2 मिनट पहलेलेखक: बिक्रम प्रताप सिंह
ऑस्ट्रेलिया में अगले महीने होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम की घोषणा कर दी गई है। जब से टीम सामने आई है क्रिकेट फैंस और एक्सपर्ट के बीच दो नाम को लेकर काफी चर्चा हो रही है। ये नाम हैं दिल्ली के ऋषभ पंत और केरल के संजू सैमसन।
दोनों विकेटकीपर बल्लेबाज हैं और भारतीय क्रिकेट के फ्यूचर स्टार्स माने जाते हैं। सलेक्टर्स ने पंत को 15 मेंबर्स की टीम में शामिल किया है वहीं, सैमसन को जगह नहीं दी गई है। इसके बाद आरोप लग रहे हैं कि BCCI संजू सैमसन के साथ नाइंसाफी कर रहा है और पंत को लगातार खराब प्रदर्शन के बावजूद अहमियत दे रहा है। इस खबर के साथ जो पहला ग्राफिक्स लगा है उसमें इस साल टी-20 इंटरनेशनल में दोनों खिलाड़ियों का रिकॉर्ड बताया गया है। लेकिन, इससे कहानी की आधी तस्वीर ही सामने आती है। इस आर्टिकल में हम डिटेल्स के साथ जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर पूरी कहानी क्या है।
सबसे पहले टी-20 इंटरनेशल में दोनों का करियर रिकॉर्ड देखते हैं
ऑस्ट्रेलिया में टी-20 फॉर्मेट का वर्ल्ड कप होना है। लिहाजा टी-20 इंटरनेशनल में पंत और सैमसन के रिकॉर्ड पर पहले नजर डालते हैं। पंत ने अब तक भारत के 58 टी-20 मैच खेले हैं। इनमें उन्होंने सिर्फ 23.95 की औसत से 934 रन बनाए हैं। स्ट्राइक रेट (126.39) बेहद साधारण है।
संजू सैमसन भी भारत के लिए अब तक मिले मौकों का पूरा फायदा नहीं उठा पाए हैं। उन्होंने 16 टी-20 इंटरनेशनल खेले हैं और 21.14 की औसत से 296 रन बनाए हैं। सैमसन का स्ट्राइक रेट पंत से बेहतर रहा है। उन्होंने हर 100 गेंदों पर 135 रन बनाए हैं।
IPL में पंत ने की है बेहतर बल्लेबाजी
इंटरनेशनल टी-20 में दोनों खिलाड़ियों का रिकॉर्ड कमजोर है। अब IPL में इनके प्रदर्शन पर गौर करते हैं। पंत ने IPL के 98 मैचों में 34.61 की औसत और 147.97 के स्ट्राइक रेट से 2838 रन बनाए हैं। वहीं, सैमसन ने 138 IPL मैचों में 29.14 की औसत और 135.72 की औसत से 3526 रन बनाए हैं। यानी IPL में औसत और स्ट्राइक रेट के मामले में पंत का रिकॉर्ड बेहतर है।
हालांकि, IPL में सैमसन शतक जमाने के मामले में पंत से आगे हैं। सैमसन ने दुनिया की सबसे बड़ी लीग में तीन शतक जमाए हैं। पंत के नाम 1 शतक ही है। जहां तक अर्धशतक का सवाल है तो सैमसन के नाम 17 और पंत के नाम 15 अर्धशतक हैं। लेकिन, हमें यह ध्यान रखना होगा कि सैमसन ने पंत की तुलना में 40 मैच ज्यादा खेले हैं।
कंसिसटेंसी के मामले में दोनों खिलाड़ी कमजोर
क्रिकेट में अच्छे बल्लेबाज की सबसे बड़ी पहचान कंसिसटेंसी होती है। कभी-कभार अच्छा प्रदर्शन कोई भी कर सकता है लेकिन जो खिलाड़ी निरंतर बेहतर स्कोर करे उसे तरजीह दी जाती है। लेकिन, इस पैमाने पर पंत और सैमसन दोनों ही कमजोर साबित हुए हैं।
टी-20 इंटरनेशनल और IPL को मिलाकर पंत ने 156 मैचों में 19 बार 50 या इससे अधिक का स्कोर बनाया है। यानी करीब 8 पारियों में 1 बार 50+ स्कोर।
सैमसन ने IPL और टी-20 इंटरनेशनल मिलाकर 154 मैचों में 21 बाद 50+ का स्कोर बनाया है। यानी करीब सात पारियों में 1 बार 50+ स्कोर।
दोनों का रिकॉर्ड खराब फिर पंत को मौका क्यों
ऊपर दिए आंकड़े पढ़ने के बाद एक बात को साफ हो जाती है कि रिकॉर्ड के आधार पर अभी न तो ऋषभ पंत और न ही संजू सैमसन वर्ल्ड कप टीम में शामिल होने के हकदार हैं। यह बात BCCI के सलेक्टर्स भी जानते हैं। इसलिए दिनेश कार्तिक के रूप में एक और स्पेशलिस्ट विकेटकीपर बल्लेबाज को टीम में शामिल किया गया है।
पंत को सैमसन के ऊपर तरजीह दिए जाने के पीछे टेस्ट क्रिकेट का प्रदर्शन और लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज होना ज्यादा बड़ी वजह नजर आती है। टेस्ट में पंत ने 31 मैचों में 43.33 की औसत से 2123 रन बनाए हैं। स्ट्राइक रेट 72.66 का है। टेस्ट में 60 के ऊपर के स्ट्राइक रेट वाले बल्लेबाज को काफी आक्रामक माना जाता है। साथ ही पंत ने छोटे से करियर में पांच शतक जमा दिए हैं। वे कई मैच विनिंग इनिंग्स भी खेल चुके हैं। सलेक्टर्स को उम्मीद है कि वे आज न कल टी-20 में भी टेस्ट क्रिकेट की कामयाबी को दोहराएंगे।
पंत का लेफ्ट हैंडर होना भी उनके लिए एडवांटेज है। भारत के पास इस समय टॉप और मिडिल ऑर्डर में कोई भी प्रभावशाली लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज नहीं है। टी-20 क्रिकेट में लेफ्ट आर्म स्पिनर और लेग स्पिनर के सामने लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज की जरूरत पड़ती है।
इस मैच अप्स को ध्यान में रखते हुए भी पंत को तरजीह दी जा रही है। हालांकि, केवल भविष्य की उम्मीद और लेफ्ट हैंडर होने की बदौलत पंत क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में अपनी गाड़ी लंबे समय तक नहीं चला सकते हैं। यह वर्ल्ड कप उनके लिए मेक या ब्रेक वाला टूर्नामेंट साबित हो सकता है।
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