कैबिनेट बैठक: राष्ट्रीय बायोफ्यूल पॉलिसी में संशोधन को मिली मंजूरी, 2025-26 तक 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य
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- Cabinet Meeting ; Amendment Approved In National Biofuel Policy, Target Of 20% Ethanol Blending By 2025 26
नई दिल्ली10 मिनट पहले
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आज हुई कैबिनेट की बैठक में बायोफ्यूल (जैव-ईंधन) पर राष्ट्रीय नीति-2018 को मंजूरी मिली है। इसके तहत एथेनॉल का उत्पादन बढ़ेगा। उत्पादन बढ़ाने के लिए कई और फसलों का इस्तेमाल करने की इजाज़त दी गई है। पेट्रोल-डीजल में एथेनॉल की ब्लेंडिंग 20% करने का लक्ष्य अब 2030 की बजाय 2025-26 किया गया।
राष्ट्रीय जैव-ईधन नीति, जिसे पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय द्वारा 2009 में लागू किया गया था। उसके स्थान पर ‘बायोफ्यूल पर राष्ट्रीय नीति-2018’ को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने 04 जून 2018 को अधिसूचित किया था।
2025-26 तक 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य
सरकार ने अगले दो साल में पेट्रोल में 20% एथेनॉल ब्लेंडिंग (सम्मिश्रण) का लक्ष्य रखा है इससे देश को महंगे तेल आयात पर निर्भरता कम करने में मदद मिलेगी। इससे पहले सरकार ने 2030 तक इसे हासिल करने का लक्ष्य रखा था जिसे अब 2025-26 कर दिया है। तेल कंपनियां भारतीय मानक ब्यूरो के मानकों के अनुरूप 20% एथेनॉल के मिश्रण वाला पेट्रोल बेचेंगी।
बायोफ्यूल पॉलिसी के लिए स्वीकृत मुख्य संशोधन
- जैव-ईंधन के उत्पादन के लिए अधिक फीडस्टॉक्स को मंजूरी।
- पेट्रोल में 20% एथेनॉल के मिश्रण के लक्ष्य को 2030 से पहले 2025-26 में ही प्राप्त करना।
- मेक इन इंडिया कार्यक्रम के तहत विशेष आर्थिक जोन (सेज)/निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) द्वारा देश में बायोफ्यूल के उत्पादन को प्रोत्साहन देना।
- एनबीसीसी में नये सदस्यों को जोड़ना।
- विशेष मामलों में बायोफ्यूल के निर्यात की अनुमति देना।
क्या होता है एथेनॉल?
एथेनॉल इको-फ्रैंडली फ्यूल है। एथेनॉल एक तरह का अल्कोहल है जिसे पेट्रोल में मिलाकर गाड़ियों में फ्यूल की तरह इस्तेमाल किया जाता है। एथेनॉल का उत्पादन वैसे तो गन्ने से होता है। एथेनॉल ब्लेंडिंग वाले पेट्रोल से आम आदमी को भी बड़ा फायदा होगा।
एथेनॉल मिलाने से क्या फायदा है?
पेट्रोल में एथेनॉल मिलाने से पेट्रोल के उपयोग से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इसके इस्तेमाल से गाड़ियां 35% कम कार्बन मोनोऑक्साइड का उत्सर्जन करती है। सल्फर डाइऑक्साइड और हाइड्रोकार्बन का उत्सर्जन भी इथेनॉल कम करता है। इथेनॉल में मौजूद 35 फीसदी ऑक्सीजन के चलते ये फ्यूल नाइट्रोजन ऑक्साइड के उत्सर्जन को भी कम करता है।
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