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केकेआर ने कुलदीप यादव को चार साल पीछे धकेला: हमेशा से तेज गेंदबाज बनना चाहते थे कुलदीप, लॉकडाउन में की गई मेहनत अब रंग लाई: कपिल पांडेय

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कानपुर10 मिनट पहलेलेखक: शलभ आनंद बाजपेयी

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कुलदीप यादव के साथ उनके कोच कपिल देव पांडे

बाएं हाथ के स्पिनर कुलदीप यादव के कोच कपिल देव पांडे का ऐसा सोचना है कि पिछले 2 से 3 सालों से कुलदीप को टीम इंडिया में खेलने का मौका न मिलने से उनको करीब चार साल पीछे कर दिया है। कुलदीप बेहतरीन फॉर्म में थे तब भी उनको टीम में सेलेक्ट नहीं किया गया। पिछले साल आईपीएल में हुई इंजरी के बाद उनको नियमित अवसर नहीं दिए गए। भास्कर से बात करते हुए कुलदीप के कोच कपिल ने यह भी बताया की आईपीएल की फ्रैंचाइज़ी कोलकाता नाईट राइडर्स के कप्तान दिनेश कार्तिक ने कुलदीप को टीम में शामिल तो किया लेकिन उनको खेलने का मौका नहीं दिया जिसकी वजह से उनका खेल प्रभावित हुआ। भास्कर से एक्सक्लूसिव बातचीत में उन्होंने कुलदीप के बारे में कई बातें सांझा की।

आईपीएल के पहले मैच रोहित शर्मा को आउट करने के बाद कुलदीप यादव

आईपीएल के पहले मैच रोहित शर्मा को आउट करने के बाद कुलदीप यादव

कुलदीप के इस बार के आईपीएल सीजन में काफी बदलाव देखने को मिला है? क्या बदलाव किए है उन्होंने?
कुलदीप ने अपनी बोलिंग में स्पीड बढ़ाई है। उनकी गेंद पहले 75 से 80 की गति की होती थी लेकिन इस सीजन में उन्होंने इसे 85 से 95 किमी के बीच तक पहुंचाया है। साथ ही अपनी कलाई के इस्तेमाल को और अच्छा किया है। यह बदलाव करने के बाद उनकी गेंद अपने आप ड्रिफ्ट होने लगी है। पहले भी ड्रिफ्ट होती थी लेकिन उनको विकेट नहीं मिलते थे। लेकिन थोड़ा बदलाव करने के बाद उनकी गुड लेंथ, गूगली, चाइनामैन और नियमित उछाल जो मिलना चाहिए एक स्पिन गेंदबाज को वह मिलना शुरू हो गई है। इससे बल्लेबाज को उनकी गेंद समझने में भी मुश्किल होने लगी है। जब वह अपनी गेंद को फ़लाइटेड रखते है तो वह ज्यादा स्पिन होती है। यह सब हम लोगों ने पिछले दो साल की कड़ी मेहनत में किया है। इस सीजन में हम दोनों ही लोगों ने स्पिन से ज्यादा विकेट टू विकेट गेंदबाजी करने पर ज्यादा ध्यान दे रहे है।

कानपुर में अभ्यास करते कुलदीप यादव

कानपुर में अभ्यास करते कुलदीप यादव

कुलदीप काफी समय से भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पा रहे है, कोई खास वजह?
कुलदीप पिछले कई सालों से टीम इंडिया का हिस्सा नहीं बन पा रहे है यह सब जानते है। उन्होंने जब सिडनी में पांच विकेट लिए थे तब सभी पूर्व क्रिकेटरों ने उनकी सराहना की थी और कहा था कि वह आने वाले समय में भारत के लिए सबसे बेहतरीन स्पिन गेंदबाज साबित होंगे लेकिन उस मैच के बाद से ही उनको टीम में जगह मिलना बंद हो गई। यह उनके करियर के लिए काफी दुर्भाग्यपूर्ण रहा। टीम मैनेजमेंट और सेलेक्टर्स को यह सोचना चाहिए कि जब कोई गेंदबाज 5 विकेट लेकर मैच जीता सकता है तो उससे बेहतर विकल्प क्या हो सकता है।

किस तरह के बल्लेबाजों को आउट करके खुशी मिलती है?
कुलदीप को दिग्गज खिलाड़ियों को आउट करके गेम चेंज करने में ज्यादा मजा आता है। जैसे आईपीएल के इस सीजन में पहले ही मैच में उन्होंने रोहित शर्मा को गूगली फेक कर पवेलियन का रास्ता दिखाया था। तब उन्होंने मुझ से फोन पर पूछा था की सर गूगली ठीक थी न। ऐसे ही पाकिस्तान के खिलाफ जब उन्होंने बाबर आजम का विकेट लिया था तब भी उन्होंने मुझे फोन किया था। केकेआर के खिलाफ जब श्रेयस अय्यर को आउट किया था उसकी पहली गेंद पर श्रेयस ने उनको छक्का लगाया था।

कुलदीप यादव वसीम अकरम से टिप्स लेते हुए

कुलदीप यादव वसीम अकरम से टिप्स लेते हुए

क्या हमेशा से ही कुलदीप स्पिन गेंदबाजी करना चाहते थे?

बिलकुल भी नहीं। कुलदीप हमेशा से ही तेज गेंदबाज बनना चाहते थे। जब मैंने आज से 17 से 18 साल पहले उनकी ट्रेनिंग देनी शुरू की थी तब वह मीडियम प्रेशर थे। लेकिन जब मैंने उनको सलाह दी और समझाया की उनकी बिल्ट वसीम जैसी नहीं है और नाही ही उनके जैसी हाइट है। यह बात समझाने के बाद कुलदीप मुझसे काफी नाराज भी हुआ था। लेकिन धीरे धीरे उसे समझ आया कि स्पिन गेंदबाजी में वह कमाल कर सकता है। वसीम अकरम को वह अपना आइडल मानते थे और आज भी वसीम के वह बहुत बड़े फैन है। उन्होंने वसीम से भी यही बात बोली थी की वह उनकी तरह तेज गेंदबाज बनन चाहते है तो जवाब में वसीम ने कहा अच्छा हुआ तुम मेरे जैसे नहीं बने नहीं तो जो तुम आज हो वो भी नहीं रहते।

प्रवीण तांबे

प्रवीण तांबे

क्या कुलदीप की कहानी कहीं प्रवीण तांबे की तरह तो नहीं?

बिल्कुल नहीं। प्रवीण तांबे ने अपनी गेंदबाजी बहुत सालों बाद बदली लेकिन मैंने कुलदीप को 2004 2005 में ही लेफ्ट आर्म मीडियम पेसर से लेफ्ट आर्म स्पिनर बना दिया था।

क्या इस आईपीएल सीजन के लिए कोई टिप्स लेते है आपसे?

ऐसी तो कोई खास टिप्स नहीं दी, लेकिन वह अक्सर फोन पर जब भी बात करता है तो गेंदबाजी में और क्या बदलाव किये जा सकते है कितनी गति रखनी है किस बल्लेबाज के खिलाफ इस पर हम लोग चर्चा करते है। पिछले साल आईपीएल सीजन में इंजरी के पहले हम लोगों लॉकडाउन के दौरान 15 से 18 घंटे रोवर्स ग्राउंड में पसीना बहाते थे। इस कड़े अभ्यास के बाद भी कुलदीप को ना तो इंडिया टीम में जगह मिली और नाही आईपीएल में केकेआर ने खेलने का मौका दिया। केकेआर ने कुलदीप को चार साल पीछे धकेला। चाइनामैन को इस टीम ने 4 से 5 साल पीछे कर दिया। लेकिन उस दौरान की गई मेहनत का फल अब दिल्ली की टीम के साथ खेल कर मिल रहा है।

2021 आईपीएल के दौरान इंजरी की वजह से बाहर हो गए थे कुलदीप

2021 आईपीएल के दौरान इंजरी की वजह से बाहर हो गए थे कुलदीप

क्या कोहली और रोहित शर्मा के बीच के विवाद की वजह से तो नहीं कुलदीप को टीम में शामिल न किया जा रहा हो?

कुलदीप यादव का किसी के साथ कोई विवाद नहीं रहा है और नाही किसी साजिश का शिकार हुआ है। जब विराट कप्तान थे तब अश्विन, जडेजा, चहल का कॉम्बिनेशन अच्छा चल रहा था। यहां एक सबसे खास बात यह है की टीम का सिलेक्शन विरोधी टीम के हिसाब से किया जाता है। इसको सबसे बेहतर कप्तान समझ सकता है। जैसे रोहित शर्मा ने श्रीलंका के खिलाफ कुलदीप को खेलने का मौका दिया, वहीं रिकी पॉइंटिंग और ऋषभ पंत ने के लिए चुना। यह सभी समीकरण विरोधी टीम पर निर्भर करता है।

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