कोहली बेस्ट कैप्टन: विराट का विनिंग परसेंटेज धोनी से भी 10% ज्यादा; ऑल टाइम ग्रेट्स क्लाइव लॉयड, पोंटिंग और स्मिथ की ये खूबियां भी मौजूद
विराट कोहली ने आगामी टी-20 वर्ल्ड कप के बाद टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने का फैसला किया है। विराट ने गुरुवार को सोशल मीडिया के जरिए अपनी कप्तानी छोड़ने की बात कही। हालांकि विराट टेस्ट और वनडे में टीम की कप्तानी जारी रखेंगे।
ट्रॉफी जीतकर छोड़ना चाहेंगे कप्तानी
17 अक्टूबर से शुरू होने वाले टी-20 वर्ल्ड कप में विराट कोहली आखिरी बार भारत के लिए टी-20 टीम की कप्तानी करते नजर आएंगे। यह पहला मौका भी होगा, जब विराट इस टूर्नामेंट में कप्तानी करेंगे। ऐसे में कोहली जरूर टीम इंडिया को चैंपियन बनाकर अपनी कप्तानी से विदाई लेना चाहेंगे।
बतौर कप्तान भले ही विराट कोई बड़ी ट्रॉफी न जीत सके हों, लेकिन मौजूदा समय में टीम इंडिया को ऊंचाइयों तक पहुंचाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है। विराट को 2017 में लिमिटेड ओवर का कप्तान बनाया गया था। अभी तक 45 टी-20 इंटरनेशनल मैचों में से 27 में उन्होंने जीत दर्ज की, जबकि 14 में टीम को हार का मुंह देखना पड़ा। 2 मैच का परिणाम नहीं आ सका और दो मुकाबले टाई रहे। वनडे में कोहली ने 95 मैचों में टीम की कमान संभाली और 65 मुकाबले जीतने में सफल रहे। 27 मैचों में टीम को हार मिली और एक टाई रहा व 2 का नतीजा नहीं आया।
टेस्ट फॉर्मेट में कोहली ने 65 मैचों की टीम की कप्तानी की और 38 मैच जीतने में सफल रहे। 16 में उनको हार मिली और 11 मुकाबले ड्रॉ पर समाप्त हुए। ओवलऑल उन्होंने कुल 205 मैचों में भारत की कप्तानी करते हुए 130 मैच जीते हैं और 57 हारे हैं। 3 मुकाबले टाई रहे और 11 ड्रॉ रहे।
कौन है सर्वश्रेष्ठ भारतीय कप्तान?
मौजूदा समय में भारत के सबसे सफल कप्तान का चयन किया जाए तो कोहली का नाम महेंद्र सिंह धोनी और मोहम्मद अजहरुद्दीन के बाद तीसरे स्थान पर आता है। धोनी ने भारत को अपनी कप्तानी में ICC के 3 खिताब जिताए। अजहरुद्दीन के कार्यकाल में भारत ने तीन वर्ल्ड कप खेले और कोहली की अगुआई में टीम अभी तक 3 ICC टूर्नामेंट के नॉकआउट में पहुंची है।
इंटरनेशनल क्रिकेट में धोनी का जीत प्रतिशत 53.61 रहा, जबकि अजहरुद्दीन ने 47.05 प्रतिशत मुकाबले जीते। विराट की बात की जाए तो उनका विनिंग परसेंटेज 63.41 रहा है। सौरव गांगुली की गिनती भी देश के सफल कप्तानों में की जाती है। दादा का जीत प्रतिशत 49.48 रहा।
कोहली में मिलते हैं 3 कप्तानों के गुण
विराट कोहली की कप्तानी में क्लाइव लॉयड, रिकी पोंटिंग, ग्रीम स्मिथ और एमएस धोनी जैसे सर्वश्रेष्ठ कप्तानों के गुण देखने को मिलते हैं। 70-80 के दशक में क्लाइव लॉयड की कप्तानी वाली वेस्टइंडीज टीम का दबदबा था। उसके बाद रिकी पोंटिंग के रूप में दुनिया को एक निडर और शक्तिशाली कप्तान मिला। उसी दौरान ग्रीम स्मिथ की अगुआई वाली साउथ अफ्रीका ने भी अपना पूरा दमखम दिखाया। 2007 से शुरू हुआ महेंद्र सिंह धोनी का युग और उसके बाद वर्ल्ड क्रिकेट ने कोहली का विराट रूप देखा।
क्लाइव लॉयड की कप्तानी में चैंपियन बना वेस्टइंडीज
1975 और 1979 में क्लाइव लॉयड की कप्तानी में वेस्टइंडीज वर्ल्ड कप जीतने में सफल रहा। 1983 में भी टीम ने फाइनल में जगह बनाई थी। क्लाइव लॉयड और विराट कोहली की कप्तानी की बात करें तो दोनों ही खिलाड़ी हमेशा तेज गेंदबाजों को खिलाने पर भरोसा जताते थे। वर्ल्ड चैंपियन क्लाइव लॉयड ने 158 इंटरनेशनल मैचों में कमान संभाली और 100 मैच जिताने में कामयाब रहे, जबकि 30 में टीम को हार मिली।
पोंटिंग की तरह अटैकिंग
2000 की शुरुआत से वर्ल्ड क्रिकेट को रिकी पोंटिंग के रूप में सबसे बड़ा कप्तान मिला। पोंटिंग ने अपनी कप्तानी में 2003 और 2007 के वर्ल्ड कप जीते। पोंटिंग और कोहली की कप्तानी में कई बातें एक समान रही हैं। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने 324 इंटरनेशनल मैचों में कप्तानी की और 220 मैच जीतने में सफल रहे, जबकि 77 में टीम को हार मिली। 13 मुकाबले ड्रॉ और दो टाई रहे।
स्मिथ की तरह करते हैं बदलाव
ग्रीम स्मिथ भी क्रिकेट की दुनिया के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में से एक रहे। स्मिथ ने अपनी बल्लेबाजी और अपनी चतुराई भरी कप्तानी से साउथ अफ्रीका को नंबर-1 का ताज पहनाया। तीनों फॉर्मेट में उन्होंने 286 मैचों में टीम की कमान संभाली और 163 मैच जीतने में सफल रहे, 89 में टीम को हार मिली। 27 मैच ड्रॉ और एक टाई रहा। स्मिथ अपनी कप्तानी में बैटिंग क्रम में काफी बदलाव के लिए जाने जाते थे और कोहली भी वैसे ही बल्लेबाजी क्रम में बहुत बदलाव करते हैं।
धोनी की तरह जीत से बढ़कर कुछ नहीं
एमएस धोनी ने 2007 से लेकर 2016 तक अपनी कप्तानी के झंडे गाड़े। धोनी दुनिया के पहले कप्तान बने जिन्होंने ICC की तीनों ट्रॉफी जीतने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। धोनी को कैप्टन कूल के नाम से जाना जाता है। वहीं, कोहली मैदान पर हमेशा आक्रामक अंदाज में नजर आते हैं। एमएस ने कुल 332 मैचों में कप्तानी का जिम्मा संभाला और 178 में जीत, जबकि 120 में हार मिली। 15 मुकाबले ड्रॉ और 6 टाई रहे।
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