गैर-कानूनी ट्रेडिंग पर सख्ती: ED ने क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स और उसके डायरेक्टर्स को भेजा कारण बताओ नोटिस, 2790 करोड़ रुपए के ट्रांजेक्शन का है मामला
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मुंबईएक घंटा पहले
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प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने फेमा कानून के तहत क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज वजीरएक्स (WazirX) और उसके डायरेक्टर्स निश्चल शेट्टी और समीर म्हात्रे को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। खबरों के मुताबिक यह 2,790.74 करोड़ रुपए के क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजेक्शन का मामला है। एजेंसी ने 11 जून को नोटिस जारी किया।
फेमा कानून के तहत मामले की जांच हो रही है
सरकारी एजेंसी ने अपने बयान में कहा कि फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) 1999 के तहत कि जारी शुरुआती जांच में पता चला है कि इतना बड़ा ट्रांजेक्शन एक अवैध चाइनीज ऑनलाइन बेटिंग एप्लीकेशन जरिए किया गया, जो मनी लॉन्ड्रिंग का मामला है। बता दें कि वजीरएक्स भारत का क्रिप्टो एक्सचेंज है। जहां अलग-अलग डिजिटल करेंसी की ट्रेडिंग के लिए प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है।
ट्रांजैक्शन जांच के लिए ब्लॉकचेन पर कोई डेटा उपलब्ध नहीं है
ED के मुताबिक वजीरएक्स के यूजर्स ने इसके पूल अकाउंट से Binance accounts से 880 करोड़ रुपए के क्रिप्टोकरेंसी प्राप्त किए। साथ ही 1400 करोड़ रुपए की क्रिप्टोकरेंसी Binance accounts में ट्रांसफर भी की। लेकिन इनमें से कोई भी ट्रांजैक्शन जांच के लिए ब्लॉकचेन पर उपलब्ध नहीं है।
इसमें पाया गया है कि क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज के यूजर्स प्रॉपर डॉक्युमेंटेशन के बिना ही किसी भी व्यक्ति को किसी भी देश में क्रिप्टोकरेंसीज ट्रांसफर कर सकते हैं, जो मनी लॉड्रिंग और दूसरी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों के लिए सेफ है।
भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने 31 मई के अपने स्पष्टीकरण में बैंकों को सावधानी बरतने के लिए कहा था। इसके लिए कानून के कुछ प्रावधानों पर भी विशेष रूप से प्रकाश डाला था। जैसे KYC, AML और CFT आवश्यक बताया गया।
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