58 मीटर जेवलिन फेंककर देश के लिए गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा का कहना है कि खेल उनकी प्लानिंग में था ही नहीं। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स, देश के लिए खेलने या मेडल जीतने के बारे में कभी सोचा ही नहीं था। मेरे परिवार या मेरे गांव में भी कोई स्पोर्ट्स में नहीं था।
न्यूज एजेंसी ANI को दिए इंटरव्यू में नीरज ने कहा कि ये केवल इत्तेफाक था कि मैं स्टेडियम गया और जेवलिन फेंकना शुरू किया। मैंने कड़ी मेहनत की और हर किसी ने मेरा सपोर्ट किया।
गोल्ड मेडल पक्का होने तक रिलैक्स नहीं था
गोल्ड मेडल विजेता बोले, ‘मैं ओलिंपिक में अपना बेस्ट देना चाहता था। गोल्ड मेडल पक्का होने तक मैं रिलैक्स नहीं हो पाया, क्योंकि दूसरे प्लेयर बेहतर कर सकते थे। कॉम्पिटिशन के लिए मेंटली प्रिपेयर होना जरूरी होता है।’
पहले और दूसरे राउंड में भाला फेंकने के बाद ही नीरज कॉन्फिडेंट थे कि उन्होंने मेडल अपने नाम कर लिया है।
नीरज का ट्वीट- यह अहसास ताउम्र जिंदा रहेगा
नीरज ने रविवार को एक ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा- अभी भी वह अहसास जारी है। पूरे भारत और सभी को समर्थन और दुआओं के लिए शुक्रिया। इसकी मदद से ही मैं इस स्टेज तक पहुंच पाया हूं। यह पल मेरे साथ हमेशा जिंदा रहेगा।
पोडियम पर खड़े होने का अहसास शब्दों में बयां नहीं कर सकता
एक न्यूज चैनल से बातचीत में नीरज ने कहा, ‘मेडल जीतने के बाद पोडियम पर खड़े होने का अहसास अलग था। राष्ट्रगान बज रहा था। इसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता। कड़ी मेहनत की थी, मुश्किलें भी आईं, लेकिन जब कामयाबी मिली, तो ऐसे मौके पर थोड़ा इमोशनल हो गया था। ओलिंपिक के दौरान नींद ठीक से नहीं आई। पहले दो-तीन दिन तो बहुत दिक्कत हुई। कल ठीक से सोया। खुशी तो थी ही और थकावट भी थी। मेडल तकिये के पास रखकर सोया। काफी गहरी नींद आई।
एथलेटिक्स में भारत को पहला गोल्ड मेडल जिताने के बाद नीरज (बीच में)। दूसरे और तीसरे नंबर पर चेक रिपब्लिक के खिलाड़ी रहे।
मिल्खा सिंह को डेडीकेट किया गोल्ड
नीरज ने पदक जीतने के बाद कहा था, ‘मैं अपने गोल्ड मेडल को महान मिल्खा सिंह को समर्पित करता हूं। वे शायद मुझे स्वर्ग से देख रहे होंगे। मैं मेडल के साथ मिल्खा सिंह से मिलना चाहता था। मैं जानता था कि आज अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करूंगा। मैं ओलिंपिक का रिकॉर्ड तोड़ना चाहता था, शायद इसी वजह से अच्छा प्रदर्शन कर पाया।’
पीटी ऊषा ने कहा- मेरा सपना पूरा किया
नीरज की कामयाबी पर उड़नपरी पीटी ऊषा ने कहा कि आज मेरा 37 साल पुराना सपना पूरा हुआ। वह सपना जो अधूरा रह गया था। थैंक यू माय सन।
बिंद्रा ने गोल्डन क्लब में स्वागत किया
नीरज से पहले ओलिंपिक गेम्स के इंडिविजुअल इवेंट में गोल्ड मेडल जीतने का कारनामा सिर्फ निशानेबाज अभिनव बिंद्रा ने किया था। उन्होंने 2008 बीजिंग ओलिंपिक में 10 मीटर एयर राइफल का गोल्ड जीता था। बिंद्रा ने लिखा- और गोल्ड नीरज का हुआ। आपको सलाम। आपने देश के सपने को पूरा किया। शुक्रिया। साथ ही गोल्डन क्लब में आपका स्वागत है। इसकी बहुत जरूरत थी। आप पर गर्व है।
For all the latest Sports News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.