कोहली ने कप्तानी छोड़ने के बाद तोड़ी चुप्पी: बोले- टीम की लीडरशिप के लिए कैप्टन बने रहना जरूरी नहीं, धोनी मेरी कप्तानी में खेलने के बाद भी लीडर थे
5 मिनट पहले
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टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने के बाद पहली बार विराट कोहली का कोई बयान सामने आया है। कोहली ने कहा कि लीडर बनने के लिए जरूरी नहीं है कि कप्तान बना जाए। साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज में मिली हार के बाद विराट ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़कर सभी को हैरानी में डाल दिया था। इससे पहले उनको वनडे की कप्तानी से हटा दिया गया था और टी-20 की कैप्टेंसी उन्होंने टी-20 वर्ल्ड कप के बाद ही छोड़ दी थी। अब विराट एक बल्लेबाज के तौर पर टीम इंडिया के लिए खेलते नजर आएंगे।
पूर्व भारतीय कप्तान ने फायरसाइट चैट शो के दौरान बात करते हुए कहा- देखिए, मुझे लगता है कि सबसे पहले आपको इस बात की पूरी समझ होनी चाहिए कि आपने क्या हासिल करने के लिए निर्धारित किया है। आपने उन टारगेट को हासिल किया है या नहीं। हर चीज का एक टाइम प्रीयड होता है, इसलिए आपको इसके बारे में पता होना चाहिए। एक बल्लेबाज के रूप में, आप टीम को और अधिक देने में सक्षम हो सकते हैं, इसलिए उस पर गर्व करें।
लीडर बनने के लिए कप्तान होना जरूरी नहीं
चैट शो के दौरान विराट ने पूर्व भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का उदाहरण देते हुए कहा- लीडर बनने के लिए आपको कप्तान होने की आवश्यकता नहीं है। जब एमएस धोनी टीम में थे, ऐसा नहीं था कि वह लीडर नहीं थे, वह अभी भी वह व्यक्ति थे जिनसे हम इनपुट लेना चाहते थे। जीतना या हारना आपके हाथ में नहीं होता। उत्कृष्टता के लिए प्रयास करना और हर दिन बेहतर होना जरूरी है।
मैं हमेशा कप्तान की तरह सोचता था
विराट कोहली को 2015 में टेस्ट और 2017 में लिमिटेड ओवर में भारत का कप्तान बनाया गया था। विराट ने अपने बयान में आगे कहा- मुझे लगता है कि सभी प्रकार की भूमिकाओं और अवसरों को स्वीकार करना होगा। मैंने इसके तहत खेला है। पहले एमएस धोनी कप्तान थे और फिर मैं कप्तान बन गया। हालांकि मेरी मानसिकता इतने समय से एक ही रही है। मैं हमेशा एक कप्तान की तरह सोचता था जब मैं टीम में सिर्फ एक खिलाड़ी था, तब भी।
कोहली की कप्तानी में मिली सफलता
विराट कोहली की अगुआई में भारतीय टीम टेस्ट क्रिकेट में 42 महीनों तक टेस्ट रैंकिंग में पहले पायदान पर रही। कोहली की कप्तानी में टीम अक्टूबर 2016 में पहली बार टेस्ट में नंबर-1 बनी थी और 2020 मार्च तक इस पायदान पर बरकरार रही। लगातार 42 महीनों तक टेस्ट क्रिकेट में राज करना अपने आप में बहुत बड़ी बात है।
2018-19 में भारत ने विराट की कप्तानी में ऑस्ट्रेलिया को उसकी सरजमीं पर 2-1 से हराकर टेस्ट सीरीज जीती थी। इसके साथ ही कोहली एशिया पहले ऐसे कप्तान बन गए थे, जिन्होंने कंगारूओं को उन्हीं की धरती पर टेस्ट सीरीज में हराया। 68 मैचों में टीम की कमान संभालते हुए उन्होंने देश को 40 मैच जिताए। कोहली का जीत प्रतिशत 58.82 का रहा।
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