स्पोर्ट्स डेस्ककुछ ही क्षण पहले
वनडे सीरीज में हार के बाद टीम इंडिया आज से बांग्लादेश के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज खेलने उतर रही है। अगले साल जून में होने वाले वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिहाज से ये दोनों मैच भारत के लिए काफी अहम है।
इस स्टोरी में आगे हम जानेंगे कि वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के पॉइट्स टेबल में अभी भारत सहित तमाम टीमों की क्या स्थिति है। हम यह भी जानेंगे कि इस समय कौन सी टीमें फाइनल में पहुंचने की रेस में मौजूद हैं और भारत को टॉप-2 में फिनिश करने के लिए क्या करना होगा।
इनके अलावा हम यह भी देखेंगे कि इस टेबल के लिए पॉइंट्स कैसे डिसाइड होते हैं और किस आधार पर टीमों की रैंकिंग तय होती है।
सबसे पहले ताजा पॉइंट्स टेबल देखते हैं
पॉइंट्स कैसे मिलते हैं यह देखने से पहले जान लेते हैं कि WTC है क्या
इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने टेस्ट मैचों को ज्यादा रोमांचक बनाने के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत की। इसमें टॉप-9 टीमों को शामिल किया गया। हर टीम को दो साल के टाइम पीरियड में तीन सीरीज अपने घर में और तीन सीरीज घर से बाहर खेलना होता है। सभी टीमों की निर्धारित सीरीज खत्म होने के बाद टॉप-2 टीमें फाइनल में पहुंचती हैं।
2019 से 2021 के बीच पहली बार WTC का आयोजन हुआ। तब भारत और न्यूजीलैंड की टीमें फाइनल में पहुंची। इंग्लैंड के साउथैम्पटन में हुए फाइनल में न्यूजीलैंड ने भारत को हराकर पहली बार टेस्ट चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया। अभी दूसरी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के मुकाबले चल रहे हैं।
समझिए WTC का पूरा पॉइंट्स सिस्टम…
भारत के पॉइंट्स ऐसे कैलकुलेट हुए
भारत के 12 मैचों से 75 अंक हैं। भारत ने 6 मैचों में जीत हासिल की है। 4 में उसे हार मिली है और 2 मुकाबले ड्रॉ रहे हैं। इस तरह भारत को 6 जीत के लिए 72 और 2 ड्रॉ के लिए 8 पॉइंट्स मिले हैं। यानी टीम इंडिया के टोटल पॉइंट्स 80 होने चाहिए थे। लेकिन अभी हमारी टीम के नाम 75 पॉइंट्स ही हैं।
ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए हुआ है क्योंकि भारतीय टीम पर धीमे ओवर रेट के कारण 5 पॉइंट्स की पेनल्टी लगाई गई है। इस तरह टीम इंडिया के पास 80-5=75 पॉइंट्स ही हैं। भारत के 52.08% परसेंटेज पॉइंट्स हैं। परसेंटेज पॉइंट्स क्या होता है और कैसे निकाला जाता है यह आगे समझते हैं।
रैंकिंग का फैसला टोटल पॉइंट्स से नहीं परसेंटेज पॉइंट्स से होता है
जब टीमों की रैंकिंग तैयार की जाती है तो फिर फैसला टोटल पॉइंट्स से नहीं होता है। रैंकिंग के लिए परसेंटेज पॉइंट्स को कैलकुलेट किया जाता है। आप ऊपर दिए गए टेबल में देख सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया के टोटल पॉइंट्स 108 हैं लेकिन उसके परसेंटेज पॉइंट्स 75 ही हैं। इसी तरह भारत के टोटल पॉइंट्स 75 हैं लेकिन परसेंटेज पॉइंट्स 52.08 ही हैं।
मामले देखने में जटिल लग सकते हैं, लेकिन है यह बिल्कुल सिंपल। परसेंटेज पॉइंट्स के आधार पर रैंकिंग तैयार करने के पीछे एक सॉलिड रीजन है। यह रीजन है सभी टीमों को बराबरी का मौका देना।
कैसे? चलिए समझते हैं…
एक WTC में हर टीम को 6 सीरीज खेलनी होती है। लेकिन, हर टीम की सीरीज में मैचों की संख्या फिक्स नहीं होती। किसी सीरीज में 2 ही टेस्ट मैच होते हैं तो किसी सीरीज में 5 टेस्ट मैच। ऐसे में अगर टोटल पॉइंट्स के आधार पर रैंकिंग बनाई जाएगी तो उन टीमों को ज्यादा फायदा होगा जो ज्यादा टेस्ट मैच खेलती हैं। इस स्थिति से बचने के लिए ICC ने रैंकिंग के लिए परसेंटेज पॉइंट्स को अहमियत देना का फैसला किया।
परसेंटेज पॉइंट्स कैसे निकाला जाता
हम सबने स्कूल में परसेंटेज निकालना सीखा है। परसेंटेज यानी प्रतिशत। WTC पॉइंट्स टेबल में परसेंटेज निकालने के लिए भी हमें स्कूल के दिनों में सीखी उसी बेसिक स्किल की जरूरत होती है।
WTC में किसी टीम के परसेंटेज पॉइंट्स का मतलब है कि किसी टीम ने अपने लिए संभव अधिकतम पॉइंट्स में से कितने पॉइंट हासिल किए। जैसे हम किसी एग्जाम में बैठते हैं और मान लीजिए कि एग्जाम के टोटल मार्क्स 500 हैं। हमें 500 में से 400 अंक ही मिलते हैं। तो हम कहते हैं कि मुझे 80% पॉइंट्स मिले।
अभी चल रही WTC में भारत ने अब तक 12 टेस्ट मैच खेले हैं। 1 मैच में जीत से 12 पॉइंट्स मिलते हैं। यानी 12 टेस्ट मैच से अधिकतम 12*12= 144 पॉइंट्स हासिल किए जा सकते थे। भारत ने इनमें से 75 पॉइंट्स हासिल किए हैं।
इसे परसेंटेज पॉइंट्स में ऐसे कन्वर्ट करेंगे
- भारत ने 144 पॉइंट्स में से 75 हासिल किए
- यानी हर 1 पॉइंट में से भारत को 75/144 पॉइंट मिले
- इस तरह 100 पॉइंट्स में से भारत को 75/144*100 पॉइंट्स मिले
- इसे कैलकुलेट करेंगे तो आपको 52.08 का आंकड़ा मिलेगा। यही भारत का अब तक का परसेंटेज पॉइंट है। सभी टीमों के परसेंटेज पॉइंट्स इसी तरह निकाले जा सकते हैं।
अब जानते हैं कि फाइनल में पहुंचने के लिए कौन-कौन सी टीमें दावेदार हैं
अब आप परसेंटेज पॉइंट्स का कॉन्सेप्ट समझ चुके हैं। इस आधार पर ऑस्ट्रेलिया पहले, साउथ अफ्रीका दूसरे, श्रीलंका तीसरे और भारत चौथे नंबर पर है।
इनके नीचे इंग्लैंड, पाकिस्तान, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और बांग्लादेश हैं। बॉटम की पांच टीमें फाइनल की होड़ से बाहर हो चुकी हैं।
ये टीमें इसलिए बाहर हैं क्योंकि ये अगर अपने बचे हुए सारे मुकाबले जीत भी लेते हैं तो भी कम से कम दो टीमें इनसे ऊपर हर हाल में रहेंगी। यानी फाइनल की रेस मुख्यतः ऊपर मौजूद चार टीमों के बीच में है।
अब परखते हैं ऑस्ट्रेलिया की दावेदारी
ऑस्ट्रेलिया ने अब तक 12 टेस्ट मैच खेले हैं। 8 जीत, 1 हार और 3 ड्रॉ से उसके 108 पॉइंट और 75% परसेंटेज पॉइंट हैं। उसे 7 टेस्ट और खेलने हैं। तीन अपने घर में साउथ अफ्रीका के खिलाफ और 4 भारत में भारत के खिलाफ। अगर ऑस्ट्रेलिया इन 7 में से 4 टेस्ट जीतता है और 3 हारता है तो भी उसके 68.42% पॉइंट्स होंगे और उसका फाइनल में पहुंचना लगभग पक्का हो जाएगा।
अगर कंगारू टीम 3 मैच में जीत हासिल करती है और 4 में हारती है तो उसके 63.15% पॉइंट्स होंगे। इस स्थिति में भी ऑस्ट्रेलिया फाइनल में पहुंच सकता है। फिर उसे बाकी टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना होगा। वहीं, 3 मैचों में जीत के अलावा कुछ ड्रॉ भी अगर ऑस्ट्रेलिया को मिल जाते हैं तो भी उसकी दावेदारी काफी मजबूत हो जाएगी।
साउथ अफ्रीका के पास दो सीरीज
पॉइंट्स टेबल में अभी दूसरे नंबर पर मौजूद साउथ अफ्रीका को पांच टेस्ट मैच और खेलने हैं। तीन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में और दो अपने घर में वेस्टइंडीज के खिलाफ। अगर अफ्रीकी टीम पांचों मैच जीत लेती है तो उसके 73.33 पॉइंट्स हो जाएंगे और वह फाइनल में पहुंच जाएगी।
अगर अफ्रीकी टीम 4 मैच जीतती है और 1 ड्रॉ रखती है तो उसके 68.88% पॉइंट्स होंगे और वह फाइनल के लिए क्वालिफाई हो जाएगी। इससे कमजोर प्रदर्शन की स्थिति में साउथ अफ्रीका को भारत और ऑस्ट्रेलिया के नतीजों पर निर्भर होना होगा।
श्रीलंका के सामने कीवी चैलेंज
श्रीलंका की टीम अभी 53.33% पॉइंट्स के साथ तीसरे नंबर पर है। उसे अभी दो टेस्ट मैच खेलने हैं। ये दोनों मुकाबले न्यूजीलैंड के खिलाफ न्यूजीलैंड में होंगे। अगर श्रीलंकाई टीम दोनों टेस्ट में जीत हासिल करती है तो उसके 61.11% पॉइंट्स होंगे। इतने पॉइंट्स के साथ श्रीलंका फाइनल खेल सकता है लेकिन ऐसा तभी होगा जब भारत, ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका में से कोई दो टीम अपने बचे हुए मुकाबलों में बहुत ही खराब खेले।
फाइनल में पहुंचने के लिए भारत को क्या करना होगा
टीम इंडिया अभी 52.08% पॉइंट्स के साथ चौथे नंबर पर है। भारत के इस समय 6 टेस्ट बाकी हैं। दो बांग्लादेश के खिलाफ बांग्लादेश में और चार ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत में।
भारतीय टीम के तमाम सिनैरियो देखते हैं
- अगर भारत सभी 6 टेस्ट मैच जीत लेता है- इस स्थिति में 68.05% पॉइंट्स होते हैं और टीम फाइनल के लिए क्वालिफाई कर जाएगी। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि इस स्थिति में भारत का टॉप-2 में आना सुनिश्चित हो जाएगा क्योंकि भारत के 4 मैच ऑस्ट्रेलिया से हैं। भारत की सभी मैचों में जीत का मतलब होगा ऑस्ट्रेलिया का कम से कम 4 मैच हारना। ऐसे होने पर ऑस्ट्रेलिया के पॉइंट्स भारत से कम हो जाएंगे।
- अगर भारत 5 टेस्ट जीतता है और 1 ड्रॉ खेलता है- इस स्थिति में भारत के 64.35% पॉइंट्स होंगे। इस स्थिति में भारत तभी फाइनल में पहुंच सकता है जब या तो ऑस्ट्रेलिया कम से कम 4 टेस्ट मैच हारे या साउथ अफ्रीका कम से कम 1 मैच हारे और 1 ड्रॉ खेले।
- अगर भारत 5 टेस्ट जीतता है और 1 हारता है- इस स्थिति में भारत के 62.5% पॉइंट्स होंगे। इस स्थिति में भारत फाइनल में तभी पहुंच सकता है जब साउथ अफ्रीका कम से कम 1 टेस्ट हारे और 1 ड्रॉ खेले या ऑस्ट्रेलिया कम से कम 5 टेस्ट हारे।
- अगर भारत 4 टेस्ट जीतता है और 2 ड्रॉ खेलता है- इस स्थिति में भारत के 60.48% पॉइंट्स होंगे। तब भारत फाइनल तभी खेल सकता है जब साउथ अफ्रीका दो से ज्यादा मैच न जीते। उसके बाकी मुकाबले या तो ड्रॉ रहे या उसमें वह हारे। साथ ही श्रीलंका 1 मैच हारे या ड्रॉ खेले।
- अगर भारत 4 टेस्ट जीतता है, 1 हारता है और 1 ड्रॉ खेलता हैः इस स्थिति में भारत के 58.79% पॉइंट्स रहेंगे। तब भारत तभी फाइनल खेलेगा जब साउथ अफ्रीका दो मैच से ज्यादा न जीते। साथ ही बाकी 3 मैचों में उसे कम से कम 1 में हार जरूर मिले। साथ ही श्राीलंका 1 मैच हारे या ड्रॉ खेले।
- अगर भारत 4 टेस्ट जीतता है और 2 हारता है- इस स्थिति में भारत के 56.94% पॉइंट्स होंगे। इस स्थिति में भारत के लिए जरूरी है कि साउथ अफ्रीका 2 से ज्यादा मैच न जीते और बाकी तीन मैचों में उसे कम से कम दो हार जरूर मिले। साथ ही श्रीलंका 1 मैच हारे या ड्रॉ खेले।
- अगर भारत 3 टेस्ट जीतता है और 3 ड्रॉ खेलता है-इस स्थिति में भारत के 56.94% पॉइंट्स होंगे। इस स्थिति में भारत के लिए जरूरी है कि साउथ अफ्रीका 2 से ज्यादा मैच न जीते और बाकी तीन मैचों में उसे कम से कम दो हार जरूर मिले। साथ ही श्रीलंका एक मैच हारे या ड्रॉ खेले।
- अगर भारत 3 टेस्ट जीतता है, 2 ड्रॉ खेलता है और 1 हारता है- इस स्थिति में भारत के 55.09% पॉइंट्स होंगे। ऐसा होने पर भारत तभी फाइनल में पहुंच सकता है जब साउथ अफ्रीका दो से ज्यादा मैच न जीते और बाकी तीन मैचों में उसे हार मिले। साथ ही श्रीलंका कम से कम 1 मैच जरूर हारे।
इससे कमजोर प्रदर्शन की स्थिति में भारत का फाइनल में पहुंच पाना लगभग नामुमकिन हो जाएगा। आखिर में कनक्लूजन यह निकलता है कि भारत कम से कम पांच मैच जीते तो फाइनल में पहुंचने की उसकी संभावना बहुत ज्यादा होगी। इससे कम जीत पर भारत को दूसरी टीमों के नतीजों पर निर्भर रहना होगा।
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