क्रिप्टो पर भारी-भरकम टैक्स: क्रिप्टोकरेंसी से हुई कमाई पर सरकार कैसे टैक्स वसूलेगी, समझिए आसान भाषा में
6 घंटे पहले
क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर अब 30% टैक्स देना होगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजैक्शन करने पर 1% का TDS भी लगेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को अपने बजट भाषण में इसकी जानकारी दी।
वित्त मंत्री ने साफ किया कि RBI की ओर से जारी होने वाले डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा, जबकि बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना जाएगा और इससे होने वाली कमाई पर टैक्स लगेगा।
वित्त मंत्री ने क्या कहा?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ‘वर्चुअल डिजिटल एसेट में ट्रांजैक्शन में बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इनके चलते वर्चुअल डिजिटल एसेट्स के लिए एक खास टैक्स सिस्टम जरूरी हो गया है। अब किसी भी वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर के जरिए होने वाली आय पर 30% की दर से टैक्स लगाया जाएगा।’
वहीं उन्होंने बताया कि वर्चुअल डिजिटल एसेट के ट्रांसफर में अगर कोई नुकसान होता है तो इसे दूसरे किसी अन्य सोर्स से हुई कमाई के साथ सेट ऑफ नहीं किया जा सकेगा।
ऐसे में आपके मन भी सवाल होगा कि क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स कैसे लगेगा? तो चलिए इसे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं। इसके लिए हमने बात की टैक्स एक्सपर्ट कार्तिक गुप्ता से:
क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने वाले देश में करोड़ों लोग हैं। वे कैसे टैक्स के दायरे में आएंगे या सरकार उनकी पहचान कैसे कर पाएगी? और भी सवाल हैं, जो निवेशकों के मन में हैं। उनके जवाब दे रहे हैं बैंक बाजार डॉट कॉम के CEO आदिल शेट्टी…
1. क्रिप्टो पर TDS कैसे कटेगा?
क्रिप्टो करंसी की दुनिया में इसे लागू करना जटिल होगा, क्योंकि ट्रेडिंग के लिए भी अभी भारत में TDS नहीं कटता। इसकी पूरी गाइडलाइन का इंतजार करना चाहिए।
2. क्रिप्टो खरीदने-बेचने वालों की पहचान नहीं होती, तो फिर TDS किससे वसूला जाएगा?
भारत के क्रिप्टो एक्सचेंज KYC कर रहे हैं। सरकार चाहे तो इससे खरीदार की पहचान कर सकती है। हालांकि, विदेश की क्रिप्टो एक्सचेंज से खरीद करने वालों की पहचान करना अभी मुश्किल दिख रहा है।
3. क्या ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए क्रिप्टो खरीदने वालों की पहचान संभव है?
नहीं। इसीलिए उम्मीद है कि ब्लॉकचेन का भी KYC होने लगेगा।
4. क्रिप्टो का रेगुलेशन कैसे संभव है? रेगुलेटरी अथॉरिटी कौन होगी?
यह अभी क्लियर नहीं है कि अथॉरिटी कौन होगी या रेगुलेशन के नियम क्या होंगे। रेगुलेशन का फ्रेमवर्क सरकार को इस उद्योग के साथ मिलकर निवेशकों की जरूरतों को ध्यान रखते हुए बनाना होगा। सरकार ने टैक्स लगाकर अभी सिर्फ पहला कदम उठाया है। आगे रास्ते धीरे-धीरे खुलते जाएंगे। इस मामले में कई ग्रे एरिया हैं, जिन्हें लेकर सरकार को गाइडलाइन तैयारी करनी है। उसके बाद ही स्थिति साफ हो सकती है।
5. क्या देश में कोई सरकारी नियंत्रण वाली क्रिप्टो एक्सचेंज बन सकती है?
सरकार ने भारतीय डिजिटल रुपए की घोषणा की है। यह भी क्रिप्टो की तरह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के जरिए ही चलेगा। फिर भी इससे क्रिप्टो में निवेशकों की सुरक्षा बढ़ेगी।
6. भारतीयों के 6 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा क्रिप्टो में लग चुके हैं, क्या वे लोग कभी ट्रैक हो पाएंगे?
KYC के जरिए निवेश किया होगा तो ट्रेस किए जा सकेंगे।
For all the latest Business News Click Here
For the latest news and updates, follow us on Google News.