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खुदरा निवेशकों के लिए अच्छी खबर: NSE से खरीदे जा सकेंगे अमेरिकी कंपनियों के शेयर; खोलना होगा गुजरात की गिफ्ट सिटी में डीमैट एकाउंट

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  • Through NSE You Will Be Able To Buy Shares Of Companies Like Google, Apple; For This, A Demat Account Has To Be Opened In The GIFT City Of Gujarat.

7 घंटे पहले

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  • गूगल, अमेजन, फेसबुक के शेयर जल्द खरीद सकेंगे आप
  • दिग्गज अमेरिकी कंपनियों के शेयर में अब छोटा निवेश संभव
  • NSE की गिफ्ट सिटी यूनिट से शेयर का कुछ हिस्सा लिया जा सकेगा

अगर आप शेयरों में पैसा लगाने वाले खुदरा निवेशक हैं और विदेशी शेयरों में निवेश करना चाहते हैं, तो आपकी यह इच्छा NSE के जरिए जल्द पूरी हो सकती है। आपको जल्द सस्ते में गूगल, अमेजन और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज अमेरिकी कंपनियों के शेयरों में इंडियन डीमैट एकाउंट के जरिए पैसा लगाने का मौका मिल सकता है।

गिफ्ट सिटी का NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज देगा निवेश की सुविधा

अमेरिका में लिस्टेड कंपनियों में निवेश करने की सुविधा आपको गुजरात के इंटरनेशनल फाइनेंस सर्विस सेंटर (IFSC) में NSE की गिफ्ट सिटी वाली यूनिट NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज के जरिए मिलेगी। NSE की यह यूनिट आपको दिग्गज अमेरिकी टेक कंपनियों में फ्रैक्शनल ओनरशिप दिला सकेगी।

समूची सिक्योरिटी न खरीदकर उसका कुछ हिस्सा लिया जा सकता है

फ्रैक्शनल ओनरशिप में समूची सिक्योरिटी न खरीदकर उसका कुछ हिस्सा लिया जा सकता है। यानी अगर कंपनी का शेयर 100 डॉलर का है, तो एक डॉलर से एक शेयर के सौवें हिस्से के बराबर हिस्सेदारी लिया जा सकेगा। अमेरिकी शेयरों में निवेश करने के लिए गिफ्ट सिटी की ब्रोकरेज फर्म में डीमैट एकाउंट खोलना होगा।

बुनियादी सुविधाएं तैयार हो गई हैं, ब्रोकर्स का रजिस्ट्रेशन चल रहा है

NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज ने कहा है कि उसने बुनियादी सुविधाएं तैयार कर ली हैं और ब्रोकर्स का रजिस्ट्रेशन चल रहा है। अमेरिकी शेयरों की ट्रेडिंग, क्लीयरिंग, सेटलमेंट और होल्डिंग यानी खरीदारी से लेकर डिपॉजिटरी रिसीट के आपके डीमैट एकाउंट तक पहुंचाने का काम IFSC अथॉरिटी देखेगी। यह सुविधा रिजर्व बैंक के लिबरलाइज्ड रेमिटेंस स्कीम (LRS) के तहत ऑफर की जाएगी।

LSR के तहत ढाई लाख डॉलर तक सालाना विदेश भेजा जा सकता है

अभी LSR के तहत कुछ शर्तों के साथ हर भारतीय ढाई लाख डॉलर (लगभग 1.86 करोड़ रुपए) तक सालाना विदेश भेज सकता है। इसके साथ शर्त यह है कि रकम का इस्तेमाल किसी लेवरेजिंग में नहीं किया जाएगा। यानी उसको किसी डेरिवेटिव प्रॉडक्ट में नहीं लगाया जा सकता और न ही उससे ट्रेडिंग की जा सकती है।

खुदरा निवेशकों के लिए अमेरिकी शेयरों में निवेश करना किफायती हो जाएगा

NSE इंटरनेशनल एक्सचेंज की तरफ से जारी बयान के मुताबिक, ‘नई व्यवस्था से भारतीय खुदरा निवेशकों के लिए अमेरिकी शेयर खरीदना किफायती हो जाएगा। यह निवेश अनस्पॉन्सर्ड डिपॉजिटरी रिसीट के रूप में किया जा सकेगा। इसे निवेशक गिफ्ट सिटी में खोले गए अपने डीमैट एकाउंट में रख सकेंगे।’

क्या होती है अनस्पॉन्सर्ड डिपॉजिटरी रिसीट?

अनस्पॉन्सर्ड डिपॉजिटरी रिसीट एक तरह की सिक्योरिटी होती है, जो विदेशी कंपनी के शेयरों के आधार पर जारी की जाती है। इस रिसीट को जारी करने के लिए संबंधित कंपनी की इजाजत लेने की जरूरत नहीं होती।

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