कुलदीप का डेब्यू नहीं देख पाए पिता: हेयर सैलून में ग्राहकों के बाल काटते रहे, दुकान में न टीवी था और न मोबाइल
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स्पोर्ट्स डेस्क2 मिनट पहले
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रीवा के तेज गेंदबाज कुलदीप सेन ने रविवार को इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया। बांग्लादेश के खिलाफ वो पहले वनडे की प्लेइंग-11 में शामिल थे। सेन रीवा संभाग के इकलौते इंटरनेशनल क्रिकेटर हैं।
26 साल के इस गेंदबाज ने अपने डेब्यू मैच में 2 विकेट झटके। हालांकि, कुलदीप के पिता रामपाल सेन बेटे का डेब्यू नहीं देख सके। दरअसल, जब मैच चल रहा था तब रामपाल अपने हेयर कटिंग सैलून पर ग्राहकों के बाल काट रहे थे। रविवार होने की वजह से ग्राहक भी ज्यादा थे। रामपाल रीवा के सिरमौर चौराहे पर सैलून चलाते हैं।
मैच के बाद जब दैनिक भास्कर ने कुलदीप के पिता रामपाल सेन से बेटे के प्रदर्शन पर प्रतिक्रिया जाननी चाही तो उन्होंने कहा- मैं तो उसका मैच ही नहीं देख पाया। दुकान में मेरे पास TV और मोबाइल नहीं है। इसलिए मैच नहीं देख पाता हूं। वैसे भी जब मैच आ रहा था, तब मैं दुकान में था। अब घर जाकर बच्चों से उसका प्रदर्शन जानूंगा।
बेटे के डेब्यू पर 55 साल के रामपाल सेन ने कहा- यह मेरे लिए गर्व की बात है कि बेटा इतनी छोटी जगह से निकलकर भारतीय टीम में खेल रहा है। आगे देखेंगे पहले इंटरनेशनल मुकाबले में कुलदीप का प्रदर्शन…उससे पहले हमारे इस पोल में अपनी राय दे दीजिए…
(यहां पाेल लगाना है। )
प्रदर्शन देखने के बाद अब आपको लिए चलते हैं कुलदीप के घर…जहां उनके भाई, छोटी बहन और साथी कुलदीप का डेब्यू मैच देख रहे थे। पहले देख लीजिए कुलदीप के पिता की दुकान का फोटो…
रीवा के सिरमौर चौराहा स्थित कुलदीप के पिता का सैलून।
घर से लाइव… भाई की खास तैयारी
कुलदीप के डेब्यू मैच के लिए भाई ने खास तैयारी की थी। उसने मैच देखने के लिए दोस्तों को घर बुलाया था। मैच शुरू होने के बाद छोटी बहन भी मैच देखने आ गई। सभी मैच तो देख रहे थे। लेकिन, उनके चेहरों पर वह उत्साह नजर नहीं आ रहा था। क्योंकि, पहले स्पेल में कुलदीप खाली हाथ रहे। हालांकि, सुकून इस बात का था कि कम से कम डेब्यू तो मिला। सभी बॉल टू बॉल मैच देखते रहे। जैसे ही कुलदीप को एक ओवर में दो विकेट मिले तो भाई की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
(दैनिक भास्कर, रीवा के रिपोर्टर बृजेश दुबे की नजर से…)
रीवा के पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर हैं सेन
कुलदीप रीवा के पहले इंटरनेशनल क्रिकेटर है। उनसे पहले 2014 में ईश्वर पांडेय टीम इंडिया में चुने गए थे। लेकिन, उन्हें डेब्यू करने का मौका नहीं मिला था। तब महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली टीम इंडिया न्यूजीलैंड दौरे पर गई थी और पांडेय बिना डेब्यू कैप के लौटे थे।
कुलदीप भी कुछ दिन पहले समाप्त हुए न्यूजीलैंड दौरे पर टीम इंडिया का हिस्सा थे। शिखर धवन की कप्तानी वाली टीम में उन्हें डेब्यू करने का मौका नहीं मिला। ऐसे में कुलदीप ने ईश्वर पांडेय की याद दिला दी।
संघर्षपूर्ण रहा सफर
कुलदीप का सफर संघर्षपूर्ण रहा। एक समय उनके पास स्टेट लेवल टूर्नामेंट खेलने जाने के लिए किराए तक के पैसे नहीं होते थे। एक बार कुलदीप ने अपनी मां से 500 रुपए मांगे और मां ने पिता से कह दिया। तब पिता को पता चला कि कुलदीप क्रिकेट खेलता है। हालांकि, तब तक कुलदीप कई स्टेट टूर्नामेंट खेल चुके थे।
बचपन में वे मोजे यानी सॉक्स की बॉल बनाकर खेलते थे। एक बार उन्हें उनके साथी खिलाड़ी ने स्पाइक्स दिए थे। इनकी मदद से कुलदीप के लिए बॉलिंग करना आसान हो गया।
कोच ने फ्री कोचिंग दी
कुलदीप गरीब परिवार से आते हैं। ऐसे में उनके शुरुआती कोच एंथोनी ने उन्हें फ्री में कोचिंग दी।
टीम इंडिया ने एक विकेट से गंवाया मुकाबला
टीम इंडिया को बांग्लादेश के खिलाफ पहले वनडे मुकाबले में एक विकेट से हार झेलनी पड़ी। इस लो-स्कोरिंग मुकाबले में टॉस हारकर पहले खेलने उतरे भारत की पारी 41.2 ओवर में 186 रन के स्कोर पर सिमट गई। जवाब में बांग्लादेश की टीम ने 46वें ओवर में नौ विकेट पर जीत के लिए जरूरी रन बना डाले। अगले ग्राफिक्स में देखिए मैच का ब्रीफ स्कोर…
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